केसरिया झंडे को ही संघ ने सर्वोच्च स्थान क्यों दिया?

Continue Readingकेसरिया झंडे को ही संघ ने सर्वोच्च स्थान क्यों दिया?

भगवा ध्वज हिंदुओं को त्याग, बलिदान, शौर्य, देशभक्ति आदि की प्रेरणा देने में सदैव सक्षम रहा है। यह ध्वज हिंदू समाज के सतत संघर्षों और विजयश्री का साक्षी रहा है। ‘भगवा ध्वज’ के बिना हम हिंदू संस्कृति, हिंदू राष्ट्र और हिंदू धर्म की कल्पना नहीं कर सकते। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के…

गुरु पूर्णिमा: दुनिया से परिचय कराने वाले गुरु की महिमा

Continue Readingगुरु पूर्णिमा: दुनिया से परिचय कराने वाले गुरु की महिमा

गुरु, ब्रम्हा जी की तरह हमारे हृदय में उच्च संस्कार भरते हैं, विष्णु जी की तरह पोषण करते हैं एवं शिवजी की तरह हमारे कुसंस्कारों एवं जीवभाव का संहार करते हैं। मित्रों और संबंधियों द्वारा अथक प्रयास के बाद भी जो ज्ञान हमें प्राप्त नहीं हो सकता, वह सब हमें ब्रम्हदेवता गुरु से सहज ही प्राप्त हो जाता है।

संघ का गुरु भगवाध्वज

Continue Readingसंघ का गुरु भगवाध्वज

ध्वज हिंदुओं को त्याग, बलिदान, शौर्य, देशभक्ति आदि की प्रेरणा देने में सदैव सक्षम रहा है। यह ध्वज हिंदू समाज के सतत् संघर्षों और विजयश्री का साक्षी रहा है। ‘भगवा ध्वज’ के बिना हम हिंदू संस्कृति, हिंदू राष्ट्र और हिंदू धर्म की कल्पना नहीं कर सकते।

बंदउ गुरु पद कंज

Continue Readingबंदउ गुरु पद कंज

गुरु वह प्रज्ञावान, ज्ञानवान महापुरुष और श्रेष्ठ मानव होता है जो अपने ज्ञान का अभीसिंचन करके व्यक्ति में जीवन जीने तथा अपने कर्तव्य को पूरा करने में उसकी सुप्त प्रतिभा और प्रज्ञा का जागरण करता है।

गुरु बिन भ्रम ना जासी

Continue Readingगुरु बिन भ्रम ना जासी

गुरु के सत्संग के प्रहार से व्यक्ति के जीवन में प्रकाश आता है। लेकिन वर्तमान में शिक्षा और अध्यात्म व्यापार बन गया है, ऐसे में नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने वाले गुरुओं की तलाश करना हमारे लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। सच्चे गुरु की आज भी उतनी ही दरकार है, जितनी पहले थी।

गुरुवर्य नहीं होते तो मेरा जीवन अधूरा रह जाता…-

Continue Readingगुरुवर्य नहीं होते तो मेरा जीवन अधूरा रह जाता…-

अगर शाश्वत सत्य का परिचय करना हो तो गुरू अत्यंत आवश्यक है। ...आज मैं शाश्वत सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ा हूं और वैज्ञानिक के रूप में भी आगे बढ़ा हूं तो इन दोनों का ही श्रेय मेरे गुरू श्री साखरे महाराज को जाता है। वे न आते तो शायद मेरा जीवन अधूरा ही रह जाता।

कश्मीर का आध्यात्मिक महत्व

Continue Readingकश्मीर का आध्यात्मिक महत्व

कश्मीर के आध्यात्मिक महत्व का आरंभ ‘शारदा पीठ’ से होता है| इसका दक्षिण द्वार आद्य श्री शंकराचार्य  ने खोला था| यह ‘शारदा पीठ’ आज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है|  यह शारदा पीठ यानी विद्या की देवता ‘सरस्वती माता’ का मंदिर| प्राचीन काल में इस प्रदेश को शारदा देश कहा जाता था|

तस्मै श्री गुरवे नमः

Continue Readingतस्मै श्री गुरवे नमः

भारतीय जीवन परंपरावादी है। हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच-विचार कर, ज्ञान-विज्ञान और समय की कसौटी पर सौ प्रतिशत कस कर कुछ परंपराओं का निर्माण किया।

छात्रों में संस्कृति संवर्धन का अनोखा प्रयास

Continue Readingछात्रों में संस्कृति संवर्धन का अनोखा प्रयास

जीवन विद्या मिशन के शिल्पकार स्वर्गीय वामनराव पै कहते थे, ‘संस्कृति समाज की आत्मा है, केवल स्वार्थ का विचार विकृति को जन्म देता है, तो संस्कारों के सिंचन से संस्कृति समृद्ध बनती है।’

End of content

No more pages to load