हिन्दू त्योहारों पर गन्दा और भद्दा नाच-गाना क्यों ?
कभी ईद में मुसलमानो को मस्ज़िद के सामने नशा करके अश्लील गानों पर नाचते हुए देखा है क्या ? कभी यीशु मसीह के सामने क्रिस्चियन लोगो को शांताबाई गाने पर नाचते हुए देखा है क्या ? कभी जैन लोगो को उनके भगवान के सामने, आला बाबुराव गाना लगाकर नाचते हुए देखा है क्या ? ये सब समाज अपने अपने इष्ट का मान सम्मान बड़ी ईमानदारी से करते है । क्योकि उनको उनका धर्म उनकी संस्कृति को टिकाना है । फिर हमारे हिन्दू धर्म के भगवान के सामने नशा करके और डीजे लगाकर अश्लील गाने लगाकर ये भद्दा नाच क्यों ?