मजदुरों के विषय में सरकार उदासीन -उदय पटवर्धन

Continue Readingमजदुरों के विषय में सरकार उदासीन -उदय पटवर्धन

भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदयराव पटवर्धन अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन- आई.एस.ओ.की वार्षिक महासभा में भाग लेकर जेनेवा से लौटे हैं। भारतीय मजदूरों के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने विश्वमंच पर देश के मजदूरों के विभिन्न मुद्दों को उठाया हैं। देश के मजदूरों की समस्याओं, सरकारी नीतियों और भारतीय मजदूर संघ के कार्यों पर उनसे विस्तार से की गयी दिनेश प्रताप सिंह की बातचीत

चिकित्सा के माध्यम से समाज सेवा सर्वोपरी – डॉ. विवेक देशपाण्डे

Continue Readingचिकित्सा के माध्यम से समाज सेवा सर्वोपरी – डॉ. विवेक देशपाण्डे

भारतीय जनता पाटी, मुंबई द्वारा महानगर के चिकित्सकों का प्रकोष्ठ बनाया गया है। इसमें अस्पतालों, दवाखानों और ईएसआई के चिकित्सक शामिल हैं। इस प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. विवेक देशपाण्डेजी हैं।

राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत भारतीय सिनेमा के सौ साल

Continue Readingराष्ट्रवाद से ओत-प्रोत भारतीय सिनेमा के सौ साल

इसी महीने भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे हो रहे हैं। सन् 1912 ई. में दादा साहब फालके ने ‘राजा हरिश्चन्द्र’ फिल्म बनाकर भारत में फिल्म निर्माण की नींव रखी। यद्यपि उस समय की फिल्म मूक होती थी, किन्तु उनके विषय राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत होते थे।

यथार्थ का चित्रण करती कहानियों का संग्रह – एक था आदमी

Continue Readingयथार्थ का चित्रण करती कहानियों का संग्रह – एक था आदमी

साहित्य में कहानी एक सशक्त विधा के रूप में स्थापित है। हिन्दी में कहानी की एक लम्बी परम्परा रही है। प्राचीन काल में जब लेखन कला लोकप्रिय नहीं थी, तब भी श्रुति परम्परा के रूप में कहानी आख्यान के रूप में कही व सुनी जाती थी।

दधीचि परम्परा के संवाहक

Continue Readingदधीचि परम्परा के संवाहक

देह दान के द्वारा महर्षि दधीचि ने समाज कल्याण का अप्रतिम कार्य किया था। उन्हीं के वंशज डॉ. दुर्गा प्रसाद दधीचि ने वर्तमान समय में रोगियों की सेवा हेतु ‘महर्षि दधीचि हास्पिटल’ को ‘संकल्प’ ट्रस्ट को दान करके उसी ऋषि परम्परा को आगे बढ़ाया है। ट्रस्ट द्वारा संचालित ‘श्रीमती पानबाई डायलेसिस सेन्टर’ किडनी के रोगियों का जीवन रक्षक बना हुआ है।

भावरूप राम

Continue Readingभावरूप राम

मानवीय चेतना की चरम अवस्था में ‘राम’ नाम की अनुभूति और प्रतीति शब्दातीत हो जाती है। राम के इस आध्यात्मिक भावनात्मक स्वरूप का आचमन करने हेतु किसी भी प्राणी के लिए तपबल से अर्जित पुण्य नितान्त आवश्यक है।

इतिहास-सत्य का अनावरण करती पुस्तक

Continue Readingइतिहास-सत्य का अनावरण करती पुस्तक

कन्नड़ के प्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. एस. एल. भैरप्पा ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर महत्वपूर्ण उपन्यास ‘आवरण’ की रचना की है। मूलत: कन्नड़ के इस उपन्यास के दो वर्षों में ही तेईस संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं।

पितांबरी: एक कामयाब उद्योग समूह

Continue Readingपितांबरी: एक कामयाब उद्योग समूह

अपने गुणवत्ता पूर्ण उत्पादनों के माध्यम से ‘पितांबरी’ ने आज न केवल सम्पूर्ण भारत वर्ष में अपितु विदेशी बाजारों और ग्राहकों के मन में भी महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है।

पाकिस्तान का समाज और उसकी संस्कृति

Continue Readingपाकिस्तान का समाज और उसकी संस्कृति

भारत की स्वतन्त्रता के साथ ही पाकिस्तान का जन्म हुआ। विभाजन की एक बारीक रेखा के अतिरिक्त उस समय ऐसा और कुछ नहीं था, जो दोनों देशों को मौलिक रूप से अलग करता हो। दोनों देशों की एक साझी विरासत थी।

भारतीय मजदूर संघ

Continue Readingभारतीय मजदूर संघ

देश हित, उद्योग हित और मजदूर हित- इस त्रिसूत्री उद्देश्य के साथ भारतीय मजदूर संघ की स्थापना राष्ट्रवादी विचारक स्व. दत्तोपंत ठेंगड़ी द्वारा 23 जुलाई, 1955 को भोपाल में की गयी।

कुरसी तू बड़भागिनीnews

Continue Readingकुरसी तू बड़भागिनीnews

दी साहित्य में व्यंग्य विधा ने एक लंबा रास्ता तय करके अपना प्रमुख स्थान अर्जित किया है। हिंदी के विद्वान जब पद्य को ही साहित्य की मुख्य धारा मानते थे और गद्य साहित्य को दोयम दर्जा देते थे, उस भक्तिकाल से समाज की कुरीतियों पर जो प्रहार किया था, वह व्यंग्य ही था।

श्रावण मास के लोकप्रिय पर्व

Continue Readingश्रावण मास के लोकप्रिय पर्व

तपती हुई ग्रीष्म ऋतु के अवसान पर कृष्ण रंग के मेघों को आकाश में उमड़ते-घुमड़ते देखकर पावस ऋतु के प्रारंभ में वर्षा की फुहार से आप्लावित और आनंदित होकर भारतीय लोक जीवन झूम उठता है।

End of content

No more pages to load