विश्वव्यापी भारतीय संस्कृति
सारे विश्व से जो पुरातात्विक प्रमाण मिले हैं उससे साबित होता है कि भारतीय संस्कृति विश्व के हर कोने में फैली हुई थी। चाहे जापान हो या न्यूजीलैण्ड, यूरोप हो या अफ्रीका अथवा अमेरिकी प्रायःद्वीप- हर जगह भारतीय और उनकी संस्कृति पहुंची है। हर संस्कृति से उसका मेलजोल हुआ। वह सर्वव्यापी हो गई। समुंदर पार जाने या देशांतर के दौरान संस्कृति किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती। वह सहजता और सरलता से सीमाओं को पार कर देती हैं। यहां तक कि सदियों या सहस्राब्दियों पूर्व उसने जो प्रभाव छोड़ा था वह भी सहजभाव बन जाता है। इसी