अपशब्दों की राजनीति

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भारत में ऐसा लोकसभा चुनाव इससे पहले कभी नहीं हुआ जब पार्टियों के बीच बहस, आरोप-प्रत्यारोप का स्तर इतना नीचे गिरा हो। इसमें जिस तरह अशालीन शब्दों, मुहावरों, शब्दयुग्मों और यहां तक कि अपशब्दों का मुख्य शिकार देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हो रहे हैं इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। चुनाव में सरकार पर हमले, प्रधानमंत्री की आलोचना, आरोपों में तीखापन संसदीय लोकतंत्र की कतई अस्वाभाविक स्थिति नहीं है। इनसे ही चुनाव का वातावरण निर्मित होता है जिनके आधार पर आम मतदाता अपना मन बनाता है।

दिन भर का इंतज़ार

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“बिस्तर के पैताने पर टिकी हुई उसकी निगाह धीरे-धीरे शिथिल हुई। अपने ऊपर उसकी पकड़ भी अंत में ढीली हो गई और अगले दिन वह बेहद सुस्त और धीमा था और वह बड़ी आसानी से उन छोटी-छोटी चीज़ों पर रोया, जिनका कोई महत्व नहीं था।”

ममता की डोर

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“जब रिश्तों में स्वार्थ की भावना निहित हो जाती है और अहंकार की तूती बजने लगती है तो रिश्तों की डोर ऐसी टूटती है, कि स्नेह के मोती लाख समेटने पर भी नहीं सिमट पाते।”

आम चुनाव किस के ताबूत की आखरी कील

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माना जाता है कि चुनाव में यदि सत्ता विरोधी लहर पैदा होती है तो इससे विपक्ष को फायदा होता है। लेकिन, नोटा विपक्ष की इस उम्मीद को ढहाने का काम भी करता है।

तनाव में तारे

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बच्चे को यह बतलाएं कि जीवन के विशाल कैनवस पर, स्कूली परीक्षाएं केवल एक रंग है जो तस्वीर को अकेले पूरा नहीं कर सकता। तस्वीर को सुन्दर बनाने के लिए उसमें विभिन्न रंगों का होना ज़रूरी है और उससे भी ज़रूरी है उन रंगों का तालमेल। इस तरह चमकते तारे को तनाव से बचाए।

दशावतार: मिथकों को वैज्ञानिक आधार देता उपन्यास

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सृष्टि की उत्पत्ति जानने के लिए ही बिग-बैंग अर्थात महामशीन का प्रयोग किया गया था। तत्पश्चात निष्कर्ष में कहा गया कि इसकी उत्पत्ति का कारक ‘गॉड पार्टिकल‘ अर्थात ‘ईश्वरीय-कण‘ हैं। इन कणों को ही गीता में अल्पांश कहा गया है।

सबके हित का निर्णय लें

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“मोदी ने पांच साल में क्या किया यह प्रश्न पूछा जाता है। उसका एक वाक्य में उत्तर है डरपोक हिंदू को मोदी ने निडर हिंदू के रूप में खड़ा किया। उनका यह ऐतिहासिक कार्य है। ...इसलिए मतदान करते समय विचार करें और सबके हित का ध्यान रखें।”

विदेश नीति: बदलती कूटनीति

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नरेंद्र मोदी ने भारत की विदेश नीति का प्रवाह ही बदल दिया। दूर की कौड़ी नांपते समय अपने आसपड़ोस पर भी अधिक ध्यान दिया। इससे अपना सामर्थ्य भूल चुका भारत विश्व पटल पर अपनी ताकत के सहारे जोरदार दस्तक देता रहा है। ...जो कभी हमसे मुंह मोड़ लेते थेे, वे आज गले मिल रहे हैं। यह कूटनीति की ही विजय है।

साहस एवं संकल्प

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यूरोप के एक परिवार मे मात्र तीन प्राणी थे। एक तो थी पति से परित्यक्त मां एवं उसके दो अबोध उम्र के पुत्र। पति से परित्यक्त होने के कारण मां को अपना एवं पुत्रों का पालन-पोषण करने हेतु नौकरी पर जाना पड़ता था। दोनों बच्चे पढ़कर स्कूल से आए परंतु मां काम की व्यस्तता से घर नहीं आ पाई थी।

यूनिवर्सल ब्रदरहुड थ्रू योग

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‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड थ्रू योग’ नामक ग्रंथ का लोकार्पण भारत के उपराष्ट्रपति मा. वेंकया नायडू तथा रा.स्व.संघ के सरसंघचालक मोहन जी भागवत के द्वारा दिल्ली के विज्ञान भवन में एक भव्य कार्यक्रम में किया गया। भारत द्वारा योग के रूप में विश्व को मिले एक वरदान का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, मानस शास्त्रीय तथा सामाजिक आदि आयामों पर विवेचन करना ही इस ग्रंथ का प्रमुख उद्देश्य था।

रसोई में मौजूद हैं सौंदर्य प्रसाधन

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क्या स्किन से जुड़ी किसी समस्या के लिए आप डॉक्टर के पास जाती हैं या किसी ब्यूटी प्रोडक्ट का सहारा लेती हैं? बाजार में अलग-अलग तरह की क्रीम्स मौजूद हैं। हमें लगता है कि इसके इस्तेमाल से स्किन सम्बंधी समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन ऐसा होता नहीं है।

॥ राम सच्चिदानंद दिनेसा ॥

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हज प्रकाश रूप भगवाना। नहिं तहं पुनिविग्यान विहाना राम सच्चिदानंद प्रदान करने वाले सूर्य हैं, वहां मोहरूपी रात्रि (अंधकार) का कोई स्थान नहीं है। राम स्वभाव से प्रकाश रूप और सभी प्रकार से सांसारिक ऐश्वर्य और समृद्धि से युक्त हैं। राम नित्य ज्ञान स्वरूप है, जो अज्ञान रूपी अंधकार का सदैव नाश करते हैं।

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