विकास के प्रति दृढ़संकल्पित है सरकार – योगी आदित्यनाथ

Continue Readingविकास के प्रति दृढ़संकल्पित है सरकार – योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिले भारी जनादेश के बाद गठित योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों की कर्जमाफी से लेकर मनचलों पर अंकुश रखने और कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने जैसे विभिन्न और त्वरित जनोपयोगी निर्णय करने शुरू कर दिए। पिछले १०-१५ वर्षों में क्षेत्री

 राजनीतिक शुचिता के पुरोधा पं. दीनदयाल उपाध्याय

Continue Reading राजनीतिक शुचिता के पुरोधा पं. दीनदयाल उपाध्याय

पं. दीनदयाल के लिए राजनीतिक अस्तित्व से अधिक राजनीतिक शुचिता और अस्मिता की चिंता जीवन पर्यन्त रही और उन्होंने सीना ठोंककर उसे सफलीभूत किया, क्योंकि उनके लिए सिद्धांत अमूल्य थे, राजनीति उनके लिए सफलता-विफलता का दर्पण नहीं थी| पंडितजी के इस जन्मशती वर्ष पर प्रस्तुत यह आलेख-

खोया बचपन लौटाने की मुहिम सपनों से अपनों तक

Continue Readingखोया बचपन लौटाने की मुहिम सपनों से अपनों तक

बच्चों का खोया बचपन लौटाना, उनके माता-पिता से उनका पुनर्मिलन करवाना एक ईश्वरीय कार्य है। ‘माय होम इंडिया’ ने सन् २०२० के अंत तक देश के सभी बालगृहों में रह रहे करीब सवा लाख बच्चों को उनके घर पहुंचाने का संकल्प ‘माय होम इंडिया’ के

जम्मू-कश्मीर : भारत के लिए अब अनुकूल माहौल-श्री अरुण कुमार

Continue Readingजम्मू-कश्मीर : भारत के लिए अब अनुकूल माहौल-श्री अरुण कुमार

आप ‘कश्मीर समस्या’ को हमेशा ‘भारत समस्या’ कहते हैं। ऐसा क्यों? मेरा बड़ा स्पष्ट मानना है कि ‘कश्मीर समस्या’ या ‘भारत समस्या’ जैसी कोई अवधारणा विश्व में है नहीं। जम्मू-कश्मीर में समस्या या समस्याएं हो सकती

लगन और निष्ठा की मिसाल – जयवंतीबेन

Continue Readingलगन और निष्ठा की मिसाल – जयवंतीबेन

गांधीजी ने कहा था-जब कोई स्त्री किसी काम में जी-जान से लग जाती है तो उसके लिए कुछ भी नामुमकीन नहीं होता। इसी हकीकत को बयां करता है जयवंतीबेन मेहता का जीवन। उन्होंने जो ठाना वह करके ही दम लिया। सीमित साधनों और सामाजिक बाध्यताओं के बावजूद राजनीति के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। अपने मजबूत इरादों की बदौलत उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन को नई दिशा दी बल्कि दूसरों के लिए भी मिसाल बनीं।

बाबासाहब के ‘शहर की ओर चलो’ का अर्थ

Continue Readingबाबासाहब के ‘शहर की ओर चलो’ का अर्थ

ग्राम विकास’ शब्द आजकल सभी ओर छाया हुआ है। भारत गांवों का देश होने के कारण यदि गांवों का विकास होगा तो देश का विकास अपने आप होगा ऐसी संकल्पना महात्मा गांधी ने पिछली सदी में रखी थी। ग्राम विकास की संकल्पना पर उनकी ‘ग्रामस्वराज’ यह पुस्तक प्रसिद्ध है।

‘युगानुकुल ग्रामीण पुनर्रचना’ आवश्यक – डॉ. दिनेश

Continue Reading‘युगानुकुल ग्रामीण पुनर्रचना’ आवश्यक – डॉ. दिनेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने देशभर में युगानुकूल ग्रामीण पुनर्रचना के सराहनीय प्रयोग किए हैं जिनका असर एक हजार से अधिक गांवों में अब साफ देखा जा सकता है। ग्रामवासियों को साथ लेकर स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों को समझने के लिए

नथुराम गोडसे को जिंदा रखना कांग्रेस की मजबूरी

Continue Readingनथुराम गोडसे को जिंदा रखना कांग्रेस की मजबूरी

गांधी हत्या का झूठा लांछन संघ पर मढ़ने का खेल पंडित नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक चल ही रहा है। क्योंकि, गोडसे को जिंदा रखना कांग्रेस की मजबूरी है। गोडसे को संघ की वैचारिक पहचान से जोड़ना कांग्रेस की अनिवार्यता बन गई है। इसी कारण कांग्रेस के साथ अन्य हिंदू-विरोधी लोग समस्त हिंदुत्ववादी विचारधाराओं को आरोपी के कठघरे में खड़ा करने का निरंतर प्रयास करते हैं।

सुनील बाबूराव काले  एक शांत, संयमी व्यक्तित्व

Continue Readingसुनील बाबूराव काले  एक शांत, संयमी व्यक्तित्व

वि द्यार्थी जीवन में सुनील राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता    था| संघ विचारों की छाया में ही उसका व्यक्तित्त्व निर्माण हुआ| कोई भी काम हो, वह पूरे ध्यान से, कष्ट से, अपना समझ कर व अपने आप को उसमें पूरी तरह लगाने की वृत्ति संघ शाखा में नियमित जाने से ही तैयार हुई| संघ कार्य में पूरी तरह निमग्न व हमारे पिताजी के परिचित स्व. केशवराव केलकर का वह लाड़ला था|

गांधी और सुशासन   

Continue Readingगांधी और सुशासन   

भारत को आज़ाद हुए एक लम्बा अरसा बीत चुका है| आज़ादी के साथ-साथ लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी देश के नवनिर्मित नेतृत्व के हाथों में आ पड़ी| उस समय देश के सामने दो रास्ते थे-एक अमेरिका का पूंजी केंद्रित मॉडल और दूसरा सोवियत रूस का समाजवादी मॉडल| लेकिन इससे पहले महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ही देश के भावी विकास के लिए एक अलग ही रास्ते की परिकल्पना पेश की थी

संकल्पित मातृत्व की प्रतिक जीजा माता

Continue Readingसंकल्पित मातृत्व की प्रतिक जीजा माता

वीर प्रसुता भारत माता की कोख सदा ही दिव्य मातृत्व से सुशोभित रही है। अपने राष्ट्र की सुरक्षा एवं उसे वैभव शिखर पर ले जाने में जितना पुरुषों का योगदान है उनसे कहीं अधिक माताओं की संकल्प शक्ति का है। आदि काल से अब तक माताओं की संकल्पित संतती की कामनाओं ने ही राष्ट्र की सुरक्षा एवं सरकारों की धरोहर को अबाधित रूप से बचाए रखा।

कबीर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में

Continue Readingकबीर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में

     कबीर के वृहद्, विशाल रचना संसार की मात्र इन दो पंक्तियों से ही कबीर की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सर्वस्वीकार्यता सिद्ध हो जाती है। आज के इस दौर में जबकि प्रत्येक व्यक्ति पराये दोष व पराई उपलब्धियों को देख-देखकर मानसिक रूप से रुग्ण हो रहा है तब कबीर की ये पंक्तियां हमें एक नई ताजगी देती हैं।

End of content

No more pages to load