पाकिस्तान में हिंदुओं का हाल बेहाल
आजादी के 65 वर्षों बाद पाकिस्तान में रह रहे 70 लाख हिंदुओं का हाल बेहाल है। लगभग 94 फीसदी हिंदू सिंध प्रांत में जबकि चार फीसदी हिंदू आबादी बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनवा प्रांत में रहती है।
आजादी के 65 वर्षों बाद पाकिस्तान में रह रहे 70 लाख हिंदुओं का हाल बेहाल है। लगभग 94 फीसदी हिंदू सिंध प्रांत में जबकि चार फीसदी हिंदू आबादी बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनवा प्रांत में रहती है।
अपने पड़दादा वैद्य गंगाराम पाटणकर द्वारा 110 वर्ष पूर्व तैयार किये गये आयुर्वेदिक वैद्य पाटणकर काढ़ा की जतन करते-करते नाती अभिमन्यु पाटणकर भविष्य में ‘वैद्य पाटणकर टैबलेट’ के निर्माण में व्यस्त हैं। इसके साथ ही पाटणकर परिवार की समाजसेवा की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए ‘पाटणकर फार्मेसी’ के माध्यम से ‘वैद्य पाटणकर पुनर्वसन केन्द्र’ की स्थापना करने का उनका विचार है।
संसद द्वारा लोकपाल बिल पारित कराने के लिए टीम अण्णा ने देश भर में लंबा आंदोलन चलाया। अण्णा हजारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन किया तो, ‘मैं अण्णा हजारे हूँ’ की टोपी सिर पर रखकर देश भर में उनके समर्थन में धरना, प्रदर्शन, सभा और रैली का आयोजन किया गया।
इस सोशल नेटवर्किंग में बच्चे, बूढ़े, नारी, नर सभी गिरफ्त हैं। उन्होंने इस साइट्स पर एक आभासी विश्व का निर्माण किया है और वे सोशल नेटवर्किंग के काल्पनिक विश्व में इस कदर जकड़े हुए हैं कि उन्हें इस बात का विवेक नहीं रहता कि इस सोशल नेटवर्किंग से क्या ग्रहण किया जाए और क्या नहीं।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में विगत 11 अगस्त 2012 को घटना वह विश्व की सबसे शर्मनाक घटना है। देशवासियों को शर्मसार करने वाली इस घटना तथा इस दिन हुए कुकृत्यों से प्रत्येक भारतीय को ग्लानि हुई है। भारत की स्वतंत्रता के उपरांत भारत माता इतनी अपमानित कभी नहां हुई थी
संसद का पिछला सत्र कोयले की तपन में ही स्वाहा हो गया। कोयले की दलाली में बड़े-बड़े नाम सामने आए हैं। सीबीआई ने अभी आधे ही आवंटनों की जांच की है, उनमें भी प्राथमिकी पांच-छह मामलों में ही दायर की है। यह जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी और कई नाम सामने आएंगे।
अरुणांचल में रुक्मिणी-कृष्ण से संबंधित एक अद्भूत मालिनी थान है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ी रास्ते पर एक पहाड़ी टीले पर छोटा सा रुक्मिणी मंदिर है। रुक्मिणी- हरण कर द्वारका जाते समय वे दोनों यहां रुके थे।
भारतीय संस्कृति में जीवन को सर्व प्रकारेण आनंदपूर्ण मनाने के लिए पुरुषार्थ चतुष्टय-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की उद्भावना को रखा गया है। सबसे पहले धर्म की अवधारणा है। यदि धर्म को सर्वप्रथम न रखा गया होता, तो ‘अर्थ’ और ‘काम’ के पीछे-पीछे भागते रहने से समाज में अव्यवस्था फैल जाती।
अपने देश में बीच-बीच में इस प्रश्न पर चर्चा होती रहती है कि ‘पाकिस्तान का निर्माण किसने किया?’ कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि सशक्त राष्ट्र का सिद्धान्त मूलत: वीर सावरकर का है। आगे चलकर इसे जिन्ना ने अंगीकार कर लिया।
दुनिया भर के सभी देशों में भारत से गये हुये हिन्दू बसे हैं। वे जहाँ भी हैं, वहाँ देवी-देवताओं के मन्दिरों के साथ गणेश भगवान का मन्दिर अवश्य पाया जाता है। गणेश जी सबके घरों में प्रथम देव के रूप पूजे जाते हैं। अमेरिका के प्राय: सभी बड़े शहरों में श्री गणेश जी के मन्दिर बने हुए हैं, जहाँ वे भक्तों की पूजा स्वीकार करके उन्हें अनुग्रहित करते हैं।
‘अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता’ की कहावत को शब्दश: अंगीकार करते हुए महाराष्ट्र की राजधानी तथा भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में ख्यात मुंबई नगरी में विभिन्न देवी-देवताओं को मानने वालों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, उसके आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा
भारत ऋषि-मुनियों का देश है। ऋषियों की प्रज्ञा मानवता के संविधान वेद के मन्त्रों का प्रत्यक्ष दर्शन किया करती थी- ऋषय मंत्रद्रष्टार:। उन ऋषियों ने ही भारतभूमि को देवभूमि, यज्ञभूमि, योगभूमि, त्यागभूमि, आर्यभूमि के रूप में कीर्ति प्रदान की है। इस भूमि में उन्होंने जीवन की सम्पूर्णता के, जीवन के सौन्दर्य के दर्शन किये थे।