मोदी जी की अर्थनीति

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मोदी सरकार की अर्थनीति इस तरह सर्वसमावेशी है कि आने वाला समय निश्चित रूप से भारत के पुनरुत्थान का होगा। अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे। नए अवसर बढ़ेंगे। अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने से यही संकेत मिलते हैं।

एनपीए का देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

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सरकार और बैंकों के प्रयास से फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली के मोर्चे पर बेहतर परिणाम दृष्टिगोचर होने लगे हैं, जिससे बैंकिंग क्षेत्र मजबूती की ओर अग्रसर हो रहा है।े जाहिर है, बैंकिंग क्षेत्र के मजबूत होने से अर्थव्यवस्था बेहतर होगी और विकास दर में तेजी आएगी।

सहकारी बैंकों को कुरेदता एनपीए

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व्यावसायिकता का अभाव, कर्ज के ऐवज में बंधक रखी गई सम्पत्ति का अनाप-शनाप मूल्यांकन, ॠण मंजूर करने के आंतरिक दबाव, बाजार का सही अनुमान न लगा पाना, प्रशिक्षित कर्मचारियों का अभाव आदि भी नागरिक सहकारी बैंकों में एनपीए होने के कारण हो सकते हैं। इनसे पार पाने की चुनौती इन बैंकों के समक्ष है।

तीन तलाक के मुक्तिदाता मोदी

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मोदी सरकार के अथक प्रयास से सदियों पुरानी कुप्रथा तीन तलाक को ख़त्म कर इतिहास रच दिया गया है. लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास हो गया. बिल के समर्थन में ९९ और विरोध में ८४ वोट पड़े. अब तीन बार तलाक कह कर पत्नी से तलाक लेना संज्ञेय अपराध होगा. पीड़ित या परिवार के सदस्य एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद बिना वारंट के गिरफ्तारी हो सकेगी. मजिस्ट्रेट पत्नी का पक्ष जानने के बाद ही जमानत दे सकते है. मजिस्ट्रेट को पति और पत्नी के बिच सुलह कराकर शादी बरकरार रखने का भी अधिकार दिया गया है. अदालत का फैसला आने तक बच्चा मां के संरक्षण में रहेगा. इस दौरान पत्नी को गुजारा भत्ता पति को देना होगा. तीन तलाक देने वाले पति को ३ वर्ष की जेल और जुर्माना दोनों ही सजा दी जा सकती है.

किसे कहते हैं एनपीए?

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बैंकिंग क्षेत्र में ही नहीं जनसाधारण में भी एनपीए शब्द आजकल बड़ी चर्चा में हैं। एनपीए अंग्रेजी शब्दावली नॉन-परफार्मिंग असेट का संक्षिप्त रूप है। एनपीए को डूबत ॠण भी कह सकते हैं। हिंदी पारिभाषिक शब्दावली है अनर्जक आस्तियां। याने ऐसा ॠण जिनके वसूल होने में दिक्कत है।

बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने की पहल करता बजट

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मोदी सरकार बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। ...सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण हेतु पूंजी उपलब्ध कराने, आईबीसी के तहत वसूली में तेजी लाने और बैंकों के एकीकरण से बैंकों की सेहत में सुधार आएगा।

तन, मन जीवन समर्पित

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स्वरूपजी अब इस संसार में नहीं हैं, लेकिन उनके आचार-विचार समाज को सदैव प्रचोदित और प्रेरित करते रहेंगे। ...जीवन के 90 वर्ष -9 पूर्णांक, शून्य अनंत का गान, बना एक समाज समर्पित जीवन का चिरस्थान, ॐ राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय, इदं न मम। पूर्णमद: पूर्णमिदंं।

ब्लॉकचेन से लेनदेन में सर्वाधिक सुरक्षा

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ब्लॉकचेन तकनीक लेनदेन के लिए बहुत क्रांतिकारी, सहज और सुरक्षित साबित हो सकती है। फिलहाल इसका उपयोग बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी में हुआ है और जीवन के हर क्षेत्र में वह अपने पैर तेजी से जमा रही है।

ग्रामीण सहकारी बैंक:   एनपीए समस्या और समाधान

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बैंकों का वह कर्ज जो डूब गया हो और जिसके फिर से वसूल होने की उम्मीद नहीं के बराबर हो उसे एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग असेट) कहा जाता है। अगर बैंक को कर्ज की ईएमआई तीन महीने पर नहीं आती तो ऐसे खाते को एनपीए घोषित किया जाता है। पिछली तिमाही में देश के बैंकों का करीब 8 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज डूबत खाते में था। दूसरे शब्दों में बैंकों का 10 फीसदी से ज्यादा कर्ज एनपीए है।

एनपीए- देश के समक्ष आर्थिक संकट

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बड़े पूंजीपतियों की ओर बैंकों के भारी बकाया कर्ज देश के समक्ष चिंता का विषय है। आए दिन बैंकों के घोटाले उजागर हो रहे हैं। इससे साफ दिखाई देता है कि बैंकिंग क्षेत्र संकट में है। वित्तीय क्षेत्र में कार्यरत बैंकों, बीमा कम्पनियों में देश के लाखों लोगों का धन लगा हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से चलनी हो तो बैंकों, बीमा कम्पनियों का ठीक से चलना आवश्यक है।

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