अलौकिक ऐतिहासिक निर्णय -दिसम्बर २०१९

हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के मनोहर आकर्षक कवर पेज को देख कर ही पाठकों की उत्सुकता जागृत हो जाएगी. इसमें ‘मुसलमान भारत का धरती पुत्र बने’ इस शीर्षक से लिखे लेख में कट्टर इस्लामिक बनने के बजाए भारतीयता की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए उनसे आह्वान किया गया है. ‘आस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे वामपंथी’ शीर्षक से लिखे लेख में लेखक ने जेएनयू में हो रहे राष्ट्र विरोधी छात्र आंदोलनों की कलई खोल दी है. कोरिडोर की आड़ में पाकिस्तान का षड्यंत्र, प्रभु रामचंद्र जी की आदर्श राजनीती, अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मलेन, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय पठनीय व आकर्षण के केंद्र है. इसके अलावा स्व. मनोहर पर्रिकर जी को समर्पित संवेदनशील मन, एक अधूरी कहानी, और मौत का भी गला भर आया, नामक शीर्षक से प्रकाशित आलेख भावविभोर कर देने वाले है. जिसे पढ़ कर पाठको की आँखे नम हो जाएगी. गोवा के सुभाष वेलिंगेकर और शून्य से शिखर तक पहुंचनेवाले बिजनेसमैन अरुण कुमार का साक्षात्कार प्रेरणादायी है. आशा करते है कि हिंदी विवेक का यह अंक पाठकों को जरुर पसंद आएगा. अपनी प्रतिक्रिया देना न भूले.

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