गैर परम्परागत ऊर्जा, आज की मुख्य आवश्यकता

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अमेरिका के विकास के शुरुआती दौर में शहरों एवं नगर निगमों के विकास हेतु धन की कमी न होने के प्रमुख कारणों में से एक बांड्स का निगमन होना और इस कारण उससे लोगों का जुड़ाव होना रहा। इंदौर भारत का पहला शहर बन गया है जिसने गैर परम्परागत ऊर्जा…

अमृत सरोवर योजना : जल संरक्षण से बदलेगी स्थिति

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पृथ्वी हमारा निवास स्थान है। मनुष्य सहित सभी प्राणी इसी धरती पर जन्म लेते हैं और इसी पर जीवन यापन करते हैं। पृथ्वी हमारे जीवन का आधार है। पृथ्वी से हमें वायु, जल और भोजन प्राप्त होता है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि पृथ्वी ने मनुष्य व अन्य सभी…

बीजों के प्रमाणीकरण के लिए ‘साथी’ पोर्टल, मोबाइल ऐप

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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को नकली बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उसके बारे में पता लगाने और प्रमाणीकरण के लिए पोर्टल तथा मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया। इसे एनआईसी ने कृषि मंत्रालय के सहयोग से ‘उत्तम बीज-समृद्ध किसान’ विषय पर विकसित किया है।…

2023 में चंद्रमा छूने को तैयार

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BENGALURU, KARNATAKA, INDIA, JUNE 10, 2019. India’s moon shot in the clean room at the Indian Space Research Organisation (ISRO) in Bengaluru. India is ready to fly to the moon tentatively slated for lift off at 2.51 AM IST on July 15, 2019 with its satellite Chandrayaan-2, a 3.8 ton satellite which comprises of an orbiter; a lander named Vikram and a lunar rover called Pragyaan. This will be the first time India is attempting a soft landing on the moon. The Indian Space Research Organisation (ISRO) hopes to land the farthest from the lunar equator, nearer to the South Pole of the moon (on Near Side of the moon) as compared to any other earlier mission by any country. India is carrying 13 scientific instruments and a NASA instrument is being carried for free to the moon. The first Indian mission Chandrayaan-1 launched in 2008 was the first mission to discover the presence of water molecules on the parched lunar surface. The Indian mission has cost about $ 150 million and it will be launched from Sriharikota using the Geosynchronous Satellite Launch Vehicle Mark III. (Photo by Pallava Bagla/Corbis via Getty Images)
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चंद्रयान - 2 की असफलता के बाद इसरो उसके अगले चरण की तैयारी में गम्भीर रूप से जुट गया है। चंद्रयान - 3 का प्रक्षेपण जून में किया जाएगा। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा और वहां पर बर्फ की सम्भावनाएं तलाशने का प्रयास करेगा। यदि इसरो अपने मिशन…

भूकम्परोधी निर्माण का महत्व

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तुर्किये में भूकम्प के कारण हुई धन-जन की हानि ने एक बार फिर भूकम्प रोधी मकानों की आवश्यकता की ओर लोगों का ध्यान खींचा है। इस दिशा में व्यापक स्तर पर पहल किए जाने की आवश्यकता है, जिससे जान-माल की हानि से बचा जा सके। भूकम्प व विविध प्राकृतिक आपदाएं…

गलत हाथों में न जाएं परमाणु हथियार

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Pakistani military personnel stand beside a Shaheen III surface-to-surface ballistic missile during Pakistan Day military parade in Islamabad, Pakistan March 23, 2019. REUTERS/Akhtar Soomro
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दिवालिया होने की राह पर खड़ा पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार बेचने की स्थिति तक पहुंच गया है। पाकिस्तान जैसे आतंकवाद पोषक देश द्वारा इस तरह के कदम उठाना मानवता के लिए खतरनाक है। यदि कुछ बम आतंकवादी संगठनों के हाथ लग गए तो सम्पूर्ण विश्व को उसका खामियाजा उठाना पड़ेगा,…

दूध में मिलावट की 30 सेकंड में होगी जांच

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शुद्ध आहार के लिए दूध बहुत महत्वपूर्ण है। फिर भी यह दुनिया में सबसे अधिक मिलावटी खाद्य पदार्थ है। भारत, पाकिस्तान, चीन और ब्राजील जैसे विकासशील देशों में दूध में मिलावट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। मिलावटी दूध के सेवन से गुर्दे की समस्या, नवजात बच्चों की मौत,…

प्रोग्रेसिव कामरेडों की वैज्ञानिक सोच का सच

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उनका प्रिय सवाल आपने न सुना हो, ऐसा तो नहीं हो सकता! चाहे आप किसी भी क्षेत्र में प्रगति की बातें कर लें, ये नारेबाज गिरोह का प्रिय सवाल आएगा ही। आप मंगलयान कहेंगे तो वो पूछेंगे, इससे ग़रीब को रोटी मिलेगी क्या? आप शिक्षा के क्षेत्र में नए विषयों…

ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत

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भारत के अधिकतर भाग में वर्षभर सूर्य दिखता है। साथ ही नदियों के जाल और लम्बे तटीय क्षेत्रों की वजह से हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपने यहां अपार सम्भावनाएं हैं। भारत सरकार ने इस दिशा में व्यापक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इससे भविष्य में खाड़ी देशों के…

इसरो: प्रमुख उपलब्धियां और चुनौतियां

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इसरो ने अपनी स्थापना के बाद से ही राष्ट्र की अंतरिक्ष के क्षेत्र में उन्नति के अनेकानेक कीर्तिमान बनाए हैं। कुछ साल पहले 104 उपग्रहों को एक साथ  अतंरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर इसरो ने नासा जैसी संस्था सहित विश्व को भी आश्चर्यचकित कर दिया। बहुत शीघ्र ही मंगलयान…

सतत विकास हेतु वैज्ञानिक नवाचार आवश्यक

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स्वतंत्रता के पश्चात से ही भारत विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है लेकिन भारत जैसे देश को वैश्विक उपलब्धि पाने के लिए जिस तरह के प्रगति की आवश्यता है, नहीं मिल पा रही है। कारण साफ है, हमारे यहां वैज्ञानिक शोधों के अवसर काफी कम हैं तथा…

नटवरलाल से भी खतरनाक नेटवर्क के लाल

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हमारे आसपास के न जाने कितने लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार होते रहते हैं। फिर भी ठगों को नित नए बकरे मिलते जाते हैं। कारण साफ है, वे हमारे अंदर छिपे लालच से खेलते हैं। इसलिए आवश्यक हो जाता है कि किसी भी जालसाजी की इन घटनाओं से बचने के…

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