आखिर बच्चे क्यों हिसंक हो रहै है??

Continue Readingआखिर बच्चे क्यों हिसंक हो रहै है??

मांटुगा स्थित एक विधालय के आठवी क्लास के दो सहपाठियों ने एक छात्रा के साथ लैंगिक घटना की रिपोर्ट सामने आई तथा कल्याण तथा आदि स्थानो में ऐसी खबर आई है। उपरोक्त जैसी घटनाऐ क्रमशः बढता चलन किस ओर ले जा रहा है?? कभी शिक्षकों पर हमला, कभी आपसे में…

‘चेंज योर हसबैंड’ का विज्ञापन

Continue Reading‘चेंज योर हसबैंड’ का विज्ञापन

जितनी तेजी और आंधी के साथ चुनाव प्रचार, चर्चा, बहसें चालू हैं। इन दिनों वही रफ्तार हमारे महानगर में बिल्डिंगें बनने की है। मानो पहाड़ों को तोड़-तोड़ कर समतल करने जैसी मुहीम चला रखी हो। मतलब हैश टैग के साथ "चेंज योर वेदर" का अभियान।वहीं जगह-जगह लगे होर्डिंग के एक…

सोशियल मीडिया एक वरदान

Continue Readingसोशियल मीडिया एक वरदान

पिछले 10 वर्षों में मुझे कुछ ऐसे सत्य पता चले जो हैरान करने वाले थे। सोशल मीडिया से मुझे यह पता चला कि "पत्रकार" निष्पक्ष नही होते। वे भी किसी खास विचारधारा से जुड़े होते हैं। लेखक, साहित्यकार भी निष्पक्ष नहीं होते। वे भी किसी खास विचारधारा से जुड़े होते…

रूस, यूक्रेन, अमेरिका, भारत… और भारतीय मीडिया

Continue Readingरूस, यूक्रेन, अमेरिका, भारत… और भारतीय मीडिया

जेलेन्स्की और पुतिन प्रकरण में भारत हर बार यूएन वोटिंग से ले कर सार्वजनिक आधिकारिक कथनों में रूस के साथ खड़ा दिखता है। पश्चिमी राष्ट्रों और अमेरिकी सांसदों से ले कर प्रभावशाली राष्ट्राध्यक्षों ने भारत को अपराध बोध में लपेटने के प्रयास किए। भारत ने रूस को नहीं त्यागा और…

निष्पक्ष पत्रकारिता या धंधे की पत्रकारिता

Continue Readingनिष्पक्ष पत्रकारिता या धंधे की पत्रकारिता

वर्किंग जर्नलिस्टस ऑफ इंडिया ने अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली के जंतर मंतर पर बहु चर्चित धरना- प्रदर्शन का आयोजन 30 मार्च को किया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में पत्रकारों और मीडिया कर्मियों ने भाग लिया और एक ज्ञापन प्रधानमंत्री कार्यालय को दिया। उनकी बहुत सी मांगे बहुत…

सहिष्णुता मीडिया का गुण-धर्म

Continue Readingसहिष्णुता मीडिया का गुण-धर्म

समाज में जब कभी सहिष्णुता की चर्चा चलेगी तो सहिष्णुता के मुद्दे पर मीडिया का मकबूल चेहरा ही नुमाया होगा. मीडिया का जन्म सहिष्णुता की गोद में हुआ और वह सहिष्णुता की घुट्टी पीकर पला-बढ़ा. शायद यही कारण है कि जब समाज के चार स्तंभों का जिक्र होता है तो…

वैश्विक सहयोग से होगा महामारी का खात्मा

Continue Readingवैश्विक सहयोग से होगा महामारी का खात्मा

दुनिया का कोई भी देश इस संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। अत:, इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर संयुक्त रूप से कार्रवाई की आवश्यकता होती है। प्रत्येक देश को अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए अपनी नीतियों में वैश्विक सहयोग, एकजुटता और देशों के बीच समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मानव को इस महामारी से हर सम्भव कम से कम नुकसान हो।

टीकाकरण का महाभारत

Continue Readingटीकाकरण का महाभारत

भारत में यह टीका सीरम इन्स्टीट्यूट द्वारा तैयार किया जा रहा है। तीसरे प्रकार के टीके से तात्पर्य है- सीधे-सीधे स्पाइक प्रोटीन तैयार करना और शरीर में उसका टीकाकरण करना। इस प्रकार का टीकाकरण बहुत आसान लगता है परंतु कोविड के निर्मूलन के लिए अब तक ऐसा टीका बना नहीं है। अपेक्षा की जाती है कि आने वाले 3 से 6 महीनों में वह टीका बन जाएगा।

Everything About Kailash Mansarovar In Hindi | कैलाश मानसरोवर

Continue ReadingEverything About Kailash Mansarovar In Hindi | कैलाश मानसरोवर

महादेव का निवास परम पवित्र कैलाश पर्वत है और निकटस्थ है पवित्र झील मानसरोवर। सदाशिव, महेश्वर, रुद्र, पशुपतिनाथ, अमरनाथ, विश्वनाथ, त्र्यम्बक, मृत्युंजय, ओंकार, निरंकार, महाकाल, नटराज न जाने कितने नामों, अनंत रूपों और क्रियाओं द्वारा महादेव को जाना गया है। आस्था के आयामों के पंख लगा भक्तगण इस तीर्थक्षेत्र की यात्रा करते हैं।

मदरसे: आतंकवाद की नर्सरी

Continue Readingमदरसे: आतंकवाद की नर्सरी

कट्टरपंथ और मदरसे के सम्बन्धों पर लंबे समय से बहस चल रही है, लेकिन इनके प्रति राजनीतिक नेतृत्व की नरम स्थिति के कारण, कानून प्रवर्तन एजेंसियां हमेशा कोई कड़ी जांच करने और किसी भी गंभीर कार्रवाई करने में संकोच करती रही हैं।

महाराष्ट्र का मैनचेस्टर इचलकरंजी

Continue Readingमहाराष्ट्र का मैनचेस्टर इचलकरंजी

देश में आर्थिक क्षेत्र में जीएसटी सबसे बड़ा परिवर्तन था, जहां पूरे हिंदुस्तान में इसका विरोध हुआ पर इचलकरंजी वस्त्र व्यवसाइयों ने पहले दिन से जीएसटी में काम शुरू कर दिया। हर सरकारी योजना को समझना उनका फायदा लेना इचलकरंजी का स्वभाव है और इसके पीछे कारण है कि यहां सम्पूर्ण व्यवसाय बैंक से ही होता है।

नई उंचाईयों को छुएगा भिवंडी वस्त्रोद्योग

Continue Readingनई उंचाईयों को छुएगा भिवंडी वस्त्रोद्योग

1950-1995 तक का समय भिवंडी के वस्त्र उद्योग के लिए समृद्धि का काल था। उस समय भिवंडी को ’मैनचेस्टर’ के रूप में जाना जाता था। निश्चित ही ’मेक इन इंडिया’ तथा ’आत्मनिर्भर भारत’ योजनाओं के कारण निकट भविष्य में भिवंडी वस्त्र उद्योग फिर नई ऊचाइयां छूएगा।

End of content

No more pages to load