भारत का लघु उद्योग कल-आज-कल

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सरकार अगर लघु उद्योगों को व्यवसाय के लिए अनुकूल वातावरण दें, बिजली-सड़क- पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें और कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराएं तो उद्योगपति भी व्यवसाय को पूरे मन से कर सकेंगे| लघु उद्योग अगर शक्तिशाली बनता है, विकसित होता है तो बहुत बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा होंगे| हमारे देश का खोया हुआ वैभव फिर से प्राप्त हो सकेगा|

मायानगरी के फिल्मी किस्से

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मुंबई की मायानगरी के ङ्गिल्मी किस्से सिने रसिकों की चर्चा का विषय होते हैं| फिल्मी गॉसिप और वहां की हलचलें चहेतों को चटपटा मसाला देती हैं| आज भी पुराने जमाने के किस्सों की जुगाली होती है| लेकिन सच तो यही है कि, ‘गुजरा हुआ जमाना आता नहीं दुबारा|’

दर्द का रिश्ता

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 ‘रणवीर नहीं है तो उनकी जगह उसे ही लेनी होगी| नीलू और उसके बेटे की जिम्मेदारी आखिर उसकी तो है| वह नहीं चाहती जिस हादसे से वह गुजरी उससे नीलू भी गुजरे|         

सॉफ्ट-कॉर्नर

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‘इधर बीच में मेरे कमरे में कोई आया था क्या...?’’ ‘‘क्यों...?’’  ‘‘दो दिनों के लिए मैं टूर पर बाहर क्या गया, तुम लोगों ने मेरी आलमारी, उसमें रखी चीजों, किताबों आदि को ही उथल-पुथल कर दिया...? कौन आया था मेरे कमरे में, कोई कुछ बोलता क्यों नहीं...? ऐ घन्नू! इधर आओ, क्या तुम आए थे मेरे कमरे में...?’’

जजिया

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‘‘अपने अधीनस्थ अधिकारियों की बात सुन कर शशांक का ईमानदारी से नौकरी करने का भ्रम टूट गया| वह उस दोराहे पर खड़ा था जहां एक रास्ता पारिवारिक मजबूरी में नौकरी पर कोई आंच न आने देने वाला था तो दूसरा विभाग की कार्य संस्कृति का अनुकरण करते हुए चीफ साहब को हर माह ‘जजिया’ देना था|’’

ऐसा देश है मेरा

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‘‘देश में शिक्षा की बाढ़-सी आ गई है| इस क्षेत्र में हमने इतनी तरक्की कर ली है कि विद्यार्थी जिस विषय में चाहे, टॉप कर सकता है, यहां तक कि कई बार तो उसे खुद पता नहीं चलता कि उसने किस विषय में टॉप किया है| टॉप करना पास होने से भी ज्यादा आसान हो गया है|’’

वैदिकी हिंसा, हिंसा न भवति

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वैसे साहित्यिक चोरी करने वाले इस तरह के कृत्य को कोई चोरी नहीं मानते, कोई अपराध नहीं मानते, कोई गलत काम नहीं मानते| इसकी बजाय वे गर्व से कहते हैं कि वैदिकी हिंसा, हिंसा न भवति यानी साहित्य की चोरी चोरी नहीं कही जाती और वे बड़े गर्व के साथ दूसरी पुस्तकों व पत्रिकाओं से अध्याय के अध्याय मारते रहते हैं|

होम डेकोर के आइडियाज…

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किसी खास मौके या त्यौहार पर हम अपने घर को नया लुक देना चाहते हैं| अपने सपनों के घर को न्यूनतम खर्च में इतनी खूबसूरती से सजा सकते

भारत का हृदय-स्थलः मध्य प्रदेश

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मध्यप्रदेश अनेकों-अनेक ऐतिहासिक, प्राकृतिक महत्व के स्थलों से भरा पड़ा है| मध्यप्रदेश में आदर-आतिथ्य की परंपरा बहुत पुरानी है| आदिवासी संस्कृति, ग्राम्य सभ्यता में आज भी वह अपनापन, वह प्रेम हम महसूस कर सकते हैं|

गुजरातः हर सैर जहां उत्सव है

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गुजरात आपकी रुचि के अनुसार हर क्षेत्र में पर्यटन की सुविधा देता है| चाहे आप की रुचि संस्कृति में हो, चाहे इतिहास में हो, चाहे अध्यात्म में हो, चाहे समुद्री तटों में हो या कि फिर वनों में- हर क्षेत्र में गुजरात आपके मनोविनोद और ज्ञान वर्धन के लिए हाजिर है|

२०२२ तक किसानों की आय दुगुनी

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२०२२ तक किसानों की आय दो गुना करने के लिए उत्पादन के बजाय खपत पर ध्यान देना होगा| इसके लिए ढांचागत सुधारों और देश-विदेश में आक्रामक विपणन पर ध्यान देने की जरूरत है| कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनाने के लिए आवश्यक है कि आयात को कम किया जाए तथा निर्यात बढाया जाए|

क्या भारत कृषिप्रधान रहेगा?

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यह वर्ष पं. दीनदयाल जी का जन्म शताब्दी का वर्ष हैं और उनके द्वारा प्रस्तुत  एकात्म मानव दर्शन के विचार को भी इसी वर्ष ५० साल पूरे हो रहे हैं| उन्होंने जो  "Not mass production, production by masses' का विचार रखा था उसे नीति के तौर पर अपनाने की आवश्कता है|

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