प्रकृति बेचारी, विकास की मारी, हर चुनाव हारी!
सच में प्रकृति की अनदेखी वो बड़ी भूल है जो पूरी मानवता के लिए जीवन, मरण का सवाल है। बस ...
सच में प्रकृति की अनदेखी वो बड़ी भूल है जो पूरी मानवता के लिए जीवन, मरण का सवाल है। बस ...
आज पूरी दुनिया लगातार बढ़ रही वैश्विक गर्मी से चिन्तित है। पर्यावरण असंतुलन, कट रहे पेड़, बढ़ रहे सीमेंट और ...
भारत मे सदियों से जल संरक्षण की महत्ता रही है। हमारे देश में तो नदी ,तालाब और कुँआ पूज्यनीय रहें ...
प्रदूषित होती नदियां जितनी चिन्ता का विषय हैं उससे बड़ी चिन्ता वो मानव निर्मित कारण हैं जो इनका मूल हैं। ...
आज हम एक ऐसे दौर में पहुँच गए हैं। जहां जलवायु परिवर्तन एक गम्भीर समस्या बनती जा रही है और ...
इस परिषद में पर्यावरणविदों को एक नया शब्द मिला है, नेट जीरो। इसकी संकल्प पूर्ति के लिए आधी सदी ...
ब्रिटेन के ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्रसंघ के पर्यावरण सम्मेलन या काॅप 26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेता ...
मनुष्य होते हुए हमने नदियों, झीलों, तालाबों और जंगलों सबके साथ हर स्तर का दुराचार किया है तो प्रकृति किसी ...
पृथ्वी के चारों ओर कई सौ किलोमीटर की मोटाई में व्याप्त गैसीय आवरण को ‘वायुमण्डल’ कहा जाता है। पृथ्वी की ...
प्रतिवर्ष 5 जून को अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया जाता है । 5 जून 1972 को स्टाकहोम में ‘मानव और पर्यावरण’ ...
जैन धर्म के सिद्धांत के अनुसार छठे आरा (काल) में सूर्य की किरणें अत्यंत उग्र हो जाने से अनाज की ...
किसी निरुफयोगी वस्तु का आकार बदलकर उसे फुन: उफयोगी बनाने को ही फुनर्निर्माण कहते हैं। दूसरे शब्दों में इसे फुनरुज्जीवन ...
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