हिन्दू-बौद्ध संयुक्त रूप में आज भी विश्वगुरु हैं हम
बुद्ध जयंती अर्थात बुद्ध पूर्णिमा या वेसाक या हनमतसूरीबौद्ध धर्मावलम्बियों के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण, आस्थाजन्य ...
बुद्ध जयंती अर्थात बुद्ध पूर्णिमा या वेसाक या हनमतसूरीबौद्ध धर्मावलम्बियों के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण, आस्थाजन्य ...
हद्दू खां, हस्सू खां और नत्थू खां की गायन शैली को हम ग्वालियर घराने की गायकी कहते हैं। इसको परिमार्जित ...
विश्व संगीत दिवस (२१ जून) को देश भर में संगीत के आयोजन होते हैं। वर्ष १९८२ से प्रतिवर्ष मनाए जाने ...
तरह-तरह के प्रभाव हमारी संस्कृति ने झेले हैं और आज भी उसी दौर से गुजर रही है। इस समय हमारा ...
संगीत-शिक्षा संस्थाओं के प्रारंभ से पूर्व संगीत की तथा संगीतज्ञों की क्या स्थिति रही होगी, समाज के हृदय में संगीत ...
संगीत भारतीय जीवन की आत्मा है। यह संगीतमय भाषा अपने आप में पूर्ण है। यह अधिक सांस्कृतिक है। विभिन्न भाषी ...
सं स्कृत में प्रसिद्ध कहावत है, ‘संगीताद् भवति संस्कार :। ’ केवल मानवी जीवन में ही नहीं अपितु पशु -पक्षी, ...
;इलेक्ट्रोनिक इस्ट्रूमेंट या आधुनिक तकनीक हमारे वाद्यों के लिए, हमारे संगीत समाज के लिए बहुत ही खतरनाक है। दस इस्ट्रूमेंट ...
बचपन में ही मुझे जानकर अच्छा लगा था कि मैं छपरा नगर का निवासी हूं, जहां सरयू तट पर पास ...
कई शब्दों के अर्थ समय के अनुसार बदलते रहते हैं। कभी ‘नेता जी’ शब्द का बड़ा सम्मान था, ...
***विद्या सिन्हा *** भोजपुरी भाषी प्रदेश का विस्तार हमें एक ओर बिहार में छपरा, सीवान, गोपालगंज, भोजपुर ...
बिहार का अतीत बेहद गौरवशाली रहा है। मगर, आधुनिक भारत की जब हम बात करते हैं, तो बिहार की चर्चा ...
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