संघर्ष नहीं समन्वय ही विकास का मार्ग
माजिक जीवन में अपनी पूर्णसहभागिता दर्शानेवाले लोग ही कुछ नया कर दिखाते हैं, इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं पद्मश्री मिलिंद ...
माजिक जीवन में अपनी पूर्णसहभागिता दर्शानेवाले लोग ही कुछ नया कर दिखाते हैं, इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं पद्मश्री मिलिंद ...
ईश्वर की उपासना करने के लिए कहीं बाहर जाने कीआवश्यकता नहीं है। मानव की सेवा करना ही सच्ची ईश्वर भक्ति ...
व्यक्तिगत सम्पन्नता के शिखर पर पहुंचने के बाद अक्सरलोग अपना सामाजिक उत्तरदायित्व भूल जाते हैं। परंतु जब कुछ लोग इस ...
मुंबई में सरकारी और सेवाभावी संस्थाओं द्वारा संचालितकई बड़े-बड़े अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में सभी प्रकार की सुविधाएं हैं, जिनका ...
कई आये कई गये, पर इनके जैसे ये ही’ यह वाक्यांशडॉ. रविराज अहिरराव पर बिलकुल सटीक बैठता है। भारतीय पारंपरिक ...
विवेक रूरल डेवलपमेंट सेंटर’ इस मुख्य संस्था की ‘राष्ट्र सेवा समिति’ उपसंस्था है। समिति के ग्राम विकास केंद्र का निर्माण ...
वनवासी समाज राजनैतिक, सामाजिक, ऐतिहासिक व भौगोलिक कारणों से आज पिछड़ा हुआ दिखता है। स्वतंत्रता मिली थी, तब अंग्रेजों ने ...
कुछ लोगों के सपने साकार होते हैं, कुछ लोगों के नहीं, परन्तु कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनके सपने ...
विदेशों में लगभग 154 देशों के विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ायी जाती है। इनमें आप्रवासी भारतीयों के अलावा स्थानीय छात्र भी ...
राजस्थान के झुंझुंनू जिले की वीर भूमि, धर्म भूमि, दान भूमि एवं विश्व प्रसिद्ध नवलगढ़ कस्बे के निवासी स्व. श्री ...
राजस्थान का नाम आते ही शौर्य और वीर रस का भाव हृदय में हिलोरे लेने लगता है। यहां की देशभक्ति ...
हथकरघा उद्योग को जीवित रखने और इसके मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए इचलकरंजी के विनय सीताराम महाजन सर्वोपरि ...
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