योगी सरकार का एक निर्णय और छद्म धर्मनिरपेक्ष बैचेन

Continue Readingयोगी सरकार का एक निर्णय और छद्म धर्मनिरपेक्ष बैचेन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के एक निर्णय से छद्म धर्मनिरपेक्ष दल बहुत बैचेन और व्यग्र हैं। चिंता में हैं कि अब उनकी तुष्टिकरण की राजनीति का क्या होगा ? प्रदेश की राजनीति में अभी तक कहा जाता रहा है कि दिवंगत सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव…

भारत में मकर संक्रांति पर्व की विविधता

Continue Readingभारत में मकर संक्रांति पर्व की विविधता

संस्कृत प्रार्थना के अनुसार "हे सूर्यदेव, आपका दण्डवत प्रणाम, आप ही इस जगत की आँखें हो। आप सारे संसार के आरम्भ का मूल हो, उसके जीवन व नाश का कारण भी आप ही हो।" सूर्य का प्रकाश जीवन का प्रतीक है। चन्द्रमा भी सूर्य के प्रकाश से आलोकित है। वैदिक…

हर्षोल्लास का महापर्व होली

Continue Readingहर्षोल्लास का महापर्व होली

होलिकादहन में अग्नि की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि अग्नि को परमात्मा का स्वरूप माना गया है। इनकी वन्दना से हमें दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति मिलती है। यदि हम लोग होलिका दहन के सही अर्थ को समझें तो सम्पूर्ण विश्व में आतंकवाद जैसी समस्या ही न रहे क्योंकि यह समस्या मुख्य रूप से दुर्भावना की ही देन है।

संघ के 6 उत्सव और उनके महत्व

Continue Readingसंघ के 6 उत्सव और उनके महत्व

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) किसी परिचय का मोहताज नहीं है यह एक ऐसा संगठन है जो पूरे विश्व में चर्चित है वैसे तो इसका सीधे तौर पर राजनीति से कोई नाता नहीं है लेकिन फिर भी कुछ राजनीतिक दल संघ के कार्यों पर आपत्ति उठाते रहते है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ…

पर्व त्यौहारों की विविधता है भारत की पहचान

Continue Readingपर्व त्यौहारों की विविधता है भारत की पहचान

पोंगल,जल्लीकट्टू,कम्बाला,पोळा,सोहराय,सोनहाना आदि आदि परब त्योहार पशुधन को समर्पित परब है जो कृषि प्रधान भारत वर्ष को विविधता के साथ संस्कृति के एक सूत्र में बाँधने का काम करता है।.. कोई एक साथ ही दीपावली मना रहा तो कोई सोहराय तो कोई काली पूजा, तो कोई कुछ और, कहीं कोई समस्या…

हिन्दू त्यौहार और उनसे जुड़े आर्थिक समीकरण

Continue Readingहिन्दू त्यौहार और उनसे जुड़े आर्थिक समीकरण

दुर्गा पूजा और नवरात्रि पर शुरू हुआ भारत के त्योहारों का एक मौसम दीपावली के बाद भाई दूज पर आकर थोड़ी देर ठहरता है। ठहरता इसलिय क्योंकि त्यौहार यहीं ख़त्म नहीं होते। ये जरूर कहा जा सकता है कि दुर्गा-पूजा के अवसर पर कपड़ों की खरीदारी होती है और परम्परागत…

हिंदू त्योहारों का दुष्प्रचार क्यों?

Continue Readingहिंदू त्योहारों का दुष्प्रचार क्यों?

हर धर्म साल भर विभिन्न त्योहारों को मनाने में विश्वास रखता है।  हिंदू भी साल भर त्योहार मनाते हैं।  मुख्य अंतर यह है कि हिंदू त्योहार मजबूत वैज्ञानिक प्रमाणों द्वारा समर्थित हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं।  पूर्वजों ने त्योहारों को इस तरह से…

बदलती परंपराओं और त्यौहारों का नया स्वाद

Continue Readingबदलती परंपराओं और त्यौहारों का नया स्वाद

ट्रिंग... ट्रिंग... ट्रिंग... कॉलबेल बजी। उत्साह से नेहा ने दरवाजा खोला। अपनी चारों सहेलियों को देख नेहा का चेहरा खिल उठा। “कौन आया है बेटी?” मां भी कमरे से बाहर आ गई। नेहा ने गांव से आई अपनी मां का सभी सहेलियों से परिचय कराया। बातचीत चल निकली तो त्यौहारों पर आकर अटक गई कि…

छठ पर्व का महत्व

Continue Readingछठ पर्व का महत्व

‘छठ पर्व’ सूर्य आराधना का पर्व है। इस संसार मे सूर्य ही प्रत्यक्ष देवता हैं। सूर्य से ही इस पृथ्वी लोक में प्राणियों का अस्तित्व है। सूर्य अगर दीर्घकाल तक अस्त रहें तो यह संसार प्राणी विहीन हो जायेगा, क्योंकि सूर्य के प्रकाश से ही ‘आक्सीजन’ बनता है, जो कि जीवन का आधार है।

अमेरिका में गणेशोत्सव

Continue Readingअमेरिका में गणेशोत्सव

दुनिया भर के सभी देशों में भारत से गये हुये हिन्दू बसे हैं। वे जहाँ भी हैं, वहाँ देवी-देवताओं के मन्दिरों के साथ गणेश भगवान का मन्दिर अवश्य पाया जाता है। गणेश जी सबके घरों में प्रथम देव के रूप पूजे जाते हैं। अमेरिका के प्राय: सभी बड़े शहरों में श्री गणेश जी के मन्दिर बने हुए हैं, जहाँ वे भक्तों की पूजा स्वीकार करके उन्हें अनुग्रहित करते हैं।

चतुर्मास में तांबा-पीतल का महत्त्व

Continue Readingचतुर्मास में तांबा-पीतल का महत्त्व

भारतीय संस्कृति में हर दिन का अपना-अपना विशेष महत्त्व है। हर माह की पूर्णिमा, अमावस्या, चतुर्थी, एकादशी का अपना एक स्थान है। इसी को त्यौहार या उत्सव कहते हैं। इस दिन को की जाने वाली विधि, कुलाचार, पूजा सुनिश्चित है।

रक्षा- बंधन : उत्सव एक, रूप अनेक

Continue Readingरक्षा- बंधन : उत्सव एक, रूप अनेक

भारतीय संस्कृति-परंपरा में अनेक उत्सव मनाये जाते हैं। सभी उत्सवों के पीछे एक निहित भावना होती है और उसमें एक सामाजिक कारण छिपा होता है।

End of content

No more pages to load