प्रकृति और पर्यावरण का पूजन
वैदिक वाङ्मय में प्रकृति, पर्यावरण तथा प्राणवायुके आवरण को संरक्षित करने पर सबसे अधिक महत्व दिया गया है। अथर्व वेद ...
वैदिक वाङ्मय में प्रकृति, पर्यावरण तथा प्राणवायुके आवरण को संरक्षित करने पर सबसे अधिक महत्व दिया गया है। अथर्व वेद ...
राष्ट्र की रक्षा के लिए अच्छे स्वस्थ शरीर की परम आवश्यकता है। प्राचीन रोम एवं ग्रीकवासी प्रतिदिन, हर नागरिक इतना ...
कृरुक्षेत्र के मैदान में श्रीकृष्ण का अर्जुन को दिया गया गीता का उपदेश मानव मात्र के जीवन का परिवेश बदल ...
भक्ति रस की संगीत गंगा का प्रवाह कई शतकों से अनवरत अनथक बहता आया है। मानव के मन के उन्नयन ...
सृष्टि का उद्गम सागर से हुआ। ...संगीत का स्वर-‘स’ सागर का द्योतक है। धरती बनी रेंगने वाले प्राणी अर्थात, अजगर, ...
योगियों की भाषा में संगीत नादयोग है। इसकी साधना करने से संगीत के द्वारा परमात्मा से संबंध स्थापित करना संभव ...
भारत के इतिहास में या कुछ मामलों में तो पूरे विश्व के इतिहास में अगर देखा जाए तो बिहार कई ...
वैदिक वाङ्मय में जिस समय ‘व्रात्य’ कहकर बिहार की निन्दा की गई थी, उस समय किसे पता था कि ...
भारतीय लोक जीवन तथा मनीषा में श्री हनुमान जी ही ऐसे देवता हैं जो बल, बुद्धि और विद्या के आगार ...
महाभारत के भीष्म पर्व में महर्षि वेदव्यास ने श्रीमद्भगवत गीता के संबंध में वर्णन करते हुए लिखा है-
आकाश में छाये काले-काले बादल, तेज बहती हवाएं, बीच में चमकती बिजुरिया और अचानक क्षण भर में सारी सृष्टि को ...
नरेन्द्र नाथ दत्त को विश्व विजयी स्वामी विवेकानंद बनाने में राजस्थान का बहुत बड़ा योगदान रहा है । सन 1890 ...
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