बुनियादी ढांचे की विकास यात्रा

Continue Readingबुनियादी ढांचे की विकास यात्रा

केंद्रीय बजट 2018 ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के प्रमुख माध्यम के रूप में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की पहचान की है। बजट में आधारभूत संरचना प्रावधान जीडीपी में वृद्धि, कनेक्टिविटी को मजबूत करने, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सहकारी बैंकों का भविष्य अंधेरे में

Continue Readingसहकारी बैंकों का भविष्य अंधेरे में

सहकारी बैंकों के प्रति सरकारों और राजनीतिक दलों का रवैया उदासीन दिखाई दे रहा है। यदि ऐसी ही स्थिति बनी रही तो ये बैंक नाममात्र के लिए अस्तित्व में रह जाएंगे। यह सहकारिता और देश दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा।

नया विधेयक, बैंक ग्राहक और जमापूंजी

Continue Readingनया विधेयक, बैंक ग्राहक और जमापूंजी

नये वित्तीय विधेयक की धारा ५२ के प्रावधानों को लेकर आम लोगों में बेचैनी है. इसमें प्रावधान है कि नया निगम चाहे तो जमाकर्ताओं की सारी जमापूंजी डकार सकता है. इससे न्यूनतम एक लाख रु. की बीमाकृत सुरक्षित राशि भी देने से इनकार कर सकता है. यह तो दिनदहाड़े डकैती हुई, जिसे रोकना सरकार का कर्तव्य है. लोगों में सरकार के प्रति विश्वास का माहौल पैदा होना चाहिए, संदेह का नहीं.

जीएसटी आम आदमी के लिए बहुत अच्छा

Continue Readingजीएसटी आम आदमी के लिए बहुत अच्छा

विरोध करने वाले भले बदलावों को जीएसटी की अधूरी तैयारी का नाम देते रहें, लेकिन कर का पूरा ढांचा ही बदल देने वाली प्रणाली को सुचारु होने में कुछ महीने तो लगेंगे ही। दीर्घावधि में जीएसटी सब के लिए लाभप्रद ही होगा। पिछले करीब आठ महीने से देश भर में जो भी नाम सुर्खियों में रहे हैं, उनमें जीएसटी काफी आगे है। जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर आजादी के बाद का सब से बड़ा कर सुधार है, जिसे लागू करने के लिए सरकारों को बहुत मशक्कत भी करनी पड़ी है। वास्तव में यह क्रांतिकारी कदम है, इसलिए इसका जम कर समर्थन भी किया जा रहा

नोटबंदी, जीएसटी, रेरा का महागठबंधन

Continue Readingनोटबंदी, जीएसटी, रेरा का महागठबंधन

नोटबंदी, रेरा, जीएसटी को लागू करने के फैसले सही थे, लेकिन सभी फैसलों का समय गलत था या फिर समय सही था तो उसका नियोजन सही नहीं था। भारतीय इतने तीव्रता से लिए गए फैसलों के आदी नहीं है।   भाजपा ने केंद्र में अपनी सरकार २०१४ में शासित की। उसका केंद्र में आना लोगों के लिए एक नई उम्मीद की किरण थी। अच्छे दिन का वादा उनके चुनाव का मुख्य नारा था। लोग भी उनके इसी चुनाव प्रचार से प्रभावित हुए थे। आम जनता भ्रष्टाचार देख देख कर त्रस्त हो गई थी। वे ऐसे कुछ की उम्मीद लगाए थे, जिससे आतंकवाद, भ्रष्टाचार और बढ़ती हु

उद्योग केंद्रित नीतियों की आवश्यकता

Continue Readingउद्योग केंद्रित नीतियों की आवश्यकता

आर्थिक सुधारों की दृष्टि से नोटबंदी, जीएसटी, करवंचना रोकने और कैशलेस लेनदेन बढ़ाने जैसे कठोर उपाय एक ही कालखंड में आए और इससे समाज में हड़बड़ी का माहौल निर्माण हो गया। नए प्रश्न निर्माण हुए। इससे पार पाने के लिए उद्योग केंद्रित नीतियों की आवश्यकता है। औद्योगिक क्षेत्र में स्वस्थ स्पर्धा, विश्वास का माहौल और प्रशासनिक संस्कृति का निर्माण हो तो इन समस्याओं से निपटा जा सकेगा।   किसी भी समाज की सम्पन्नता में उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। व्यवसायी समाज की आवश्यकता को पहचान कर उसे पूरा करने के लि

कैसा होगा भविष्य का बैंकिंग?

