‘मनोहर’ सपना टूट गया…

Continue Reading‘मनोहर’ सपना टूट गया…

मनोहर पर्रीकर सामाजिक और व्यक्तिगत मूल्यों का जतन करके अपने कर्तृत्व के बल पर शून्य से विश्व का निर्माण करने वाले सामाजिक समूह का प्रतिनिधित्व करते थे। उनके प्रति जनमानस के आकर्षण का मूल कारण यही था।

मनोहर पर्रीकर कुछ अलग ही बिंदास अंदाज

Continue Readingमनोहर पर्रीकर कुछ अलग ही बिंदास अंदाज

जिस राजनीति में धन और पद का अहंकार नेता जी की पहली पहचान बन गई है, वहां पर्रीकर एक गजब के अपवाद थे जिनकी सादगी और अपनेपन ने राजनीति के साधक रूप का दर्शन कराया।

हिंदी विवेक की दशक पूर्ति

Continue Readingहिंदी विवेक की दशक पूर्ति

जब सूचना क्रांति ने मासिक पत्रिकाओं को परदे के पीछे ढकेल दिया हो तब ‘हिंदी विवेक’ जैसी वैचारिक पत्रिका के अविरत प्रकाशन के दस वर्ष पूर्ण होना अपने आप में कमाल की घटना है। इस संदर्भ में प्रस्तुत है कुछ अनुभव-आधारित निरीक्षण-

महागठबंधन का सपना कांग्रेस मुक्त भारत

Continue Readingमहागठबंधन का सपना कांग्रेस मुक्त भारत

एनसीपी जैसी एकाध क्षेत्रीय पार्टी के अलावा कांग्रेस को कोई साथ नहीं रखना चाहता। विपक्ष के महागठबंधन से यह बात साफ हो गई है कि क्षेत्रीय दल खुद ही कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं।

देशहित में मतदान करें

Continue Readingदेशहित में मतदान करें

लोकसभा चुनाव के नगाड़े देशभर में गूंज रहे हैं। 11 अप्रैल से आरंभ होने वाला मतदान 19 मई तक चलने वाला है। चुनावों में पारदर्शिता के प्रति चुनाव आयोग भी अत्यंत सतर्क है। 2014 के चुनाव की तुलना में इस चुनाव में लगभग 8 करोड़ 43 लाख मतदाता बढ़े हैं। इस वर्ष कोई 90 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

संघ द्वेष से पुष्पवर्षा तक बदलता मुस्लिम मानस

Continue Readingसंघ द्वेष से पुष्पवर्षा तक बदलता मुस्लिम मानस

भारतीय मुस्लिम मुल्ला-मौलवियों के शिकंजे से त्रस्त हो चुके हैं और देश की मुख्य धारा में आना चाहते हैं, आने की कोशिश भी कर रहे हैं। संघ के प्रति उनके नजरिये में अब बहुत बदलाव आ गया है। संघ से उनकी दूरी घटती जा रही है। ऐसे एवं रामजन्मभूमि, पाकिस्तान, मदरसे की शिक्षा आदि ज्वलंत प्रश्नों पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक इंद्रेश जी से हुई विशेष भेंटवार्ता के महत्वपूर्ण अंशः-

संस्कृति – सभ्यता की विरासत भारतीय नववर्ष शोभायात्रा

Continue Readingसंस्कृति – सभ्यता की विरासत भारतीय नववर्ष शोभायात्रा

मुंबई के निकट डोंबिवली से आबासाहेब पटवारी द्वारा आरंभ ‘भारतीय नव वर्ष यात्रा’, पूरे भारत वर्ष में, हर शहर, हर गांव में आयोजित की जानी चाहिए। जाति, धर्म, भाषा, भेदभाव से ऊपर उठकर वर्तमान और भविष्य के साथ साथ आधुनिकता से परंपरा और अतीत को जोड़ने वाली यह यात्रा नए भारत का निर्माण करेगी।

End of content

No more pages to load