निरर्थक मृगतृष्णा में न पड़ें
जिन सिद्धियों के लिए लोग लालायित रहते हैं और अपनी व्यक्तिगत इच्छा और अभिलाषा के लिए उन्हें प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं । उसके संबंध में आइए सार्वजनिक हित की दृष्टि से, बड़े दृष्टिकोण से विचार करें कि यदि सिद्धियाँ सर्वसुलभ हो जाँय तो संसार में सुविधा की वृद्धि…