बन्दूक का लाइसेन्स है

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अटलजी का मत था -किसी पर आक्रमण के लिए नहीं परंतु हम पर कोई अण्वास्त्रों से हमला न करें इसलिए अण्वास्त्र बनाना आवश्यक है। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी कवि के साथ साथ बहुत अच्छे वक्ता भी थे। उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आया करते थे।…

भारत भाग्यविधाता

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अटल जी की सांसों में सामान्य व्यक्ति को अपने हृदय के स्पंदन का आभास होता है। शायद यही उनकी लोकप्रियता का रहस्य था एवं विश्व उनकी ओर ’भारत भाग्यविधाता’ के रूप में निहारता था। स्वतंत्र भारत की राजनीतिक स्थिति का इतिहास देखते हुए आपातकाल के बाद सन 1977 में सभी…

स्वयंसेवक अटल जी

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FOR RELEASE WITH STORY BC-INDIA-ELECTION-HINDU - Atal Behari Vajpayee (C), prime ministerial candidate of India's Hindu nationalist Bharatiya Janata Party (BJP) salutes with his members at a Rashtriya Swayamsevak Sangh (National Volunteers Organisation) rally in New Delhi. The RSS is a secretive organisation devoted to to remoulding Indian society into a Hindu nation. Picture taken 2OCT97. INDIA ELECTION HINUD - RP1DRIFPQZAC
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“अटल जी ने रा.स्व.संघ के एक स्वयंसेवक के रूप में इस देश की सांस्कृतिक विरासत को आत्मसात किया था। वैश्विक स्तर पर नेताओं में अटल जी के प्रति आत्मीयता की भावना थी। इस प्रकार का व्यक्तित्व विकसित करने में उन्हें उनके “स्वंयसेवकत्व” की भावना के कारण लाभ मिला।” भारत के…

वैश्वीकरण, आर्थिक नवउपनिवेशवाद

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वैश्वीकरण का साम्राज्यवादी चेहरा श्री अटल जी को मान्य नहीं था परंतु वैश्वीकरण के मानवीय रूप को वे स्वीकार करने के पक्षधर थे। इसी कारण वे न्यायोवित्त बहुपक्षीय आर्थिक समझौते के पक्ष में थे। साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ दक्षिण-दक्षिण सहयोग संगठन को मजबूती प्रदान करने में उनकी अहम भूमिका थी।…

राजनीति से परे

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अटल जी के व्यक्तित्व के इतने आयाम हैं कि वे एक महामानव बन चुके हैं। राजनीति की दलदल में रहते हुए भी अटल जी कमल की तरह निर्मल रहे। अटलजी को दुनिया दो रूपों में पहचानती है। एक तो राजनीतिज्ञ और दूसरे कवि। अब राजनीतिज्ञ हैं तो जाहिर है कि…

अटल जी की खींची लकीर लंबी है…

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अटल जी का करिश्माई व्यक्तित्व सदा याद किया जाएगा। उन्होंने ऐसी लम्बी लकीर खींची है, जिस पर चलना अब हमारा कर्तव्य है। उनसे प्रेरणा लेकर काम करें तो भारत को परमवैभव तक पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता। भारत वाकई महान है, जिसने विश्व को ऐसी महान विभूति दी। अटली…

चीन विस्तारवादी है

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“चीन की दृष्टि से भारत के साथ मैत्री राजनीतिक सुविधा का एक हिस्सा है। 1954 में चीन ने पंचशील का उद्घोष किया, मैत्री की घोषणाएं दीं उसका उद्देश्य यही था कि हम चीन के तिब्बत पर आक्रमण पर ध्यान न दें, उसे अनदेखा करें।” अध्यक्ष महोदय, उत्तर सीमा पर चीन…

कार्यकर्ता निर्माण में अटलजी

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“वैसे तो अटल जी बहुत विनोदी स्वभाव के थे, लेकिन किसी नए व्यक्ति से मिलते समय जल्दी नहीं खुलते थे। कार्यकर्ता नया हो या पुराना, उनके सामने जाकर उनके बिना बोले भी उनके हाव-भाव से भी कुछ न कुछ सीख कर आता। थोड़े दिनों में ही बहुत खुल जाते थे।…

पद से बड़ा कद

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अटल जी का कद उनके पद से हमेशा बड़ा रहा। मतलब अटल जी अगर प्रधान मंत्री रहे तो भी वे उस पद से बड़े लगते थे और जब उनके पास कोई पद नहीं रहा तो भी समाज का उनकी तरफ देखने का नजरिया वैसा ही रहा। यह बहुत बड़ी बात…

उतार-चढ़ाव में ‘अटल’

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अटल जी अपनी बौद्धिक प्रगल्भता, ओजस्वी वक्तृत्व कला, हाजिर-जवाबी, आचरण, व्यवहार और मिलनसार स्वभाव के बल पर सर्वदूर समाज के सभी वर्गों के बीच लोकप्रियता के उच्चतम शिखर पर पहुंचे। इसके बावजूद उनके पैर अपनी वैचारिक सरजमीं पर मजबूती से जमे रहे। यथा नाम, तथा गुण की उक्ति जैसे मानो…

कूटनीति, मैत्री और रक्षा सौदें

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आर्थिक एवं राजनीतिक दृष्टि से विश्व के मंच पर उभर रहे भारत के साथ संबंध अच्छे रखना रूस और अमेरिका दोनों महाशक्तियों के लिए भी जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के जरिये इन दोनों से दोस्ती की परंपरा आगे बढ़ाना भी भारत के हित में है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…

पितृछाया का उठ जाना…

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Indian Prime Minister Atal Behari Vajpayee attends the Association of South East Asian Nations (ASEAN) plus India Summit in Nusa Dua, on the Indonesian resort island of Bali October 8,2003. REUTERS/Bayu Ismoyo/Pool EN/DL - RTR4IJS
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“अटल जी की पितृछाया में हमें काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके विचार, उनकी कविताएं और उनके कार्य निश्चित तौर पर आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति व सभ्यता और देशभक्ति के लिए प्रेरित करते रहेंगे। भारत ही नहीं पूरा विश्व उन्हें एक आदर्श जननेता, एक श्रेष्ठ वक्ता और…

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