नौकरशाही में उलझे प्रदूषण के नियम
केंद्र सरकार ने २०१५ के कड़े प्रदूषण नियमों को बदल कर उनमें ढील दे दी है. यह तो प्रदूषण पर आगे बढ़ने के बजाय पीछे लौटना हुआ. अतः २०१७ में संशोधित नियमावली को कचरे के डिब्बे में डाल कर २०१५ के मानकों को ही आदर्श के रूप में स्थापित कर उनका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.