नवरात्र : अध्यात्म एवं उत्सव का संगम

Continue Readingनवरात्र : अध्यात्म एवं उत्सव का संगम

गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान में गरबा नृत्य की धूम होती है। पश्चिम बंगाल में तो जैसे पूरा जन-जीवन ही दुर्गा पूजा के रूप में एकीकृत हो जाता है। दक्षिण भारत के राज्यों-कर्नाटक तथा आन्ध्रप्रदेश में दुर्गा पूजा का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। इस तरह यदि देखा जाय तो नवरात्र आध्यात्म एवं उत्सव का एक अद्भुत संगम बन जाता है।

शाखा बन्दर

Continue Readingशाखा बन्दर

शाखा बन्दर को अंग्रेजी में ‘हूलाक गिब्बन बाइनोपाइथेकस हूलाक’ कहा जाता है। असम और बांग्लादेश में बहुत अधिक संख्या में पाये जाने वाले शखा बन्दर को असमिया में ‘होलोयू बन्दर’ और बांग्ला में ‘उलूक’ अथवा ‘उलूमन’ कहते हैं।

ठेका मजदूर अधिनियम एक अध्ययन

Continue Readingठेका मजदूर अधिनियम एक अध्ययन

भारत में नयी आर्थिक नीति के तहत किये जा रहे बड़े बदलाओं के साथ ही वैश्वीकरण, उदारीकण और निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मोह-भंग

Continue Readingमोह-भंग

मंगरुवा और समय चाहे जहां रहे, लेकिन रात को खाने के समय थाली लेकर जरूर पहुंच जाता था। कौशल्या भी जानती थी इसलिए दो-चार रोटियां उसके लिए जरूर सिकवा देती।

कंचन चन्द्र स्त्री-विमर्श की चित्रकार हैं

Continue Readingकंचन चन्द्र स्त्री-विमर्श की चित्रकार हैं

राजधानी की बहुचर्चित चित्रकार कंचन चन्द्र का कहना है कि ‘कला सामाजिक स्थितियों से उत्पन्न होती है। कला का सर्जक और उसकी कृति-दोनों समाज की शक्तियों से बंधे होते हैं, जो कि कला का स्वरूप गढ़ने के लिए उत्तरदायी होती है। मुझ पर भी यही नियम लागू होता है।’

भारतीय फिल्में गंभीरता से हो-हंगामे तक का

Continue Readingभारतीय फिल्में गंभीरता से हो-हंगामे तक का

फिल्म के संबंध में दर्शक वाचक किस तरह की खबरें देखना या पढ़ना पसंद करते है? ऐसी जो ये जानकारी दे कि फिल्म निर्माण में कथा से लेकर पोस्टर तक और ध्वनिमुद्रण से लेकर संकलन तक कई घटक एक दूसरे में समाहित होते हैं।

संघभावना की प्रतिमूर्ति

Continue Readingसंघभावना की प्रतिमूर्ति

प्रकृति का यह शाश्वत नियम है कि जन्म लेने वाले हर प्राणी की आत्मा उसकी भौतिक काया को छोड़कर एक दिन परम आत्मा ईश्वर में विलीन हो जाती है। यह मृत्यु लोक है।

वास्तुशान्ति करना आवश्यक

Continue Readingवास्तुशान्ति करना आवश्यक

नये घर का निर्माण करना और उसमें विधि-विधान से प्रवेश करके जीवन-यापन करना हरेक व्यक्ति की इच्छा होती है। नये घर की वास्तुशान्ति करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

पाकिस्तान का भविष्य कैसा होगा?

Continue Readingपाकिस्तान का भविष्य कैसा होगा?

अपने देश में बीच-बीच में इस प्रश्न पर चर्चा होती रहती है कि ‘पाकिस्तान का निर्माण किसने किया?’ कुछ दिन पूर्व कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि सशक्त राष्ट्र का सिद्धान्त मूलत: वीर सावरकर का है। आगे चलकर इसे जिन्ना ने अंगीकार कर लिया।

मुहावरे-कहावते : पशु-पक्षी और पर्यावरण

Continue Readingमुहावरे-कहावते : पशु-पक्षी और पर्यावरण

हमारे समाज, परंपरा, साहित्य और लोकोक्तियों में पशु-पक्षियों को बहुत महत्व दिया गया है, जो प्रकृति से हमारे पूर्वजों के जुड़ाव का द्योतक है।

कश्मीरी पंडित आखिर कब लौटेंगे अपने घर

Continue Readingकश्मीरी पंडित आखिर कब लौटेंगे अपने घर

कश्मीर की समस्याओं के निराकरण के लिए हमारे देश का एक विशेष वर्ग निरतंर प्रयास करता रहा है, लेकिन इस वर्ग के सहारे कश्मीरी पंडितों की घर वापसी होना असंभव ही नजर आ रहा है।

मुंबई की लोकल गाड़ियों में गाना लोक गायकी का अनोखा अंदाज

Continue Readingमुंबई की लोकल गाड़ियों में गाना लोक गायकी का अनोखा अंदाज

मुंबई की लोकल गाड़ियों में अनेक भजन मंडलियां वर्षों से यात्रा करती आ रही हैं। मध्य रेलवे के कसारा और टिटवाला तथा कर्जत और नेरल स्टेशनों एवं पश्चिम रेलवे के विरार और वसई आदि स्टेशनों से लोकल में चढ़ने वाली भजन मंडलियों के समूह गाड़ी में अपने आराध्य की प्रतिमा स्थापित करते हैं,

End of content

No more pages to load