मारेय नाम का किसान

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“अचानक किसी चमत्कार की वजह से मेरे भीतर मौजूद सारी घृणा और क्रोध पूरी तरह ग़ायब हो गए थे। चलते हुए मैं मिलने वाले लोगों के चेहरे देखता रहा। वह किसान जिसने दाढ़ी बना रखी है, जिसके चेहरे पर अपराधी होने का निशान दाग दिया गया है, जो नशे में धुत्त कर्कश आवाज़ में गाना गा रहा है, वह वही मारेय हो सकता है।”

भारतीय संस्कृति का विजयनाद

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अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन स्वर्णिम दिवस है भाद्रपद कृष्ण द्वितीय सवंत 2077 तदनुसार 5 अगस्त 2020। मध्याह्न 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकण्ड के बाद ’32 सेकण्ड’ के अभिजित मुहूर्त में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों द्वारा भूमिपूजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा।

देर-सबेर जाएगी अशोक गहलोत सरकार

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राजस्थान में गहलोत सरकार गिर भी जाती है तो सचिन पायलट का मुख्यमंत्री बनना तो मुश्किल होगा ही; वसुंधरा भी कोई गुल खिला दें, ऐसा लगता नहीं है। ऐसे में अंततः राजस्थान में मध्यावध्धि चुनाव की ज्यादा उम्मीद लगती है।

राष्ट्रउद्धारक सम्पादक व नेता लोकमान्य तिलक

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लोकमान्य तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पन्ना है। तिलक के समर्पण से पूरा देश स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए ताकत से खड़ा हो गया। कर्तृत्ववान सम्पादक, परिपक्व राजनीतिज्ञ व बेहिसाब साहस रखने वाले राष्ट्रनेता लोकमान्य तिलक को उनकी स्मृति शताब्दी वर्ष के अवसर पर विनम्र अभिवादन।

राम मंदिर पर प्रसन्नता, बॉलीवुड़ का शुद्धिकरण जरूरी

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राम मंदिर, सुशांत सिंह की आत्महत्या, बॉलीवुड़ में माफिया की दादागिरी, वेब सीरीजों से परोसी जाती अश्लीलता, कोरोनो व अर्थव्यवस्था जैसे अद्यतन मामलों पर सांसद डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने हमेशा की तरह अपने बेबाक विचार प्रस्तुत किए। ‘हिंदी विवेक’ से हुई विशेष प्रदीर्घ बातचीत के ये हैं कुछ महत्वपूर्ण अंशः-

कलात्मक स्वतंत्रता या बदनाम करने का षड्यंत्र

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चूंकि वेब सीरीज के लिए किसी तरह का कोई नियमन नहीं है इसलिए वहां बहुत स्वतंत्र नग्नता और अपनी राजनीति चमकाने या अपनी राजनीति को पुष्ट करने वाली विचारधारा को दिखाने का अवसर उपलब्ध है। लेकिन अब वक्त आ गया है कि सरकार इन वेब सीरीज के नियमन के बारे में जल्द से जल्द विचार करें।

फिल्मों में बढ़ती अभारतीयता और इस्लामिक प्रभाव

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सच पूछिए तो अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर फिल्मों ने एक मीठे जहर की तरह हमें हमारे ही विरुद्ध कब खड़ा कर दिया गया पता ही नहीं चला। आज भगवान का मज़ाक उड़ाती ‘ओह माई गॉड’, ‘पीके’ जैसी फिल्मों को देख कर लोग ताली बजाते हैं। लेकिन क्या कभी अल्लाह का मज़ाक उड़ाती किसी फिल्म को आपने देखा है?

आंखों से नहीं दिमाग से देखिए

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भारतीय फिल्म जगत के इस पूरे ‘बे्रन वॉश’ के पीछे एक मजबूत लॉबी काम कर रही है। इंडस्ट ्री में जो अभिनेता इस लॉबी का काम करने से मना कर देता है, उनको खतम करने में यह लॉबी जुट जाती है। फिर या तो उस व्यिे का करियर खत्म हो जाता है या जीवन। सुशांत सिंह राजपूत इसका ताजा उदाहरण है।

श्रीरामचरितमानसकार गोस्वामी तुलसीदास

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विश्व साहित्य में शेक्सपियर के बाद गोस्वामी तुलसीदास ही हैं जिन पर सबसे अधिक शोध प्रबंध प्रस्तुत हुए हैं। ...तुलसी ने जो कुछ कहा है, वह सिर्फ राम की कथा नहीं बल्कि जीवन का महाकाव्य है।

बारिश में ही-मैन और काका

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भले धर्मेंद्र की पहचान एक ही-मैन के रूप में रही हो और राजेश खन्ना रूमानी सितारे माने जाते हों, बरसात में भीगे गीतों के मामले में तो ही-मैन ने ही बाजी मारी है।

संन्यासी राजनीतिज्ञ- हशु आडवाणी

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आज देश में भारतीय जनता पार्टी प्रथम क्रमांक की राजनीतिक पार्टी है। मुंबई में दल के तीन सांसद, बीस विधायक और 85 पार्षद हैं। परंतु 50 वर्ष पूर्व यह चित्र बिल्कुल अलग था। 1967 में पहला विधायक चुना गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सिंध प्रांत के पहले प्रचारक से लेकर महाराष्ट्र के मंत्री तक का राजनीतिक सफर करने वाले पूर्ववर्ती जनसंघ के मुंबई के पहले विधायक श्री हशु आडवाणी की 25वीं पुण्यतिथि के निमित्त-

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