सेवा कार्य स्वयंसेवक करते हैं, संघ नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के बाद से ही सेवा कार्यों के प्रति विशेष जोर दिया गया। डॉ. हेडगेवारजी के जन्मशती वर्ष १९९० में सेवा क्षेत्र को एक कार्य विभाग के रूप में नया आयाम दिया गया। आगे चलकर ‘सेवाभारती’ ने मानव सेवा के नए मूल्य स्थापित किए। संस्था के अब तक के प्रवास एवं उतार-चढ़ाव को लेकर संघ के पूर्व अखिल भारतीय सेवा प्रमुख सुहासराव हिरेमठ ने अमोल पेडणेकर के साथ लम्बी बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसी लम्बी बातचीत के संपादित अंश: