वक्त हर जुर्म तुम्हें लौटा देगा
पर्यावरण दो शब्दों के मेल से बना है। परि और आवरण। परि अर्थात अच्छी तरह और आवरण अर्थात संरक्षीत। दूसरे शब्दों मे हम यह कह सकते हैं कि पर्यावरण हमारी पृथ्वी का एक ऐसा आवरण या रक्षा कवच है जो हमारे समस्त जीवों को पहाड़ों, नदियों, सागरों और वनों की अनुकुल प्राकृतिक परिस्थितियां और वायु मण्डल में सांस लेने योग्य प्राणवायु की पर्याप्त उपस्थिती के योग से निर्मित होता है।