Continue Readingकैसा होगा भविष्य का बैंकिंग?

भविष्य का बैंकिंग पूरी तरह बदल चुका होगा। ग्राहकों के लिए विशिष्ट बैंकिंग अनुभव, जोखिमों और नियमों दोनों का बेहतर प्रबंधन, अत्याधुनिक तकनीक की मदद से गैर-बैंकिंग असंगठित संस्थाओं से प्रतिस्पर्धा करना, यही बैंकों का भविष्य है और तभी बैंक जीवित रह सकेंगे। हमारे बच्चे शायद किसी अलग तरह की बैंकिंग का अनुभव लेंगे। एक बात तो पक्की है कि बैंक शाखाओं का महत्व निकट भविष्य तक ही सीमित रहेगा। उसके बाद उनका महत्व बहुत हद तक कम हो जाएगा। भविष्य में बैंक शाखाएं बहुत अलग तरह की भूमिका अदा करेंगी। जैसे किसी पेचीदा माम

वस्तु एवं सेवा कर

Continue Readingवस्तु एवं सेवा कर

वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली १ जुलाई से क्रांतिकारी परिवर्तन है और पूरे देश को एक बाजार बना रही है। लेकिन इसके लागू होने से पहले तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे और अब भी इसमें दरों तथा कीमतों को लेकर जबरदस्त संशय बरकरार है। तमाम वस्तुओं और सेवाओं के लिए कर क

कृषि विकास दर ४.१% रहने का अनुमान- राधामोहन सिंह

Continue Readingकृषि विकास दर ४.१% रहने का अनुमान- राधामोहन सिंह

२०१६ में अच्छे मानसून और सरकार की नीतिगत पहल के कारण देश में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। वर्ष २०१६-१७ के लिए दूसरे अग्रिम आकलन के अनुसार देश में कुल २७१.९८ मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। केंद्र की भाजपानीत राजग सरकार पांच

कृषि क्षेत्र वृद्धि की ओर

Continue Readingकृषि क्षेत्र वृद्धि की ओर

बेहतर सड़क निर्माण, २००० किलोमीटर की तटीय संपर्क सड़क और भारत नेट के अंतर्गत १३०,००० पंचायतों को उच्च गति के ब्राडबैंड प्राप्त होने से निश्चित रूप से कृषि उत्पादों की मार्केटिंग में सुधार और बेहतर कीमतें मिलेंगी।   राज्य सरकार का कृषि क्षेत्र पर नए

राष्ट्र और विकास की अवधारणा

Continue Readingराष्ट्र और विकास की अवधारणा

संवेदना हमारे तत्व दर्शन में है और शक्ति समाज के संगठन और जन-जन के सशक्तिकरण में है। उच्च आध्यात्मिक मूल्यों से प्रेरित यही धर्म की अवधारणा है। यह हमारा विकास का सनातन मॉडल है। यह हमारी चिर परिभाषित राष्ट्रीयता है। भारत में राष्ट्र की अवधारणा मूलतः सर्व

टीजेएसबी बैंक डिजिटल बैंकिंग की ओर अग्रसर

Continue Readingटीजेएसबी बैंक डिजिटल बैंकिंग की ओर अग्रसर

टीजेएसबी सहकारी बैंक भारत की प्रमुख सहकारी बैंको में से एक है। बैंक विगत ४६ वर्षों से अपने ग्राहकों का विश्वास जीत कर उनकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रही है। बैंक के पास अपने ग्राहकों को देने लिए लगभग सभी प्रकार के डिजिटल प्रोडक्ट जैसे ई-बैंकिंग, आएमपीएस,

End of content

No more pages to load