ऊटपटांग कपडे पहनना फैशन नहीं

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राजनीतिक नेताओं और फिल्मी सितारों के लिए परिधान डिजाइन करने वालेे फिल्म उद्योग के मशहूर डिजाइनर पिता-पुत्र माधव एवं राहुल अगस्ती ने एक विशेष साक्षात्कार में भारतीय फैशन की दुनिया की एक से एक खासियतें उजागर की हैं। दोनों ने माना है कि फैशन ऊटपटांग नहीं होनी चाहिए, स्थान, माहौल, क्षेत्र और समय के अनुरूप होनी चाहिए।

मेकअप जादू की छड़ी है

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आपको और आकर्षक व सुंदर रूप में प्रस्तुत करना मेकअप आर्टिस्ट का मूल काम है। भारत में यह विधा अब तेजी से बढ़ रही है, नए-नए लोग अब इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। मेकअप की दुनिया, उत्पाद, कक्षाओं आदि पर प्रसिद्ध मेकअपमैन  श्री भरत गोडाम्बे से हुई बातचीत के…

टूटते नैतिकता के फिजूल पैमाने

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आज की भारतीय नारी नैतिकता के पुराने पैमानों के आगे जा चुकी है। परंपरा और संस्कृति के नाम पर उसके मन में गढ़े गए गलत विचारों से आज वह बाहर आ चुकी है। यह आधुनिक नारी की अस्मिता का प्रतीक है। समाज को इसे ठीक से जान लेना चाहिए।

हर एक की अपनी फैशन है – अदिती गोवित्रीकर

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आपने जो पहना है, उसमें आप सहज हैं, आप पर वह सुंदर लग रहा है तो वही आपका फैशन होना चाहिए। जो दुनिया करे वह फैशन नहीं है। इस दृष्टि से देखें तो हर कोई फैशनेबल है।  प्रस्तुत है मिसेज इंडिया और मिसेज वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली सुंदरी अदिति गोवित्रिकर से फैशन की दुनिया पर हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश-

आधुनिक फैशन फूहड़ता का फ्यूजन

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आप फैशन के नाम पर कटे-फटे और अंग प्रदर्शित करने वाले कपड़े पहन कर सभ्य बन रहे हैं या फिर अपनी फूहड़ता का परिचय दे रहे हैं? आपकी पहचान फूहड़ता है या आपकी पहचान भारतीयता है, या फिर अंधानुकरण करने वाले नकलची की? कहीं आप फैशन और फूहड़ता में घालमेल तो नहीं कर रहे हैं?

मॉडलिंग में आना आसान टिकना मुश्किल – प्रवीण सिरोही

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मॉडलिंग की दुनिया बड़ी चकाचौंध भरी दुनिया है। युवा इसमें आने के सपने देखते हैं, देखना भी चाहिए; लेकिन इसमें टिकने के लिए संघर्ष की कोई हद नहीं है। मॉडलिंग के पेशे पर प्रसिद्ध मॉडल व अभिनेता प्रवीण सिरोही से हुई बातचीत के अंश प्रस्तुत हैंः

अब नहीं चाहिए घूंघट

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कभी परम्पराओं के नाम पर तो कभी रीति-रिवाज़ और ढकोसलों के चलते महिलाओं को अब तक बहुत छला गया है। परन्तु अब स्त्री जाति को इन वाहियात प्रथाओं से मुक्ति हेतु अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। उन्हें खुद ही घूंघट से बाहर निकलकर आगे बढ़ना होगा।

बेमिसाल भारतीय गहनें

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भारतीय गहनों ने विकास का एक बहुत लंबा सफर तय किया है। लोगों की आवश्यकता के अनुसार नए-नए डिजाइन बाजार में आ रहे हैं, फिर भी पारंपरिक डिजाइन के गहनें आज भी अपने मनमोहक प्रभाव के कारण सबके आकर्षण का केन्द्र हैं।

खिताब पाने का उद्देश्य समाजसेवा – पिंकी राजगडिया

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परम्परागत मारवाड़ी परिवार से आई पिंकी राजगडिया का मिसेज इंडिया व मिसेज यूनिवर्स तक का सफर रोमांचक और कड़े परिश्रमों से भरा सफर है। प्रस्तुत है इस सफर के विभिन्न पहलुओं पर हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश, जो इंगित करते हैं कि भारतीय महिलाएं ठान लें तो हर क्षेत्र में सफलता के झंड़े गाड़ सकती हैं।

घरेलू सौंदर्य प्रसाधनों से लेकर मेकअप तक…

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अगर आप स्वस्थ हैं, आपकी काया कोमल और कांतिमय है, तो आपको अधिक मेकअप की जरूरत नहीं, क्योंकि यह मेकअप स्थायी नहीं होता। अतः अधिक मेकअप से परहेज करें। घरेलू प्रसाधनों का अधिक उपयोग कर अपने आप को सदाबहार बनाए रखें।

जादू… कजरारे नैनों का

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किसी भी नवयौवना का श्रृंगार काजल के बिना अधूरा होता है। बिना काजल लगाए अगर वह आइने के सामने भी खड़ी हो जाती है तो आईना ही उससे पूछता है “आज आंखें बीमार सी क्यों हैं?” और यह वैश्विक सत्य है कि कोई भी नवयौवना आइने की बात नहीं टालती।

हेयर स्टाइल

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नई-नई हेयर स्टाइल हमारे मूड को काफी बदल देती है। इसलिए हमें समय-समय पर अपने हेयर स्टाइल को लेकर प्रयोग करते रहना चाहिए, जो कि अधिकतर महिलाएं और पुरुष करते ही हैं, एकदम अलग और आकषर्क दिखने के लिए...

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