जागरूकता का माध्यम ‘मन की बात’

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अक्टूबर, 2014 में शुरू हुए ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 99 एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कई विषयों पर बात की है। आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम को प्रेरणा का एक विश्वसनीय स्रोत तथा कृषि और उद्यमिता विकास के लिए व्यापक जागरूकता के माध्यम के रूप में माना…

बीजों के प्रमाणीकरण के लिए ‘साथी’ पोर्टल, मोबाइल ऐप

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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को नकली बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उसके बारे में पता लगाने और प्रमाणीकरण के लिए पोर्टल तथा मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया। इसे एनआईसी ने कृषि मंत्रालय के सहयोग से ‘उत्तम बीज-समृद्ध किसान’ विषय पर विकसित किया है।…

गाय बैल के प्रेम को ख़त्म करता मॉडर्न युग

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जहाँ लोग अब अपने और पराए में आकलन लगा रहे हैं वहीं 90 के दशक में लोग पराए को भी अपना मानते थे और पराए को भी इतना प्यार देते थे कि सामने वाला भी अपने और पराए में फर्क नहीं कर पाता था। लोगों की ऐसी संवेदना रहती थी…

सरसेनापति मार्तण्डराव जोग

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नागपुर के डोके मठ में 9-10 नवम्बर, 1929 को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में डा. हेडगेवार को आद्य सरसंघचालक, श्री बालासाहब हुद्दार को सरकार्यवाह तथा श्री मार्तंडराव जोग को सरसेनापति घोषित किया गया था। 1899 में एक उद्योगपति परिवार में जन्मे श्री जोग नागपुर में शुक्रवार पेठ स्थित ‘जोगबाड़ा’ के…

महान कृषि वैज्ञानिक सर गंगाराम

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श्री गंगाराम का जन्म 13 अप्रैल, 1851 को मंगटानवाला (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। वे बचपन से ही होनहार विद्यार्थी थे। अपनी सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर वे पंजाब के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी.) में अभियन्ता के रूप में काम करने लगे।  इस दौरान पूर्ण निष्ठा एवं परिश्रम से काम…

छोटे खेतिहर किसानों से सशक्त होता कृषि क्षेत्र

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भारतीय कृषि हमारी संस्कृति की तरह विविधता से परिपूर्ण है। छोटी खेती और उसकी अंगभूत बहुजातीयता भारतीय आधुनिक खेती के लिए हितकारी है। छोटे स्तर पर मिश्र खेती हमारी शक्ति है। भारत में प्रति वर्ष एकक क्षेत्रफल में कुल कृषि उत्पादन विश्व में सर्वाधिक है। एफएओ के अनुसार विश्व की छोटी खेती मात्र 12% भाग पर होती है लेकिन 35% अन्न उत्पादन करती है।

सस्यवेद : भारतीय कृषि विज्ञान

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कुछ प्राचीन कृषि ग्रन्थ -- कृषि पराशर (पराशर) कृषि संग्रह पराशर तंत्र वृक्षायुर्वेद (सुरपाल) कृषिगीता (मलयालम में, रचनाकार : परशुराम) नुश्क दर फन्नी फलहत (फारसी में, दारा शिकोह) कश्यपीयकृषिसूक्ति (कश्यप) विश्ववल्लभ (चक्रपाणि मिश्र) लोकोपकार (कन्नड में, रचनाकार: चावुन्दाराया) उपवनविनोद (सारंगधर) ऋषियों ने कृषि को हमारी आत्म निर्भरता के लिए बेहद…

गोवंश आधारित शाश्वत खेती और अर्थव्यवस्था

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गोवंश आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए समस्त महाजन संस्था और भारत सरकार के जीव जंतु कल्याण बोर्ड देश भर में गोपालन और गोवंश के संरक्षण व संवर्धन के लिए विशेष तौर पर कार्यरत है और भारत के पूर्वजों की परम्परा व धरोहर को आगे बढ़ा रही है। समस्त महाजन संस्था के नेतृत्व में जैन धर्म से जुड़े बहुतायत लोग जीवदया मामले में उल्लेखनीय कार्य कार्य रहे है जो समाज के लिए अनुकरणीय है और एक आदर्श भी है।

किसान बिल विरोध के बीच सरकार ने जारी की नई MSP

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सरकार ने जारी की नई MSP किसान बिल को लेकर सरकार और विपक्ष आमने सामने आ चुका है। सरकार ने बहुमत से बिल को दोनों सदनों में पास कर दिया है लेकिन विपक्ष  लगातार इसका विरोध कर रहा है। वहीं पूरे देश में भी इस बिल का विरोध बढ़ता जा…

आखिर क्यों हो रहा है कृषि बिल का विरोध ? NDA की एक मंत्री ने दिया पद से इस्तीफा

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कृषि बिल से एनडीए में फूट किसानों से से जुड़े दो बिल अब केंद्र सरकार के लिए मुसीबत बनने नजर आ रहे है क्योंकि इस बिल के लोक सभा में पारित होने के बाद एनडीए गठबंधन में ही फूट नजर आ रही है। एनडीए गठबंधन की कई पार्टियों ने इस…

सिक्किम में जैविक खेती एक भुलावा

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जैविक खेती के प्रति अति मोह और राजनीतिक स्टंटबाजी के कारण सिक्किम में अनाज उत्पादन बहुत तेजी से घटता चला गया। राज्य को दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर अनाज लाना पड़ता है। बढ़ती आबादी के संदर्भ में इस स्थिति पर गौर और पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

खेती का सच

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वर्तमान समय में भारतीय कृषि हरित क्रांति के समय की अपेक्षा ढांचागत स्तर पर अलग तथा मजबूत है। यहां कुछ ऐसा है जो हमें भारतीय कृषि के प्रति आशान्वित करता है। जर्मनी की राजनीतिक विज्ञानी एलिजाबेथ नेवेल नुमानन ने ‘चुप्पी का वर्तुल‘ नामक सिद्धांत पेश किया है, जिसका माने है…

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