हिंदुत्व के खिलाफ बैठक करने वाले हिंदुत्व से अज्ञान, यह कोई सामान नहीं जिसे खत्म किया जा सके

डिस्मेंटल (Dismantle) का अर्थ होता है किसी भी चीज को तोड़ना या ध्वस्त करना लेकिन किसी धर्म के लिए आप का डिस्मेंटल से अर्थ क्या हो सकता है जी हां हम बात कर रहे हैं हाल ही में अमेरिका में हुए डिस्मेंटल ग्लोबल हिन्दुत्व (Dismantle global hindutva) के बारे में जहां हिंदुत्व को लेकर एक नया तमाशा देखने को मिला। इस वर्चुअल सम्मेलन को लेकर विवाद हुआ और हर तरफ इसका विरोध हो रहा है क्योंकि इस सम्मेलन में हिंदुत्व को नफरत से प्रेरित बताया गया। 10 -12 सितंबर के बीच चले इस वर्चुअल सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के करीब 53 विश्वविद्यालयों ने हिस्सा लिया। इसमें अमेरिका की हार्वर्ड, स्टेनफर्ड, प्रिंसटन, कोलंबिया, बार्कले, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया जैसे विश्वविद्यालयों ने हिस्सा लिया।

हिन्दू राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अमेरिकी की शाखा की तरफ से कहा गया कि इस तरह के कार्यक्रम से हिन्दू विरोधी घृणा को जन्म दिया जा रहा है और लोगों के हिंदुत्व के प्रति गलत धारणा पैदा की जा रही है जिसके दूरगामी परिणाम ठीक नहीं होने वाले है। इसके साथ ही पूरी दुनिया के हिन्दू संगठनों ने इस पर नाराजगी जाहिर की और ऐसे कार्यक्रम फिर ना होने की चेतावनी दी। अमेरिका में हुए इस सम्मेलन के बाद एक बार फिर से हिंसा में बढ़ोत्तरी की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है क्योंकि यह सम्मेलन जिन लोगों पर गहरा असर छोड़ेगा वह किसी भी हिंसा को जन्म दे सकते है। इस सम्मेलन में जो भी विश्वविद्यालय शामिल हुए थे उनमें भी हिन्दू छात्र व छात्राएं पढ़ते हैं ऐसे में उनके लिए खतरा पैदा हो सकता है। 
कुछ विश्वविद्यालयों की तरफ से इस सम्मेलन का विरोध किया गया और सफाई देते हुए यह कहा गया कि उनके कुछ फैकल्टी मेंबर्स ने इसमें हिस्सा लिया था जबकि विश्वविद्यालय का नाम बेवजह घसीटा गया। पूरी दुनिया में तालिबान का आतंक अपनी चरम पर है जहां ना कोई संविधान चल रहा है और ना ही कोई मानवता नजर आ रही है। अमेरिका ने अभी फिर से 9/11 के आतंक को याद किया लेकिन ऐसे समय में इस्लामिक आतंकवाद को छोड़ हिन्दुओं को बदनाम किया जा रहा है। भारत में भी एक बार कांग्रेस सरकार में हिन्दू आतंकवाद जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया था लेकिन वह सफल नहीं रहा। पूरी दुनिया आतंक का चेहरे देख रही है और यह समझ भी रही है कि आतंक कौन लोग फैला रहे है। 
यह सम्मेलन करने वाले खुद हिंदुत्व को ना ही जानते हैं और ना ही उन्हें इसकी समझ है फिर भी उन्होंने एक असफल प्रयास किया। सम्मेलन करने वालों को यह भी समझना चाहिए कि हिंदू धर्म कोई सामान नहीं है जिसे एक सम्मेलन मात्र से खत्म किया जा सकता है या यह कोई संगठन नहीं है जिसके खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चला कर इसे खत्म किया जा सके। हिन्दू और हिंदुत्व एक सोच है जो कभी भी खत्म नहीं हो सकती है। हिन्दू धर्म में वेद और पुराण में भी इसकी व्याख्या की गयी है जिससे यह समझना चाहिए कि इसे खत्म करने की सोचना एक हास्यास्पद बात हो सकती है।  

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