सैर पूर्वांचल की

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पूर्वांचल उत्तर मध्य भारत काएक भौगोलिक क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित है। यह क्षेत्र उत्तर में नेपाल, पूर्व में बिहार, दक्षिण में मध्यप्रदेश के बघेलखंड क्षेत्र और पश्चिम में उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र द्वारा घिरा है।  पूर्वांचल को प्रमुख रुप से तीन भागों में विभाजित किया गया हैं।

राष्ट्रीय विद्युत प्रवाह में योगदान

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            उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का राष्ट्रीय विद्युत  प्रवाह में अविस्मरणीय योगदान है। यहां स्थापित कई विद्युत परियोजनाएं देश के विभिन्न हिस्सों को जगमग करने के साथ ही विकास की गति की धार को भी तेज कर रही हैं। ऊर्जा की राजधानी के नाम से पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र के सोनभद्र जनपद की राष्ट्रीय स्तर पर अलग ही पहचान है।

जातीय और साम्प्रदायिक राजनीति का केन्द्र

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उत्तर प्रदेश सर्वाधिक अबादी वाला सबसे बड़ा प्रदेश है जिसे छठें  देश की संज्ञा दी जाती है। आबादी व विस्तार के साथ ही इससे जुडे पर्वतीय हिस्से को बांट कर अलग उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया। समय-समय पर राजनीतिक सुविधानुसार इसे तीन-चार भागों में बांटकर इसे अलग-अलग प्रदेश बनाने के लिए राजनीतिक आवाज उठती रही है।

पूर्वांचल राज्य की स्थापना का औचित्य

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   देश के स्वतंत्र होने के पूर्व से ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र व बिहार के पश्चिमी सात जिलों के साथ नाइंसाफी होती रही है। वैसे तो यह इलाका पूरी तरह से कृषि के मामले में आत्मनिर्भर रहा है तथा उसी तरह स्वाभिमानी भी रहा है जिसके चलते देश के तत्कालीन प्रशासक की तानाशाही को इस क्षेत्र के लोगों ने कभी स्वीकार नहीं किया जिसका नतीजा रहा कि हमेशा इस क्षेत्र में सरकार और यहां के लोगों में संघर्ष होता रहा जिसके कारण इस क्षेत्र में विकास को स्थान नहीं मिला।

 स्वतंत्रता आन्दोलन में बनारस की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं का योगदान

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स्वआन्दोलन के दौरान समाज जागरण में समाचार पत्रों की प्रमुख भूमिका रही। अगर बात उत्तर प्रदेश के पूवार्ंचल की हो बनारस (काशी) पत्रकारिता का गढ़ रहा है। यहॉं के लोगों ने निर्भीक रूप से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कलम चलाई और समाज को पत्रकारिता के जरिये नवजागृत भी किया।

जमदग्नि की तपोस्थली***जौनपुर***

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विभिन्न संस्कृतियों की झांकी का साक्षीदार रहा जौनपुर जनपद अपनी ऐतिहासिकता को बहुत अतीत तक समेटे हुए हैं। नदी गोमती के तट पर बसा यह शहर एक परम्परा के अनुसार महर्षि जमदग्नि की तपोस्थली रहा है। जिस कारण इसका प्रारम्भिक नाम जमदग्निपुर पड़ा तथा कालान्तर में जमदग्निपुर ही जौनपुर के रूप में परिवर्तित हो गया।

 कानून व्यवस्था और अपराध

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भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ’पुलिस’ और  ’लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं और इसलिए अपराध रोकने, पता लगाने, दर्ज करने और जांच-पड़ताल करने तथा अपराधियों के विरुद्ध अभियोजन चलाने की मुख्य जिम्मेदारी, राज्य सरकारों पर है। जाहिर है जैसे राज्य की व्यवस्था और उसके नियामक होंगे, राज्य या उसका कोई क्षेत्र उसी तरह का होगा।

हिंदुत्व का सुमेरु

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नटसम्राट’ नामक मराठी नाटक में अप्पा      एवं कावेरी का एक भावस्पर्शी संवाद है, जिसमें जहाज तथा बंदरगाह के आपसी रिश्तोें के अपनेपन और उसके जीवन में आने वाले उतार- चढ़ावों का वर्णन है। माननीय अशोक जी सिंघल, संघ तथा विश्व हिंदू परिषद के लिए बंदरगाह के रूप में बड़ी उपलब्धि थे कार्यकर्ता रूपी जहाज के लिए।

रमेश मेढेकर – एक संघर्षमय जीवनयात्रा

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पिछले कई सालों से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के महानिर्वाण दिन  अर्थात ६ दिसम्बर को चैत्यभूमि पर जाकर मैं उन्हें वंदन करता आया हूं। लेकिन, इस साल यह सिलसिला खंडित होनेवाला है।

पूर्वांचल का भविष्य

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भारतीय संस्कृति की दुनियाभर में आज जो चर्चा होती है, उसकी विकास भूमि पूर्वांचल ही है। जिसका जीता जागता स्वरूप काशी से लेकर गोरखपुर तक दिखाई देता है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का अध्यात्म और धर्म के क्षेत्र में विशेष स्थान है। सभी विद्याओं, धर्मों और संस्कृति की राजधानी काशी की महिमा अद्भुत है।

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