नमामि देवि नर्मदे

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मध्यप्रदेश के १६ जिलों तथा ५१ विकास खण्डों से होती हुई १०७७ कि.मी. की नर्मदा सेवा यात्रा का १५ जून को अमरकंटक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में समापन हुआ। लगभग १५० दिनों तक नर्मदा तट पर चली यह यात्रा विश्व का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान था, ज

राष्ट्रीय विकास और मां गंगा

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मां गंगा और भारतीय संस्कृति भारत की आत्मा के ऐसे अंश हैं कि जैसे गंगा विभिन्न कोणों से, विभिन्न मोड़ों से गुजरने के बाद भी अपनी पवित्रता को नष्ट नहीं होने देती, वहीं भारतीय संस्कृति भी विभिन्न उतराव-चढ़ाव के दौर में अपनी पवित्रता को नष्ट नहीं होने दिया। इसल

हम मंदिर वहीं बनाएंगे…

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रामजन्मभूमि विवाद, उसके समाधान से लेकर हिंदुओं में उत्पन्न नवजागरण, नोटबंदी, उत्तर प्रदेश में भारी जीत और केरल में स्वयंसेवकों पर हो रहे हमलों जैसे अनेक विषयों और देश की वर्तमान स्थिति पर प्रस्तुत है प्रखर हिंदुत्ववादी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी से हुई ल

तिरुपति में केशदान, शिर्डी में रक्तदान: सुरेश हावरे

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शिर्डी का साईंबाबा संस्थान दुआ, दवा, सेवा तथा भक्ति और शक्ति की अनोखी मिसाल है। भक्तों को बेहतर सुविधाओं के साथ-साथ शिर्डी के विकास की विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं। नए-नए उपक्रम स्थापित किए जा रहे हैं। सन २०१८ साईं बाबा का समाधि शताब्दि वर्ष है। इ

 भारत की प्राचीन ग्राम्य परंपरा

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 ऋषि और कृषि, भारतीय ग्राम्य संकल्पना और व्यवस्था के आधार रहे हैं| इस परंपरा ने केवल मानव को जीवन जीना सिखाया, बल्कि जीवन को सुख शांति, सफलता और आनंद के साथ जीने के विचार और संस्कार भी दिए| ...इसी कारण से महात्मा गांधी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, विनोबा भावे तथा अन्य चिंतकों ने ग्राम स्वराज्य के माध्यम से भारत के नवनिर्माण का चिंतन दिया है|

श्री अथर्वशीर्ष के श्री गणेश

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गागर में सागर की उक्ति को सागर करता हुआ अथर्वशीर्ष भारतीय दार्शनिक चिंतन का अनुपम उदाहरण है। धर्म, कर्मकांड, एवं उपासना का सारमूल संक्षिप्त संस्कारण अथर्वशीर्ष योग, अध्यात्म एवं ज्ञान विज्ञान के रहस्यों से भरा है। दस श्लोकों का अथर्वशीर्ष श्री गणेश आराधना का स्तोत्र है।

सुशासन का अर्थ

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सुशासन का सीधा अर्थ जन विकास को जन आंदोलन में परिवर्तित करना है, जिसमें शासन के नेतृत्व में जनता की सक्रिय भागीदारी हो। भारत में सुशासन की उपर्युक्त अवधारणा आज की नहीं है; बल्कि भारतीय मनीषा एवं चिंतन परंपरा में यह पुरातन-सनातन काल से चली आ रही है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल की है।

देवर्षि नारद- सुशासन के आचार्य 

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भारतीय इतिहास एवं पौराणिक परम्पराओं को विकृत रूप में प्रस्तुत करने के अनेक उदाहरण सामने आ रहे हैं। अधूरी समझ या जानबूझकर देवर्षि नारद के व्यक्तित्व को भी हास्यास्पद और कलहप्रिय के रूप में व्याख्या की गई है। पश्चिम के जिन विद्वानों ने पुराणों का अध्ययन किया उन्होंने नारद के विभिन्न संदर्भों का विश्लेषण कर निष्कर्ष निकाला कि वे देवताओं को आपस में, और राक्षसों और देवताओं में परस्पर द्वेषभाव उत्पन्न करके लड़वाने का प्रयास करते थे।

हरियाणा के श्रद्धा स्थल

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आदि काल से हरियााणा अत्यन्त समृद्ध एवं सुद़ृढ़ धार्मिक सांस्कृति का पोषण करता रहा है। इसके प्रत्येक गांव में मन्दिर मिलेगा जहां पर किसी साधु सन्यासी, वैरागी अथवा महन्त का वास है। इन मन्दिरों के नाम आदि काल से कृषि भूमि की व्यवस्था है। गांव में इसे आश्रम-आसन(गद्दी) या आवाड़े के नाम से जाना जाता है।

चार युगों की आध्यात्मिक भूमि

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पूर्वांचल अर्थात् पूर्वी उत्तर प्रदेश के नाम से प्रचलित क्षेत्र उत्तर   प्रदेश के चार क्षेत्रों में एक है। विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश-पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल और बुन्देलखण्ड में विभक्त है। पूर्वांचल लगभग ८,८४४ वर्ग किलोमीटर में फैला है। उत्तर प्रदेश के कुल ७५ जिलों में से अट्ठाइस(२८) जिले पूर्वांचल में आते है।

पूर्वांचल के आध्यात्मिक स्थल

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सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है, जहां राम   और कृष्ण ने जन्म लिया, बुद्ध और महावीर की तपोभूमि रही और बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा एवं मां विध्यवासिनी के आराध्य स्थल हैं। देवभूमि उत्तरांचल कभी उत्तर प्रदेश का ही अंग रहा, जहां केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे पवित्र धामों के अतिरिक्त गंगोत्री, जमुनोत्री जैसी पवित्र नदियों के रमणीक स्रोत हैं।

अविनाशी काशी

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विश्व की प्राचीनतम नगरी वाराणसी जीवन   रेखा की दृष्टि से एकमात्र अटूट नगरी है, जहां मानव जीवन लगभग ६ हजार वर्षों से प्रतिष्ठित  है, पल्लवित है। यूं तो सूर्योदय होने पर अंधकार दूर होता है, कोहरा छंट जाता है, रहस्य उन्मुक्त हो जाता है, परंतु वाराणसी सूर्योदय के लिए विख्यात होने के उपरान्त अनादिकाल से एक रहस्यमयी नगरी है।

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