उत्तर भारत में भूजल के स्तर में सर्वाधिक कमी

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देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उत्तर भारत में भूजल के स्तर में सर्वाधिक कमी आई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-गांधीनगर द्वारा किये गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन के अनुसार, देश में भूजल के स्तर में जितनी कमी आई है, उसमें 95 प्रतिशत कमी…

मुंबई में बढ़ता वायु प्रदूषण और बीमारियां

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वृक्षों की अंधाधुन कटाई और मृदा क्षरण की वजह से देश में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। सरकार एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए गए प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। यदि समय रहते इस पर रोकथाम लगाने का प्रयास नहीं किया गया तो आगे चलकर…

जंगल की आग के धुएं के कण ओजोन परत के लिए है घातक

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जंगल की आग के कारण वनों की जैव विविधता और पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुआ है. जंगल में पेड़ पौधों के साथ ही छोटी-छोटी घास व झाड़ियाँ भी नष्ट होती हैं. जिसकी वजह से भू-क्षरण, भू-स्खलन और त्वरित बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि हो रही है.  इमारती लकड़ियां भी जल…

निर्धनों के वास्तुकार लारी बेकर

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दुनिया में ऐसे लोग बहुत कम होते हैं, जिनमें प्रतिभा के साथ-साथ सेवा और समर्पण का भाव भी उतना ही प्रबल हो। इंग्लैंड के बरमिंघम में 2 मार्च,  1917 को जन्मे भवन निर्माता एवं वास्तुकार लारेन्स विल्फ्रेड (लारी) बेकर ऐसे ही व्यक्ति थे, जिन्होंने कम खर्च में पर्यावरण के अनुकूल…

ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत

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भारत के अधिकतर भाग में वर्षभर सूर्य दिखता है। साथ ही नदियों के जाल और लम्बे तटीय क्षेत्रों की वजह से हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपने यहां अपार सम्भावनाएं हैं। भारत सरकार ने इस दिशा में व्यापक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इससे भविष्य में खाड़ी देशों के…

विकास मजबूरी – संतुलन जरूरी

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कुछ न होने वाला, डराओ मत, हमेशा नकारात्मक ही क्यों सोचते व बोलते हो, प्रकृति के पास अपार संसाधन हैं इसलिए उनके उपयोग पर रोक टोक न लगाओ आदि आदि। प्रकृति प्रेमी और पर्यावरणविद् अधिकांश: इसी तरह के जुमले सुनने के आदि होते हैं। जब प्राकृतिक आपदाएं आती हैं और…

पतायत साहू जी को मिला पद्मश्री पुरस्कार

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लुंगी और गमछा में जिस व्यक्ति को आप देख रहे हैं उनका नाम पतायत साहू है। पतायत जी को इस बार पद्मश्री पुरस्कार मिला है। पतायत जी ओडिशा के कालाहांडी जिले के रहने वाले हैं। इनके गांव का नाम नान्दोल है। पतायत जी अपने घर के पीछे 1.5 एकड़ ज़मीन…

वनों के संरक्षक निर्मल मुण्डा

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उत्कल भूमि उत्कृष्टता की भूमि है। यहाँ की प्राकृतिक छटा और वन सम्पदा अपूर्व है। अंग्रेजों ने जब इसे लूटना शुरू किया, तो हर जगह वनवासी वीर इसके विरोध में खड़े हुए। ऐसा ही एक वीर थे निर्मल मुण्डा, जिनका जन्म 27 जनवरी, 1894 को ग्राम बारटोली, गंगापुर स्टेट, उड़ीसा…

भूकंप का विज्ञान: कहां, क्यों और कैसे

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भूकंप तब होता है जब दो पृथ्वी के ब्लॉक अचानक एक दूसरे के पीछे खिसक जाती है। भूकंप प्रदर्शित करते हैं कि पृथ्वी एक गतिशील ग्रह बनी हुई है, आंतरिक शक्तियों द्वारा प्रत्येक दिन बदलती रहती है। भूकंपीय स्टेशनों के विश्वव्यापी नेटवर्क द्वारा हर साल दस लाख से अधिक भूकंप…

देसी वृक्षारोपण से भारत होगा प्रदुषण मुक्त

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"श्री स्कंदपुराण" में एक सुंदर श्लोक है अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम् न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान्। कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।। अश्वत्थः= पीपल। (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) पिचुमन्दः = नीम (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) नयग्रोधः = वटवृक्ष (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) चिञ्चिणी = इमली (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) कपित्थः = कविट…

“बिन पानी सब सून” कहावत कहीं वास्तविकता न बन जाए

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ऐसा कहा जा रहा है कि आगे आने वाले समय में विश्व में पानी को लेकर युद्ध छिड़ने की स्थितियां निर्मित हो सकती हैं, क्योंकि जब भूगर्भ में पानी की उपलब्धता यदि इसी रफ्तार से लगातार कम होती चली जाएगी तो वर्तमान स्थानों (शहरों एवं गावों में) पर निवास कर…

नहीं जागे तो जोशीमठ से भी बुरा नैनीताल का हाल होगा

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कल्पना कीजिए... जहां कोई आदमी सो रहा हो उसके बेड के नीचे ही जमीन पर मोटी मोटी दरारें पड़ी हों । रात में उन्हीं दरारों से गड़गड़ाने की जोर जोर की डरावनी आवाजें आ रही हों । और भी खतरनाक बात ये कि पूरा इलाका भूकंप के अतिसंवेदनशील जोन 5…

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