हौसलों की उड़ान

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एक दिन अचानक पुल का एक हिस्सा ढह गया। वह दर्दनाक हादसा अनेक मजदूरों के संग गीतिका के बापू को भी निगल गया। गीतिका की आंखों में क्रोध उतर आया। वह सविता से कहने लगी, मां, ये इंजीनियर, ओवरसीयर, ठेकेदार घूस खाकर खराब माल लेते हैं। न इन्हें मजदूरों का खयाल है, न देश का। कितने मजदूर अपनी जान से हाथ धो बैठे, पर इन बेशर्मों को शर्म कहां है? इनकी तिजोरियां भर गईं। अब करेंगे मजदूरों की लाशों पर अय्याशी।

घुमरी परैया

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दादी की आंखों में एक बड़ा-सा स्कूल, उसकी खिड़कियां, दरवाजे, स्कूल की क्यारी, मैदान में प्रार्थना करने के लिए पंक्तिबद्ध खड़े बच्चे, लाल फ्राक पहने धुमरी परैया खेलती ढेर सारी लड़कियां घ्ाूमने लगी थीं। और फिर अचानक उन्हीं लड़कियों में एक छोटी पारो भी शामिल हो जाती है। लाल फ्राक पहने, लाल रिबन बांधे। दूर से मां जाती हुई दिखती है, पारो को बुलाती हुई।

लव जिहाद: नारी अपमान, फिर से होगा महाभारत संग्राम

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पुत्र राजनीति के किताब के ! दासता मनुष्य से मनुष्यता छीन लेती है वह बस पशु रह जाता है पशु!" महारानी गांधारी ने संपूर्ण कुरु सभा को संबोधित करते हुए दुर्योधन से पुनः कहा," नारी प्रकृति का ही एक रूप है मूर्ख! और प्रकृति को प्रताड़ित करने का प्रयास प्रलय को आमंत्रित करने जैसा ही है! सच भी यही है जब -जब भी सभ्य समाज ने नारी वर्ग की प्रताड़ना को मूकदर्शक की भांति देखते रहने का महा पाप किया है विनाश की ऐसी लीला का प्रारम्भ हुआ है कि मनुष्यता भी त्राहि- त्राहि कर उठी है! वसुंधरा ने शोणित स्नान किया है!और वंश में कोई चिराग तक जलाने वाला शेष नहीं बचा है! किंतु दुर्भाग्य!

दाऊदवुड फिल्मों की ही देन है…’लव जिहाद’

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फ़िल्म डर में शाहरुख का किरदार, लड़की के करीबियों को डराता है, उन पर हमला करता है, लड़की को मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करता है, क्योंकि वो उससे एकतरफा प्रेम करता है, दोनों ही फिल्मों में नायक से अधिक प्रेम जनता ने खलनायक पर लुटाया था, जिससे अपराधी प्रवृत्ति के युवाओं को मानसिक बल मिला, वो पहले से ही अपने कृत्य को सही मानते थे, और शाहरुख के किरदारों को जनता से इतना प्रेम मिलता देख उनका हौसला, उनका पागलपन और बढ़ गया,

हमारी इच्छाशक्ति को जंग लग चुका है

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हमारी इच्छाशक्ति को जंग लग चुका है ज्यादा सोशल मीडिया इस्तेमाल करने का एक दुष्प्रभाव ये भी है कि बड़े अजीब अजीब से सपने आते हैं. उदाहरण के लिए अभी रात का सपना ही ले लें. अभी सपने में मैं प्रभु महादेव के पास बैठा हुआ था और उनसे चर्चा…

परोपकार ईश्वरीय सेवा

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संत एकनाथ बहुत परोपकारी थे। वे महान संत थे लेकिन उनके आचरण, व्यवहार और वाणी में कोई दिखावा नहीं था। वे मूलतः महाराष्ट्र से थे, परन्तु उनके नेक कामों की सुगंध पूरी दुनिया में फैली।

आपके भाग्य से जुडा हुआ है किसी और का भाग्य

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एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से दुकान के मालिक को बताया कि यह भाई भीड़…

घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है

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सबको पता है कि जीवन एक अस्थाई ठिकाना है लेकिन फिर भी पता नहीं किस बात का घमंड है। सबकी चाहत है की सारा ज़माना उनके क़दमों में हो पर उसके लिए अपना कोई ठिकाना तो हो। एक न एक दिन तुम्हारे शरीर को जल जाना है। हब सब इन्सान…

सोने की चिड़िया

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पाट पर बैठे राधेश्यामजी यह सब सुनकर हैरान रह गए। हर्षविभोर उनकी आंखों में स्नेह एवं आनंद के आंसू छलक आए। मन थमा तो सोचने लगे-यह देश सोने की चिड़िया इसलिए नहीं था कि यहां सोने के पहाड़ थे। यह देश सोने की चिड़िया इसलिए था कि यहां स्वर्ण-संस्कार थे। इस देश का मन भटक सकता है, आत्मा नहीं।

“फूटा घड़ा” भी “अच्छे घड़े” से मूल्यवान

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जब भी कोई नकारात्मकता अनुभव होती है इस कहानी को अवश्य पढ़ लेता हूँ । यह कहानी एक फूटे हुए घड़े की है जो किसान को अपना दुःख सुना रहा है। एक समय की बात है, जब किसी गाँव में एक किसान रहता था। वह किसान प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर दूर…

पूराण कथा : अष्टावक्र और बंदी शास्त्रार्थ

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अष्टावक्र अद्वैत वेदान्त के महत्वपूर्ण ग्रन्थ अष्टावक्र गीता के ऋषि हैं। अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। 'अष्टावक्र' का अर्थ 'आठ जगह से टेढ़ा' होता है। कहते हैं कि अष्टावक्र का शरीर आठ स्थानों से टेढ़ा था। उद्दालक ऋषि के पुत्र का नाम श्‍वेतकेतु था। उद्दालक ऋषि के…

सारा संसार लोभ श्रृंखलाओं में फंस गया है

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एक बार विदुर जी संसार भ्रमण करके धृतराष्ट्र के पास पहुँचे तो धृतराष्ट्र ने कहा, "विदुर जी ! सारा संसार घूम कर आये हो आप, कहिये कहाँ-कहाँ पर क्या देखा आपने?" विदुर जी बोले, "राजन् ! कितने आश्चर्य की बात देखी है मैंने। सारा संसार लोभ श्रृंखलाओं में फंस गया…

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