आज भी राम-फ्रकल्फ के रंग में रंगे हैं सुहास बहुलकर

Continue Readingआज भी राम-फ्रकल्फ के रंग में रंगे हैं सुहास बहुलकर

वरिष्ठ चित्रकार सुहास बहुलकर से इन दिनों बात करें तो वे चित्रकूट और रामदर्शन-फ्रकल्फ की ही बात करेंगे। हालांकि उनका वह एसाइनमेंट कब का फूरा हो चुका है फर आज भी उनकी मन चित्रकूट और राम मेंं ही रमा हुआ है।

आओ मनाएं नया साल विक्रम सम्वत् 2069

Continue Readingआओ मनाएं नया साल विक्रम सम्वत् 2069

भारतीय संस्कृति श्रेष्ठता की उपासक है। जो प्रसंग समाज में हर्ष व उल्लास जगाते हुए एक सही दिशा प्रदान करते हैं उन सभी को हम उत्सव के रूप में मनाते हैं। राष्ट्र के स्वाभिमान व देश प्रेम को जगाने वाले अनेक प्रसंग चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से जुड़े हुए हैं। यह वह दिन है जिस दिन से भारतीय नव वर्ष प्रारंभ होता है।

इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ आजादी के महायज्ञ में प्रथम आहुति दी अग्रवंशी ने

Continue Readingइतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ आजादी के महायज्ञ में प्रथम आहुति दी अग्रवंशी ने

यह तो सभी जानते हैं कि स्वाधीनता प्राप्ति के बाद अग्रवाल समाज का राष्ट्र के नव निर्माण व विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है मगर इस ऐतिहासिक तथ्य से कम ही लोग अवगत हैं कि आजादी के महायज्ञ में अपने जानमान की प्रथम आहूति देने वाला महापुरुष महाराज अग्रसेन का ही वंशज था।

मानवता के देवदूत अग्रसेन-गांधी-लोहिया

Continue Readingमानवता के देवदूत अग्रसेन-गांधी-लोहिया

अक्टूबर का महीना जहां नवरात्रे तथा दशहरा के लिए महत्वपूर्ण है वहीं यह महीना 3 महान विभूतियों की स्मृति भी कराता है। प्रथम नवरात्रै 12 अक्टूबर महाराजा अग्रसेन की जयंती पर्व है।

अग्रोहा के प्रमुख दर्शनीय स्थल

Continue Readingअग्रोहा के प्रमुख दर्शनीय स्थल

अग्रोहाधाम में यात्रियों के ठहरने, कॅन्टीन एवं भोजनादि की समुचित व्यवस्था है। वहां पहुंचने पर श्री नंदकिशोर गोइन्का, श्री. हरपतराय टांटिया अथवा कार्यालयसे सम्पर्क करने पर यथा संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। अग्रोहा धाम स्वयं रेलमार्गसे सम्बध्द नहीं है।

अग्रवाल समाज का विधिविधान

Continue Readingअग्रवाल समाज का विधिविधान

हल्दी- सर्दी, खाँसी के लिए बदाम- ताकद के लिए खारक-ताकद और भूक बढाने के लिए कस्तुरी की गोली-सर्दि के लिए आम की कोई-संडास बंद होने के लिए जायफल-घुटी में देते है।

अग्रवाल एक जाति नहीं, सांस्कृतिक आंदोलन है

Continue Readingअग्रवाल एक जाति नहीं, सांस्कृतिक आंदोलन है

कुछ लोग या समाज ऐसे होते हैं जो अपने अतीत के गौरव को गाकर अपना गुनआन करते रहते हैं। कुछ ऐसे होते हैं जो अपने वर्तमान पर जिंदा रहते हैं। किंतु अग्रवाल समुदाय देश का ऐसा समाज है जिसका अतीत भी गौरवशाली रहा है और वर्तमान भी देश में अपना एक विशेष स्थान बनाये हुए है।

अग्रे-अग्रे अग्रवाल

Continue Readingअग्रे-अग्रे अग्रवाल

वैश्य किसी भी राष्ट्र के आधार होते है। भारतीय राष्ट्र के निर्माण में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था के तो ये आधार है। कृषि, गोरक्षा, वाणिज्य इनके प्रमुख कर्तव्य माने गए थे।

अग्र-अग्रसेन-अग्रोहा की कुलदेवी माँ महालक्ष्मी

Continue Readingअग्र-अग्रसेन-अग्रोहा की कुलदेवी माँ महालक्ष्मी

लक्ष्मी सृष्टि नियंता भगवान विष्णु की पत्नी हैं। वह क्षीरसागर शायिनी हैं। समुद्र से उत्पन्न इस सृष्टि का सबसे श्रेष्ठ रत्न हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर भगवान का अवतार होता है, वे उनके साथ अवतरित होती हैं। वे जगादाधार शक्ति का साक्षात् रूप है। उनके रूप-ऐश्वर्य एवं स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा गया है-

धर्मधुरंधर महाराजा अग्रसेन

Continue Readingधर्मधुरंधर महाराजा अग्रसेन

दिव्य ज्ञान का प्रकाश सारे विश्व में सर्वप्रथम धर्म-भूमि भारत से ही विस्तारित हुआ। भारत-भूमि सदैव ही अवतारों और महापुरुषों की जन्म और उनकी क्रीडा-स्थली के रुप में विख्यात रही है।

होली आई रे…..

Continue Readingहोली आई रे…..

हिंदी फिल्मों में होली के ये रंग चौतरफा है। ‘फैशन की दुनिया’ को भी अब रैम्प पर होली मनानी चाहिए और होली के रंगों से सने डिजाइनर कपड़े बाजार में लाने चाहिए। यह मनोरंजन की दुनिया में अगला कदम माना जाएगा!

होली के सप्तरंगी नुस्खे

Continue Readingहोली के सप्तरंगी नुस्खे

वसन्त आते ही मन ‘फागुन-फागुन’ होने लगता है। प्रकृति की एक-एक रचना में उल्लास फूट पड़ता है और रंग-गुलाल से सराबोर अंग-अंग दमकने लगता है। मन्सारा भी इन दिनों ‘फाग का राग’ छेड़ते, बालों में चमेली का तेल डाले वसन्ती बयार में निमग्न थे। आज सुबह से तो कुछ और ही खुले-खुले से लग रहे थे।

End of content

No more pages to load