सहज मार्गक्रमण की आवश्यकता
‘जो शास्त्र सम्मत है वही टिकाऊ है| गैलीलियो के सिद्धांत शास्त्र सम्मत थे, इसीलिए टिके| उनके विरोधी नहीं बचे| संघ विरोधियों की समझ में नहीं आया इसलिए हीन भावना पालने की कोई आवयकता नहीं है| ...जिन सिद्धांतों पर संघ आजतक चला, बढ़ा; वह शास्त्रीय स्वरूप संघ कार्यकर्ताओं व शुभचिंतकों की समझ में आ जाए तो उसका अधिक परिणामकारक उपयोग हो सकता है|’’