‘आदर्श’ की तरह प्रस्तुत हों आदर्श

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कहा जाता है कि सिनेमा समाज को दर्पण दिखाता है परंतु यदि उसे माध्यम बनाने वालों का ध्येय शुद्ध ना हो तो वे समाज को गलत इतिहास और कथावस्तु से परिचित कराने का प्रयास करते हैं। तथ्यों से अपरिचित किशोर  और युवा उसी असत्य को सत्य मानकर आचरण करने लगते हैं।

मुसलमानों को भारतीयत्व अपनाना होगा

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भारत में रहने वाले हिंदुओं का अब यह कर्तव्य है कि वे अपने श्रद्धा स्थानों को दासता के चंगुल से मुक्त कराने का बीड़ा उठाएं, जिससे आनेवाली पीढ़ियां अपना सही इतिहास जान सकें। अब भी अगर हिंदू अपनी आंखें मूंदे बैठे रहे, अपने आस-पास रातभर में बन जाने वाली मजारों पर कुछ नहीं बोले और अपने श्रद्धा स्थानों और अपने प्रतीकों को मुक्त करने के लिए उद्यत नहीं हुए तो शिव को शव बनाने के जो प्रयत्न अभी असफल रहे हैं, वे आगे सफल भी हो सकते हैं। 

तनिक मुस्कुराइए

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इंसानों को जानवरों से अलग करने वाली बातों में मुस्कान का क्रमांक पहला कहा जाना चाहिए। बच्चे की पहली किलकारी सुनकर मां के चेहरे पर आई मुस्कान हो या पांच फुट दूर खड़े किसी व्यक्ति को पहचानते हुए आई मुस्कान... सभी का मन से सीधा नाता होता है।

चीन से दोस्ती, जी का जंजाल

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रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भी चीन ने ताइवान पर हमले की बात कहकर विश्व को दो खेमों में बांटने की योजना बनाई थी परंतु वह उसे आगे नहीं ले जा सका क्योंकि वह चाहता था कि चूंकि चीन रूस के साथ है तो रूस भी ताइवान मुद्दे पर उसके साथ खड़ा रहेगा, परंतु यह बात अधिक आगे नहीं बढ़ी।

गोवंश के प्रति समाज अपना दायित्व समझे!-सुनील मानसिंहका

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पिछले लगभग तीन दशकों से गोसेवा के क्षेत्र में कार्य करनेवाली गो सेवा अनुसंधान केंद्र, देवलापार नामक संस्था अब केवल गो वंश को बचाने वाली गोशाला तक सीमित नहीं रही है, वरन अब वह एक बहुत बड़ा अनुसंधान केंद्र बन गई है, जो कि अन्य गोशालाओं के लिए आदर्श है और मार्गदर्शक भी है। प्रस्तुत हैं पिछले लगभग 25 वर्षों से इस केंद्र को सुनियोजित रूप से चलाने वाले संचालक सुनील मानसिंहका से हुई चर्चा के कुछ प्रमुख अंश-

भारतबोध जागृत हो रहा है

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पिछले कुछ महीनों से भारतीय समाज में एक परिवर्तन दिखाई दे रहा है। इसे कुछ लोग सामाजिक ध्रुविकरण कह रहे हैं, कुछ लोग बंटवारे की राजनीति कह रहे हैं, कुछ लोग गंगा-जमुनी संस्कृति पर प्रहार मान रहे हैं। कर्नाटक में हिजाब प्रकरण के बाद हिंदू युवाओं द्वारा भगवा गमछे ओढ़ना,…

दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य महाशक्ति है भारत – मेजर सुरेंद्र पूनिया

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पेशे से डॉक्टर, थल सेना में मेजर रैंक, पैराट्रूपर, म. राष्ट्रपति के सुरक्षाकर्मी, अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण विजेता खिलाड़ी, प्रसिद्ध वक्ता तथा सोशल मीडिया पर सदा चर्चा में रहनेवाले मेजर सुरेन्द्र पूनिया आज समाज का जानामाना नाम है। भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को उन्होंने अत्यंत करीब से देखा है। उनके अनुभवों तथा वर्तमान व भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था पर उनकी बेबाक राय है। प्रस्तुत है उनसे हुई चर्चा के कुछ महत्वपूर्ण अंश-

शस्त्र आवश्यकताओं की पूर्ति करने में समर्थ डीआरडीओ

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आजादी के अमृत महोत्सव में देश की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आज भारतीय सेना जिन आधुनिक शस्त्रास्त्रों से लैस है, उसका श्रेय बहुत हद तक डीआरडीओ को जाता है। बुलेट प्रूफ जैकेट से लेकर ड्रोन का अनुसंधान डीआरडीओ ने किया है और वह भी पूरी तरह भारतीय तंत्रज्ञान के आधार पर। डीआरडीओ के इसी स्वावलंबन और सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी से हुई बातचीत के कुछ महत्वपूर्ण अंश-

चुनावों से पहले का दावानल

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बेंगलुरु के माउंट कार्मेल पीयू कॉलेज में 17 साल की सिख लड़की को पगड़ी उतारकर कॉलेज आने के लिए कहा गया। कॉलेज का कहना था कि उसे 10 फरवरी को दिए गए हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा, जिसमें समान ड्रेस कोड की बात कही गई है। हालांकि…

जाति नहीं, विकास होगा चुनावी आधार

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उत्तरायण के साथ ही भारत के कुछ प्रांतों में गर्मी की अनुभूति होने लगी है और उत्तरप्रदेश, पंजाब और अन्य तीन राज्यों में चुनावों की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। आजकल किसी भी बड़े प्रदेश का चुनाव उस प्रदेश तक सीमित रहता ही नहीं है, उसकी परछाई और रणभेरी का…

राष्ट्रभक्ति को चाहिए राष्ट्रशक्ति का कवच – ले. जन. (से. नि.) डॉ. दत्तात्रेय शेकटकर

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तालिबान-अलकायदा का रिमोट कंट्रोल पाकिस्तान के हाथ में है और पाकिस्तान का रिमोट कंट्रोल चीन के हाथ में। चीन को दबाने से पाकिस्तान खुद ही दुबक जायेगा। इसलिए भारत का सामर्थ्यवान होना आवश्यक है, यह कहना है रक्षा विशेषज्ञ ले.जन. (से.नि.)डॉ.दत्तात्रेय शेकटकर का। उन्होंने हिंदी विवेक को दिए साक्षात्कार में भारत की बाह्य एवं आंतरिक सुरक्षा को लेकर अपनी बेबाक राय रखी और साथ ही अलगाववादी, नक्सली, माओवादी, जिहादी, आतंकवादी इत्यादि राष्ट्रविरोधी तत्वों से निपटने के सटीक उपाय भी बताए। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के सम्पादित अंश -

सवाल नाक का नहीं, राष्ट्रहित का है!

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गुरु नानक जयंती पर सम्पूर्ण राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले तो देश को शुभकामनाएं दीं और फिर देश से क्षमा मांगते हुए जो कहा उसका आशय यह था कि केंद्र सरकार कृषि कानून वापिस ले रही है क्योंकि वह कुछ किसानों को कृषि कानून…

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