विकास और पर्यावरण में टकराव न हो
मुझे लगता है पर्यावरण प्राण जैसा है। जैसे शरीर में प्राण अनिवार्य है; प्राणों के बगैर शरीर संभव नहीं है ...
मुझे लगता है पर्यावरण प्राण जैसा है। जैसे शरीर में प्राण अनिवार्य है; प्राणों के बगैर शरीर संभव नहीं है ...
आज विश्व में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता एवं बहस की जा रही है। पर्यावरणविदों के मन में प्रदूषित ...
रोटी, कपड़ा, मकान ये मानव की तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं। पहली दो आवश्यकताएं प्रकृति से बड़े पैमाने पर उपलब्ध होती ...
ग्लोबल वार्मिंग से मौसम का बदलता मिजाज पृथ्वी पर मानव सभ्यता के लिए खतरे की घंटी है। वैज्ञानिकों में यह ...
विश्व के महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि दो वस्तुएं असीमित हैं- पहला ब्रह्मांड और दूसरा मानव द्वारा की ...
पृथ्वी का वातावरण स्तरीय है। पृथ्वी के नजदीक लगभग ५० ज्ञा पर स्ट्रेटोस्फीयर है जिसमें ओजोन स्तर होता है। यह ...
सुनने में आया है कि लखनऊ में शामे अवध की शान गोमती नदी को लंदन की टेम्स नदी की तरह ...
विज्ञान से मानव की प्रगति होती है? इस प्रश्न का उत्तर खोजें तो पता चलेगा कि ‘विज्ञान की गति के ...
हे विश्वची माझे घर’ अर्थात यह विश्व ही मेरा घर है यह उक्ति इस भूतल पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी ...
राजधानी परिक्षेत्र में धुंध बेहद बढ़ गई, सामने सौ मीटर पर भी कुछ दिखाई न दें, सांस लेना दूभर हो ...
अहमदाबाद के श्रमिक क्षेत्रों की चाल के छप्परनुमा घरों में ’उजाला’ ने दस्तक दे दी है। दरअसल छप्परनुमा खपरैल के ...
हरियाणा पौराणिक, पुरातात्विक एवं ऐतिहासिल धरोहरों को समेटे हुए हैं। कौरव-पांडवों की युद्धस्थली कुरुक्षेत्र को कौन भूल सकता है? किसे ...
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