हरियाणा का गौरव: सरस्वती नदी

Continue Readingहरियाणा का गौरव: सरस्वती नदी

अनेक वैज्ञानिक शोधों से यह सिद्ध हो चुका है कि राजस्थान व गुजरात की थार मरूस्थली भूमि के नीचे ऐतिहासिक सरस्वती नदी का पुरातन जलमार्ग विद्यमान है। इसके लिए उत्खनन चल रहा है और नदी के उद्गम स्थल आदिबद्री के समीप स्थित गांव रूलाहेड़ी में सरस्वती की जलधारा प्रस्फुटित हुई है। हरियाणा सरकार ने इस कार्य के लिए सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड का गठन किया है।

पावन तीर्थ कुरुक्षेत्र – अतीत एवं वर्तमान

Continue Readingपावन तीर्थ कुरुक्षेत्र – अतीत एवं वर्तमान

कुरुक्षेत्र अपने पुराने गौरव तथा अपनी खोयी हुई कीर्ति को पुन: प्राप्त करने के लिए विश्व पटल पर उभर कर आ रहा है। शीघ्र ही यह विश्व का एक प्रमुख पर्यटण स्थल बन जाएगा, जहां से पुन: वेदों की ॠचाएं तथा गीता का दिव्य संदेश गूंजेगा।

हरियाणा की राजनीति

Continue Readingहरियाणा की राजनीति

हरियाणा के इतिहास में पहली बार ऐसी पार्टी (भाजपा) ने सभी समूहों/जातियों के समर्थन से सत्ता प्राप्त की है, जिसके पास भारत को लेकर एक विशिष्ट दृष्टि है। भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक घनश्याम मानिकटाहला के अनुसार प्रदेश की राजनीति में भाजपा के केन्द्र बिन्दु में आ जाने से निश्चय ही प्रदेश की राजनीति स्थायी रूप से बदलेगी।

वैभवशाली हरियाणा

Continue Readingवैभवशाली हरियाणा

हमारी संस्कृति में एकात्मभाव और सर्वकल्याण की भावना व्याप्त होने के कारण आसुरी शक्तियां हमेशा से अंत में पराजित हुई हैं। हरियाणा प्रदेश भी उस आपदा से निकल कर राष्ट्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए फिर से तैयार दिखाई देता है।

बुनने लगे उत्तर प्रदेश चुनाव के तानेबाने

Continue Readingबुनने लगे उत्तर प्रदेश चुनाव के तानेबाने

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधान सभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी सात बिछानी शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में इसके संकेत मिलते हैं, जबकि कांग्रेस ने शीला दीक्षित को कमान सौंप दी है।

मुसलमानों में ‘विवेकानंद’ निर्माण होने की जरूरत

Continue Readingमुसलमानों में ‘विवेकानंद’ निर्माण होने की जरूरत

पूरे विश्व में हो रही आतंकवादी घटनाओं में इस्लामी व्यक्तियों के शामिल होने के कारण ‘इस्लाम शांति का धर्म है’ यह बयान थोथा पड़ता जा रहा है। धार्मिक सुधार एवं परिवर्तन ही इस स्थिति में बदलाव ला सकते हैं। भारतीय चिंतन एवं दर्शन में विश्व शांति के बीज हैं। भारतीय मुसलमान यदि इस पर गौर करें तो वे इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए मुस्लिम समाज में इस समय विवेकानंद जैसे धार्मिक एवं समाज सुधारकों के नेतृत्व की आवश्यकता है।

हिलेरी व ट्रंप में कांटे की टक्कर

Continue Readingहिलेरी व ट्रंप में कांटे की टक्कर

अगले नवम्बर में हो रहे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की ओर सारी दुनिया की नजरें लगी हुई हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को आम नागरिक इसलिए पसंद कर रहे हैं क्योंकि वे अमेरिका को फिर से विश्व विजेता बनाने का स्वप्न दिखा रहे हैं, पर उनकी पार्टी की राय विभाजित है। दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन आम लोगों की पसंद नहीं हैं, पर अमेरिकी व्यवस्था की प्रिय हैं। फिलहाल अमेरिका का लोकतंत्र ऊहापोह कि स्थिति में है।

बे्रक्जिट से उपस्थित नई समस्याएं

Continue Readingबे्रक्जिट से उपस्थित नई समस्याएं

ब्रिटेन ने जनमत संग्रह के जरिए यूरोपीय यूनियन से हटने (ब्रेक्जिट) का निर्णय किया है। इससे एक बुनियादी प्रश्न उपस्थित हुआ है। क्या जनतंत्र में अनियंत्रित जनमत संग्रह का मार्ग अपनाना उचित है? वह भी ऐसे प्रश्नों के लिए जिनके बारे में निर्णय करने के लिए जनता शायद ज्ञान और तजुर्बे की कसौटी पर खरी न उतरे?

सरकार का चेहरा बदला, लक्ष्य नहीं

Continue Readingसरकार का चेहरा बदला, लक्ष्य नहीं

मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार और समूचा फेरबदल ही इस बात का प्रतीक है कि मोदी विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं तथा नीतियों का फल 2019 तक सामान्य लोगों तक पहुंचाने को कितने कटिबद्ध हैं। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अनावश्यक दूर की कौड़ी नांपना बेमानी है।

प्रश्न पुराने….दिशा नई

Continue Readingप्रश्न पुराने….दिशा नई

मोदीजी की विदेश नीति विविधता में भी एकात्मभाव निर्माण करने की भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा का व्यावहारिक आविष्कार है। जिन मोदी पर प्रसार माध्यमों ने आरोपों की झड़ी लगा दी थी, विध्वसंक तथा हिंसक के रूप में उनकी छवि निर्माण की थी, वे मोदी प्रत्यक्ष में कैसे हैं इसका अनुभव अब विश्व नेताओं को हुआ होगा। इससे भारत की भी नई छवि विश्व नेताओं के मन में निर्माण हुई होगी।

ओमर अब्दुल्ला कि बेमानी

Continue Readingओमर अब्दुल्ला कि बेमानी

कश्मीर भारत का सबसे संवेदनशील क्षेत्र होने के साथ ही आए दिन हिंसा और राजनीति को लेकर चर्चाओं में रहता है। अशांति जम्मू एवं कश्मीर के लिए नई बात नहीं है, लेकिन जुलाई के दूसरे सप्ताह में वहां हिंसाचार हुआ, घाटी में हालात तनावपूर्ण बने यह बात अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

End of content

No more pages to load