अमेरिका, पाकिस्तान और अफगाणिस्तान!! बनते-बिगड़ते रिश्तें

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हामिद कर्जई इस सच्चाई को जानते हैं। इसी लिए वह पाकिस्तान पर संपूर्ण भरोसा नहीं करते हैं। यह बात उन्होंने खुल कर भी कही है। अब देखना है कि अमेरिकी सेना की वापसी के बाद हानिद कर्जई और उनका प्रशासक किस तरह नई चुनौतियों का सायना करता है?

संसद की दीवारें भी कुछ कहती हैं

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भीतर जाकर संसद भवन को बारीकी से देखने का अवसर मुझे नहीं मिला परन्तु राज्यसभा के सांसद न्यायाधीश डॉ. ए. रामा ज्वाईस को मैं धन्यवाद दूंगा, जिनकी पुस्तिका

चीन एक सुरक्षा संकट

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चीन भारत को हर दिशा से घेरने के प्रयास में लगा हुआ है और भारत के समक्ष सुरक्षा का संकट सदैव बना है। उसने न केवल 1962 के युध्द में भारत का बड़ा भूभाग हथिया लिया है, बल्कि ब्रह्मपुत्र पर बांध बनाकर पानी का भारत की ओर बहाव भी रोक रहा है। इस पर पेश है अध्ययनपूर्ण इस लेख की पहली किश्त।

रामदास आठवले और कुछ जातक कथाएं

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कार्य आज नेतृत्व करने वाले नेताओं को करना होगा। उन्होंने आपस में समन्वय, सामंजस्य और सहयोग किया, आपस में एक-दूसरे से प्रेम किया और अपने-अपने अनुयायियों में विजय के प्रति विश्वास पैदा किया तो आने वाले समय में यह कथा निश्चित ही चरितार्थ होगी।

गीता और रूसी मूर्खता

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चीन और उत्तर कोरिया को छोड दिया जाए तो कम्यूनिज्म सारी दुनिया से विदा हो चुका है। चीन तो शांघाई के रूफ में कम्यूनिज्म और फूंजीवाद के मिले-जुले रूफ को अख्तियार कर चुका है।

मुसाफिर जाएगा कहां…

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देव आनंद अभिनीत फिल्मों तथा उनके गीतों का तुलनात्मक अध्ययन करने से यह ज्ञात होगा कि देव आनंद ने जिस भी फिल्म में अभिनय किया, वह यादगार तो रहा ही, साथ ही उनके द्वारा अभिनीत प्रत्येक फिल्म के हर गानों को अमरता ही प्राप्त हो गई।

नायिकाओं का नायक

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65 वर्ष के अपने फिल्मी जीवन में नायिकओं की कई पीढ़ियां आईं और चली गयीं लेकिन देव आनंद नायक का रोल लगातार निभाते रहे। जीवन की सुंदरता को असीमित ऊर्जा और आनंद के साथ जीने की सबसे निराली स्टाइल का एकमात्र उदाहरण ‘देव आनंद’ जीवन के आखिरी क्षण तक ‘सदाबहार देव आनंद’ ही साबित हुए।

देव की दुनिया

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देव आनंद रसिकों की पांच पीढ़ियां पार करने के बावजूद भी देव आनंद ही रहा। यह उसकी छवि का खेल था। परंतु देव आनंद एक बड़े इतिहास का महत्वपूर्ण गवाह था यह बहुत बड़ा रियलिटी शो है। इस इतिहास को खंगालने का यह छोटा सा प्रयास है। उसने स्वयं को हमेशा इतिहास से बड़ा माना.... क्या कहें?

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