‘निर्मल ग्राम निर्माण केंद्र’स्वच्छता की ठोस पहल

Continue Reading‘निर्मल ग्राम निर्माण केंद्र’स्वच्छता की ठोस पहल

{H$ सी भी राष्ट्र के निर्माण व उसकी प्रगति में तमाम अन्य विकल्पों के साथ ही साथ सफाई का बहुत बड़ा योगदान होता है। स्वच्छता न केवल लोगों को बीमारियों से बचाती है बल्कि बाहर से आने वाले लोगों के मन में उस राष्ट्र विशेष के प्रति एक सकारात्मक भाव भी पैदा करती है।

घर में पौधे, रोकें प्रदूषण

Continue Readingघर में पौधे, रोकें प्रदूषण

हम घर के अंदर के प्रदूषण की ओर भी ध्यान दे सकते हैं, जो कि पेंट, वार्निश, इलेक्ट्रानिक सामान इत्यादि से पैदा होने वाले बेन्जीन, फॉर्मेल्डिहाइड, ट्राइक्लोरो एथिलीन आदि से होने वाला प्रदूषण होता है। घरों के अंदर हवा का समुचित प्रवाह भी नहीं हो पाता तथा हवा का स्तर भी काफी खराब हो जाता है।

स्मार्ट सिटी में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण

Continue Readingस्मार्ट सिटी में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण

भारत में स्मार्ट सिटी की सफलता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि उसकी मूलभूत पहचान, इसके प्राचीन संस्कारों और मूल्यों को किसी प्रकार की हानि न पहुंचे। हरित पट्टा कायम करना और कचरे का बेहतर प्रबंधन करना स्मार्ट सिटी की विशेषता होगी। इन्दौर ने देश का सब से स्वच्छ शहर बन कर इसकी मिसाल कायम की है।

पर्यावरण, प्रदूषण और बच्चों की स्थिति

Continue Readingपर्यावरण, प्रदूषण और बच्चों की स्थिति

खाद्य प्रदूषण भी विश्‍व के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। आज खाने-पीने की हर वस्तु प्रदूषित है। रासायनिक प्रभाव प्रत्येक वस्तु पर दिखाई देता है। पेड़ पर लगने वाले फल और सब्जी भी प्रदूषित हैं क्योंकि खाद भी रासायनिक है। वायु में भी जहर है। जल भी प्रदूषित है तथा हथियारों की होड़ तथा आतिशबाजी में किए जा रहे बारूद के कण भी पूरे वातावरण में व्याप्त हैं।

प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना की सफलता

Continue Readingप्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना की सफलता

‘‘गांव में रहने वाली तीन करोड़ से ज्यादा महिलाओं की जिंदगी उज्ज्वला योजना ने हमेशा-हमेशा के लिए बदल दी है। उन्हें सिर्फ गैस कनेक्शन नहीं मिला, उन्हें सुरक्षा मिली है, सेहत मिली है, परिवार के लिए समय मिला है।’’ - प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी

कचरे के ढेरों से बढ़ता प्रदूषण

Continue Readingकचरे के ढेरों से बढ़ता प्रदूषण

शहरी कचरे को ठिकाने लगाने के अवैज्ञानिक तरीकों के कारण शहरों के आसपास कूड़े के पहाड़ के पहाड़ खड़े हो गए हैं। इनसे निकलती लैंडफिल गैसों से जनजीवन ही नहीं, अन्य उपकरण भी संकट में पड़ गए हैं। कचरे से बिजली निर्माण के प्रयोग शैशवावस्था में ही हैं, बहरहाल केंचुओं के माध्यम से औद्योगिक कचरे से खाद निर्माण का प्रयोग सफल हुआ है। ऐसे प्राकृतिक उपाय करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

नारों से आगे नहीं बढ़ा स्वच्छता अभियान

Continue Readingनारों से आगे नहीं बढ़ा स्वच्छता अभियान

हम भारतीय केवल उत्साह, उन्माद और अतिरेक में स्वच्छता के नारे तो लगाते हैं, लेकिन जब व्यावहारिकता की बात आती है तो हमारे सामने दिल्ली के कूड़े के ढेर जैसे हालात होते हैं जहां गंदगी से ज्यादा सियासत प्रबल होती है। तीन साल से जारी स्वच्छ भारत अभियान का यही हाल फिलहाल दिख रहा है।

स्वच्छ भारत: अभियान नहीं, आदत बने

Continue Readingस्वच्छ भारत: अभियान नहीं, आदत बने

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भारत स्वच्छ चाहते हैं। आप और हमें भी चाहिए। लेकिन घर के सामने आने वाली कचरा गाड़ी में कचरे की थैली डालने के अलावा और कुछ करने की हमारी इच्छा नहीं होती, न हम कुछ करने को तैयार होते हैं। यदि ऐसा ही रहे तो कैसा होगा भारत स्वच्छ? जनता जब तक आंतरिक मन से कार्योन्मुख नहीं होती तब तक यह सपना अधूरा ही रहेगा।

पर्यावरण के लिए संकल्पित ‘सीईटीपी’

Continue Readingपर्यावरण के लिए संकल्पित ‘सीईटीपी’

इस सीईटीपी की कुल क्षमता २७ एमएलडी है (१२ एमएलडी क्षमता का प्लांट १९९७ में स्थापित किया गया है और १५ एमएलडी प्लांट की अतिरिक्त क्षमता २००६ में परिचालित की गई।) यह केंद्र लगातार सभी निर्धारित मानदंडों को लगातार पूरा कर रहा है

स्वच्छता का महत्व तब और अब

Continue Readingस्वच्छता का महत्व तब और अब

बात चाहे नदियों के संरक्षण की हो, पर्यावरण की हो अथवा बरसात के पानी से अशुद्धियां निकाल कर जल आपूर्ति की, इन सब में आधुनिक भारत प्राचीन भारत से बहुत कुछ सीख सकता है।

मोदी युग में पर्यावरण संरक्षण

Continue Readingमोदी युग में पर्यावरण संरक्षण

मोदी सरकार ग्रीन क्लीयरेंस, वनारोपण, स्वछता अभियान एवं गंगा सफाई पर पिछली सरकारों से काफी बेहतर काम कर रही है। औद्योगिकी प्रदूषण का मानकीकरण व उसकी निगरानी पहले से बेहतर हुई है। वर्ष २०१९ तक हर गांव, शहर, कस्बे को साफ रखना, टॉयलेट बनवाना, पीने के पानी की व्यवस्था तथा कचरा निस्तारण की व्यवस्था करना आदि का लक्ष्य रखा है।

हिंदू संस्कृति और पर्यावरण

Continue Readingहिंदू संस्कृति और पर्यावरण

हिंदुत्व में हर व्याधि का समाधान दे सकने वाली शक्ति और क्षमता है परंतु इसके लिए पहले हम हिंदुओं को उस जीवन दर्शन के अनुसार जीना होगा। दुनिया का पथ प्रदर्शन करना अतीत में भी हमारा पावन कर्तव्य रहा है और हर परिस्थिति में हमें वही कार्य करना है ताकि निकट भविष्य में विश्‍व पर्यावरण का संकट टाला जा सके।

End of content

No more pages to load