न्यायपालिका गंभीर संकट में

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सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर जो बवंड़र उठा, उसके पीछे बड़े ताकतवर लोग और समूह हैं, जो न्यायपालिका को प्रभावित कर अपने पक्ष में फैसले करवाना चाहते हैं। ऐसे शक्तिशाली लोगों की साजिश में भूमिका पकड़ पाना आसान नहीं है। पकड़ में आ भी गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई कठिन और कार्रवाई हो गई तो फिर कई स्तरों पर विरोध.

पश्चिम बंगाल रक्तरंजित लोकतंत्र और भ्रष्ट राजनीति

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पश्चिम बंगाल ही हिंसा और बवाल की त्रासदी झेल रहा है। लोकतंत्र को खून से सींचने वाले राजनेताओं को सत्ता मिल जाती है, लेकिन हिंसा की भेंट चढ़ने वाले उस आम आदमी को क्या मिलता है?

तबाही और सवाल छोड़ गया है ‘फानी’

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चक्रवाती तूफानों के नाम रखने की भी एक दिलचस्प प्रक्रिया है। अलग-अलग देश तूफानों के नाम सुझा सकते हैं। बस शर्त यह होती है कि नाम छोटे, समझ में आने लायक और ऐसे हों जिन पर सांस्कृतिक रूप से कोई विवाद नहीं हो। फानी तूफान का नामकरण बांग्लादेश की ओर से किया गया है और बांग्ला में इसका उच्चारण फोनी होता है और इसका मतलब सांप है।

क्या बच्चे अंक उगलनेवाली मशीन हैं?

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आज समाज को यह निर्णय लेना अत्यंत आवश्यक है कि वे बच्चों को अंकों और कृत्रिम सुख सुविधाओं के पीछे भागने वाली मशीन बनाना चाहता है या भावनाओं से ओतप्रोत आत्मशांति से युक्त संवेदनशील और सफल इंसानबनाना चाहता है।

योग – एक जीवन ज्ञान

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योग का संबंध अपने मन से है। पंच महाभूतों से बना शरीर यही ज्ञान देता है कि पंचतत्वों का सात्विक या तामसी स्वरूप मनुष्य की मानसिक अवस्था का दार्शनिक रूप है। सामान्य मानव को शरीर और मन की सुप्त शक्ति का अंदाजा नहीं होता। योग साधक अपनी अखंड योग साधना से इन सुप्त शक्तियों को जागृत करता है।

राजनीति का स्तरतय करना हमारी जिम्मेदारी

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2019 के संसदीय चुनाव में बयानबाजी ने सारी हदें पार की हैं। नेता लोकतंत्र के शिष्टाचार और मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे बिगड़ैल नेताओं के साथ कैसे पेश आए यह प्रबुद्ध मतदाताओं को भविष्य में तय करना ही होगा। अन्यथा, राजनीतिक अराजकता का खतरा पैदा हो जाएगा।

सोशल-मीडिया पर राजनीतिक ‘फैक्ट चेक’

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भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर पिछले कुछ वर्षों से जो हो-हल्ला मचा है, उसका कारण यह नहीं कि किसी की स्वतंत्रता छीनी गई है, बल्कि इसके पीछे टीस यह है कि अब हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक मंच मिल गया है।

आनंदयात्री प्रतिष्ठान

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.जो हो वृद्धों को अपनापन दें, उनके दुखों को समझे, उनके मन में समाज के प्रति यह विश्वास जगाए कि मानवता अभी भी जिंदा है। इसी उद्देश्य को सामने रखते हुए आनंदयात्री प्रतिष्ठान कार्य कर रहा है।

द ग्रेट ग्रेटा

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विश्व के जलवायु ढांचे में तीव्र गति से परिवर्तन हो रहा है। बेमौसम बरसात और आंधी-तूफान से करोड़ों लोक त्रस्त हैं। विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु नष्ट होने के कगार पर हैं।

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