रोजगार के लिए जरूरी है मैन्यूफैक्चरिंग फले फूले

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मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ के जरिये देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में कोशिशें कर रही है। यह काम आसान नहीं है; लेकिन यदि वह इसमें कामयाब होती है तो इससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और यह देश में अच्छे दिनों की आहट होगी।

बैंकों के ब़ड़ेे कर्जखोरों का काला चिट्ठा

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भारतीय बैंकों द्वारा वित्त वर्ष 2013 से 2015 के दौरान लाखों करो़ड़ों की भारी रकम को बट्टे खाते में ड़ाल दिया जाना बेहद शर्मनाक घटना है। जिस देश में 32 रुपये प्रति दिन की आय से गरीबी रेखा का निर्धारण किया जाता है, वहां महज दो वित्त वर्षों में एक लाख 14 हजार करो़ड़ रुपये बट्टे खाते में ड़ाल दिए गए। ...यह सब कांग्रेस के कार्यकाल की देन है, जिसे सुधारने की चुनौती मोदी सरकार के समक्ष है।

उद्योगों में कर्मचारियों तथा प्रबंधन में तालमेल

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“इआन हचिंसन के मुताबिक कर्मचारियों को अपने से जोड़ कर रखना भविष्य में संस्थान की उत्पादकता और प्रदर्शन को सुनिश्चित करना है। हेनरी फोर्ड ने भी कहा था कि साथ आना शुरूआत है। साथ बने रहना प्रगति है। साथ काम करना सफलता है।”

भारतीय उद्योग बुलंदियों को छूने तैयार!

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आज हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो चीन के विदेशी मुद्रा भण्डार का लगभग एक दहाई है। इसीलिए ‘मेक इन इंडिया’ का महत्व सामने आता है। इस अभियान से अगले दो-तीन वर्षों में हमारा अंतरराष्ट्रीय व्यापार घाटा तो कम होगा ही, साथ ही साथ विदेशी मुद्रा भण्डार भी बढ़ेगा। ...उद्योग जगत की जबरदस्त संभावनाओं के बीच हम आगे बढ़ रहे हैं।

हरियाणा का औद्योगिक विकास

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जिस प्रकार हरियाणा सभी क्षेत्रों में अपनी विरासत सर्वोच्च बनाए हुए है उसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र में भी राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर अवर्णनीय प्रगति पर है। औद्योगिक क्षेत्र में हरियाणा का योगदान राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसनीय है, जिस पर हरियाणा वासियों और देशवासियों को गर्व है।

आर्थिक सुधार एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की भरमार

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही न केवल अपने पड़ौसी देशों से सम्बंधों में सुधार की दिशा में पहल की; बल्कि स्वदेश में रोजगार और उद्यगों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए। कई नई परियोजनाएं आरंभ की गईं और निर्णय क्षमता में बेहद तेजी आ गई। इससे अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

‘मेक इन इंडिया’ और कौशल विकास

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‘मेक इन इंडिया’ मानव संसाधनों के कौशल विकास पर अधिक बल देता है। इससे युवा पीढ़ी को नई प्रौद्योगिकियों को अवगत करने और उद्योगों की नींव मजबूत होने में सहायता मिलेगी। जरूरी है कि सरकार उद्योगों से सहयोग लेकर इसे भलीभांति लागू करने पर अधिक बल दें।

विकास में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका

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इस बार के केंद्रीय बजट में सरकार ने कृषि के लिए एक बड़ा हिस्सा आबंटित किया है। कृषि आज सामूहिक प्रयासों से उद्योग का रूप ले चुकी है और भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन कर रही है।

क्या है इस बजट में नया?

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अरुण जेटली का तीसरा बजट जटिल राजकोषीय परिस्थितियों और वैश्विक चुनौतियों के बीच शानदार राजनीति और बेहतरीन अर्थशास्त्र का मिश्रण है। ....देश में कुछ ही वित्त मंत्री ऐसे हैं जो ऐसी उपलब्धि का दावा कर सकते हैं, इसलिए यह बजट खास है।

गुजरातः भारत के आर्थिक विकास का ग्रोथ इंजन

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गुजरात में देश के हर राज्य, भाषा, धर्म-संप्रदाय, मजहब के लोग बड़ी आसानी से आकर सुसंवादी माहौल में बस पाए हैं। गुजरात के विकास में यह शांति-संवादिता और बेहतर कानून-व्यवस्था का भी बड़ा योगदान रहा है। निजी निवेशकों ने भी गुजरात को बड़े प्यार से अपनाया है। इसके चलते गुजरात का राष्ट्र के आर्थिक विकास में अनूठा योगदान आगे भी जारी रहेगा।

युवाओं के लिए वरदान मध्यप्रदेश की ‘युवा उद्यमी योजना’

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मध्य प्रदेश की ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ उन बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान है जो नौकर बनकर नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा और क्षमता के बल पर खुद अपना उद्यम लगाकर दूसरों को रोजगार देने वाला बनना चाहते हैं।

पारिवारिक व्यवसाय की दिशा

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पारिवारिक स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों को बदलते परिदृश्य और नई पीढ़ी की अपेक्षाओं के अनुरूप बदलना होगा। परम्परागत प्रबंध की अपेक्षा उन्हें व्यावसायिक प्रबंध की ओर जाना होगा। ऐसे कुछ बदलाव हो भी रहे हैं। उम्मीद है कि भारतीय कार्पोरेट जगत में अगले दशकों में वे अवश्य अगुवा होंगे।

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