केवल झाग, बस वही
“दरवाज़े के पास पहुंच कर वह एक पल के लिए रुका और मेरी ओर मुड़ कर उसने कहा, उन्होंने मुझे बताया कि तुम मेरी हत्या कर दोगे। मैं केवल यही जानने के लिए यहां आया था। पर किसी को मारना इतना आसान नहीं होता। तुम मेरा यक़ीन मानो...”
“दरवाज़े के पास पहुंच कर वह एक पल के लिए रुका और मेरी ओर मुड़ कर उसने कहा, उन्होंने मुझे बताया कि तुम मेरी हत्या कर दोगे। मैं केवल यही जानने के लिए यहां आया था। पर किसी को मारना इतना आसान नहीं होता। तुम मेरा यक़ीन मानो...”
गणेशोत्सव का धार्मिक ही नहीं अपितु सामाजिक व राष्ट्रीय योगदान भी रहा है। अब हमारा वर्तमान दायित्व है कि हम इस उत्सव को कोरोना महामारी के विरुद्ध एक शस्त्र की तरह उपयोग करें व हिंदुत्व के परम प्रयोगवादी, प्रगतिवादी व परम प्रासंगिक रहने के सारस्वत भाव की और अधिक प्राणप्रतिष्ठा करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जिस तरह से डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है और पोर्ट ब्लेयर ही नहीं, देश की ढाई लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट के ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जोड़ने के लक्ष्य के मद्देनजर काम हो रहा है, उससे उम्मीद है कि देश के समग्र विकास की राह निश्चित ही खुलेगी।
अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि भूमिपूजन के शुभ अवसर पर करोड़ों हिंदुओं के साथ जैन धर्म बंधुओं ने भी दिल खोलकर अपनी खुशी का इजहार किया। प्रभु रामचंद्र जी और अयोध्या धाम से जैन धर्म का भी पुराना नाता रहा है। जैन धर्म के लिए अयोध्या धाम एक परम पवित्र तीर्थ स्थल है।
आतंकवादी छात्र संगठन सिमी पर प्रतिबंध के बाद पीएफआई का गठन किया गया। उसी की राजनीतिक शाखा है एसडीपीआई। पीएफआई वह संस्था है जो मुस्लिम संगठनों को आर्थिक मदद देती है। दिल्ली दंगों के मामले में पीएफआई द्वारा दंगाइयों को पैसा पहुंचाने के सबूत मिले हैं।
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद व विस्तारवाद के खिलाफ एकसाथ दो मोर्चों पर युद्ध का जिक्र करते हुए आत्मनिर्भता के विकास यज्ञ में आहुति देने का आवाहन किया। उनके भाषण के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे यहां पेश हैं-
महाराष्ट्र पुलिस के रवैये से सुशांत सिंह कथित आत्महत्या मामला और उलझता जा रहा है। महाराष्ट्र ने बिहार पुलिस को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने पर भी जांच में न सहयोग किया और न जांच होने दी, न सीबीआई जांच को राजी है। आखिर इसका राज क्या है?
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे एक अरसे से कहते रहे हैं कि उन्होंने अनुभवों से सीखा है और भारत के साथ उनके रिश्ते संतुलित रहेंगे। दूसरी तरफ भारत सरकार ने भी श्रीलंका के साथ संतुलन बरतने की कोशिश की है। चीन के प्रति राजपक्षे के झुकाव को किस तरह नियंत्रित करें यह भारत के समक्ष बड़ी चुनौती होगी।
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मविश्वास से भरा सम्बोधन सुनने के बाद देश की जनता के मन में एक चैतन्यमय आत्मविश्वास निर्माण हुआ है। यह उद्बोधन ऐसे नेता का था जिसका अधिष्ठान राष्ट्र विचारों से जुड़ा है, इसलिए देश के जनमन में विचारों की लहरें उठना स्वाभाविक ही है।
महेन्द्र सिंह धोनी की इसी सफल कप्तानी के कारण क्रिकेट की ऐसी कोई ट्रॉफी नहीं है जो भारत के पास न हो। उनकी कप्तानी में भारत टेस्ट क्रिकेट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले क्रमांक पर रहा। 50 ओवर के विश्वकप और चैंपियंस ट्रॉफी पर भारत का कब्जा रहा। भारत को 20-20 विश्वकप का पहला विश्वविजेता बनाने का श्रेय भी धोनी को ही जाता है।