राजग की बगिया में फिर बहार
मनुष्य का स्वभाव है कि वह एक समय के बाद परिवर्तन चाहता है। यूं देखा जाये तो नीतीश सरकार के हिस्से में बढ़ी खामी, आलोचना या कमी नहीं थी, फिर भी एकरसता को वजह माना जा रहा था।
मनुष्य का स्वभाव है कि वह एक समय के बाद परिवर्तन चाहता है। यूं देखा जाये तो नीतीश सरकार के हिस्से में बढ़ी खामी, आलोचना या कमी नहीं थी, फिर भी एकरसता को वजह माना जा रहा था।
चुनाव के घोषणा पत्र से तो देश का हर नागरिक वाक़िफ़ होगा क्योंकि यह हर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में हमें देखने को मिलता है। चुनाव के घोषणा पत्र को लेकर सबसे पहले यह समझना होगा कि यह क्या होता है और इसको क्यों जारी किया जाता है।…
मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के साथ ही राज्य में राजनीति एक बार फिर से गरमाती दिख रही है। वैसे चुनाव की दृष्टि से उपचुनाव का कोई खास महत्तव नहीं होता है। उपचुनाव से सिर्फ सत्ता या विपक्ष के संख्या बल में मामूली परिवर्तन होता है जिसका वर्तमान राजनीति…
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आइटम वाले बयान को लेकर आखिरकार राहुल गांधी को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। कमलनाथ के बयान को लेकर लगातार विरोध बढ़ता ही जा रहा था जिसके बाद राहुल गांधी ने आज एक प्रेस कांफ्रेस कर इस पर सफाई दी और कहाकि उन्हे भी…
आखिर ऐसा क्यों होता है कि अक्सर नेता अपनी ज़ुबान से काबू खो देते है और किसी के लिए कुछ भी टिप्पणी कर देते है। क्या उन्हे यह पता नहीं होता कि वह किन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे है और उनके इस बयान का किसी के उपर क्या असर…
राजधानी दिल्ली के आदर्श नगर क्षेत्र में 18 साल के राहुल राजपूत की पीट पीट कर हत्या कर दी गई लेकिन सेकुलर लिबरल बिग्रेड हर बार की तरह चुप्पी साधे हुए हैं। यह लोग फिर से सड़कों पर नहीं उतरे। दिल्ली में ही अंकित सक्सेना की हत्या के दौरान भी…
उद्धव, आदित्य एवं संजय राऊत की सेना शिवसेना नहीं है। उनकी सरकार कितने दिनों टिकेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। महाराष्ट्र की परिस्थिति दिनोंदिन खराब से भयावह होती जा रही है, जनता इसे एक सीमा तक ही सहन करेगी।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता की हत्या पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या बदस्तूर जारी है तमाम विरोध के बाद भी इस पर विराम नहीं लग रहा है। बीजेपी नेताओं की मानें तो वह इस हत्या के पीछे ममता सरकार और उनके कार्यकर्ताओं…
कृषि बिल का विरोध एक साज़िश केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान संबंधि बिल को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है वैसे कहने के लिए तो यह विरोध किसानों द्वारा हो रहा है लेकिन इसकी असलियत यह है कि यह लोग किसान नहीं बल्कि कुछ पार्टी के…
महाराष्ट्र पुलिस के रवैये से सुशांत सिंह कथित आत्महत्या मामला और उलझता जा रहा है। महाराष्ट्र ने बिहार पुलिस को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने पर भी जांच में न सहयोग किया और न जांच होने दी, न सीबीआई जांच को राजी है। आखिर इसका राज क्या है?
राजस्थान में गहलोत सरकार गिर भी जाती है तो सचिन पायलट का मुख्यमंत्री बनना तो मुश्किल होगा ही; वसुंधरा भी कोई गुल खिला दें, ऐसा लगता नहीं है। ऐसे में अंततः राजस्थान में मध्यावध्धि चुनाव की ज्यादा उम्मीद लगती है।
बालासाहेब ठाकरे के विचारों एवं नीतियों को तिलांजलि देकर जिस तरह से उद्धव ठाकरे ने अपनी कट्टर विरोधी पार्टियों कांग्रेस-राकांपा से हाथ मिलाया है, वही उनको धूल में मिला सकते हैं। कांग्रेस-राकांपा उद्धव ठाकरे के समक्ष आए दिन चुनौतियां पेश कर रहे हैं। यह बात उन्हें जितनी जल्दी समझ में आ जाये यह उनके लिए अच्छा है। बहरहाल वह इससे कैसे निपटते हैं यह उनके राजनीतिक अनुभव व रणकौशल पर निर्भर है।