युद्ध का क्या होगा परिणाम?

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रूस-यूक्रेन युद्ध का लम्बा खिंचना पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है। इसका असर न केवल कच्चे तेल और खाद्य पदार्थों के दाम पर पड़ेगा बल्कि एक बार फिर विश्व द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वाली अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है। विगत कुछ दिनों से राष्ट्रपति पुतिन के साथ परमाणु बटन का दिखना गम्भीर संकेत है। इसलिए भारत समेत सभी शक्तिशाली राष्ट्रों को आगे बढ़कर इसे रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

अंतरराज्यीय सीमा विवाद सुलझाने की पहल

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समस्याओं को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करना ही सर्वोत्तम उपाय है। असम और मेघालय ने अपनी सीमा समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करके अन्य राज्यों के समक्ष एक उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है।

चीन का कर्जजाल

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन द्वारा अपनाई जा रही डेब्ट् ट्रैप डिप्लोमैसी काफी खतरनाक और वीभत्स तरीके से हर प्रायद्वीप के छोटे-मझले राष्ट्रों को अपनी चपेट में लेती जा रही है। चीन की इस पॉलिसी का प्रभाव श्रीलंका और पाकिस्तान समेत कई देशों में दिखना शुरू हो गया है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा इन पर रोक लगाए जाने की आवश्यकता है ताकि वैश्विक संतुलन बरकरार रहे।

सोने की चिड़िया

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पाट पर बैठे राधेश्यामजी यह सब सुनकर हैरान रह गए। हर्षविभोर उनकी आंखों में स्नेह एवं आनंद के आंसू छलक आए। मन थमा तो सोचने लगे-यह देश सोने की चिड़िया इसलिए नहीं था कि यहां सोने के पहाड़ थे। यह देश सोने की चिड़िया इसलिए था कि यहां स्वर्ण-संस्कार थे। इस देश का मन भटक सकता है, आत्मा नहीं।

तनिक मुस्कुराइए

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इंसानों को जानवरों से अलग करने वाली बातों में मुस्कान का क्रमांक पहला कहा जाना चाहिए। बच्चे की पहली किलकारी सुनकर मां के चेहरे पर आई मुस्कान हो या पांच फुट दूर खड़े किसी व्यक्ति को पहचानते हुए आई मुस्कान... सभी का मन से सीधा नाता होता है।

चीन से दोस्ती, जी का जंजाल

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रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भी चीन ने ताइवान पर हमले की बात कहकर विश्व को दो खेमों में बांटने की योजना बनाई थी परंतु वह उसे आगे नहीं ले जा सका क्योंकि वह चाहता था कि चूंकि चीन रूस के साथ है तो रूस भी ताइवान मुद्दे पर उसके साथ खड़ा रहेगा, परंतु यह बात अधिक आगे नहीं बढ़ी।

जम्मू-कश्मीर में टूटी असमानता की दीवार

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आर्टिकल 370 का हटना जम्मू-कश्मीर के दलित वर्ग के लिए वरदान साबित हुआ है। यहां के वनवासी समुदायों को 2006 में पारित वन अधिकार अधिनियम का लाभ मिलना शुरू हो गया है तथा राज्य से बाहर विवाह करने वाली बेटियां भी पैतृक सम्पत्ति की हकदार तथा राज्य में बसने और सम्मान पाने वाली स्थिति में आ चुकी हैं।

फिर से कोरोना की आहट

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कोरोना एक बार फिर दुनिया भर में अपने पैर पसार रहा है। एनसीआर में बहुत तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। चीन में लाकडाउन लगा दिया गया है जिसका प्रभाव वहां की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ना अवश्यम्भावी है। ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि हम सब सावधानी बरतनी शुरू कर दें।

अनुसूचित जातियों को मिला अधिकार

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जम्मू-कश्मीर में 20 सालों के संघर्ष और भगत अमरनाथ की आमरण अनशन के दौरान मृत्यु के बाद अनुसूचित जाति को मात्र 8 प्रतिशत आरक्षण मिल पाया था जबकि देशभर में उन्हें संविधान लागू होते ही 15 प्रतिशत आरक्षण मिल गया था। 2019 में आर्टिकल 370 समाप्त किए जाने के बाद, अब वे भी देश के बाकी लोगों की तरह केंद्र सरकार द्वारा लागू योजनाओं के हकदार हो गए हैं।

हायब्रिड हमलों से रहें सजग

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कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की गतिविधियां अब जमीनी से आगे बढ़कर हायब्रिड युद्ध की दिशा में मुड़ गई हैं। अब वह पीआर एजेंसियों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी गतिविधियां संचालित करने की कोशिश कर रहा है। इसलिए भारत को भी आगे आकर उसी अंदाज में जवाब देना चाहिए।

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