आय टी क्षेत्र के विकास में जेटकिंग प्रधानमंत्री के साथ – सुरेश भारवानी
जेटकिंग इन्फोट्रेन लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश भारवानी से उनके व्यापार सफर के संदर्भ में हुई बातचीत के कुछ मुख्य अंश-
जेटकिंग इन्फोट्रेन लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश भारवानी से उनके व्यापार सफर के संदर्भ में हुई बातचीत के कुछ मुख्य अंश-
गैर कांग्रेसवाद के नारे का स्रोत रहे बिहार की भूमि राजेंद्र प्रसाद, जेपी, कर्पूरी ठाकुर व लोहिया की विचारधारा की भूमि रही है; अतः स्वाभाविक ही है कि बिहार कांग्रेस मुक्त भारत के भाजपाई अभिमान में अंतिम कील ठोकने हेतु कोई कसर नहीं छोड़ेगा। ...समुद्र मंथन की मथनी बना बिहार में ही है; अतः बिहार का चुनाव भी विष-अमृत का फैसला कर देगा।
भारत में संत और साध्वी की ही तरह सेना को भी आदर, सम्मान और बहुत हद तक पवित्रतता की भावना से देखा जाता है। ऐसा इसलिए है कि सेना देश की रक्षा करती है। सैनिक सरहदों की सुरक्षा के लिए अपनी जान कुरबान कर देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं्
गुजरात में पिछले कुछ सप्ताह से आरक्षण को लेकर फिर से बवंडर खडा हुआ है। लेकिन अचरज की बात यह है कि, इस बार आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले गुजरात के इन्हीं पटेलों- पाटीदार समाज- ने सन १९८१ और १९८५ में आरक्षण के खिलाफ एक बहुत ब
पिछले कुछ महीनों से कुछ विशेष प्रकार की खबरें हमारा ध्यान आकर्षित कर रहीं हैं। ऑस्ट्रिया में एक ट्रक में दम घुटने के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। हमारे मन में यह प्रश्न जरूर उठेगा कि एक ट्रक में सैकड़ों लोग कैसे हो सकते हैं
प्रधान मंत्री मोदी की अगस्त की यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) यात्रा से अरब जगत इतना मोहित हो गया कि ‘अल-खलीज़ के प्रधान सम्पादक हबीब अल सायेग ने भावावेश में लिखा कि, इस यात्रा ने भूत, वर्तमान और भविष्य का ऐसा स्वर्णिम पृष्
दिनांक २ सितम्बर २०१५ को लखनऊ के राजभवन में हिंदी विवेक प्रकाशित गंगा विशेषांक का लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह के निमित्त २ दिन तक राजभवन में रहने का सुअवसर प्राप्त हुआ। सुअवसर इसलिए कहूंगी क्योंकि राजभवन में अतिथि के रूप में
भारतीय संस्कृति में तीन प्रकार की नवरात्रियॉं मनाई जाती हैं। चैत्र महीने में राम की, क्वार मास में देवी मां की, अगहन के महीने में खंडोबा की नवरात्रि मनाई जाती है। आदिमाया ने दानवों की पीड़ा से मानव की मुक्ति कराने के लिए नौ दिन स
ये कहावत मशहूर है, जिंदगी में कुछ भी हो जाए, काले कोट वालों से दूर रहे। आज चाहे पति-पत्नी के झगड़े हो, चाहे पिता-पुत्र के झगड़े हो, चाहे व्यवसायिक भागीदारों के झगड़े हो, चाहे दो व्यावसायिक कंपनियों के झगड़े हो, चाहे दो सरकारों के झग
मन को आल्हादित कर देने वाली और प्रत्येक संवेदनशील मन के तारों को छेड़ने वाली बारिश सभी के लिए आनंद का विषय होती है। उसकी अमृतधारा बरसते ही मन तृप्त हो जाता है। फसलें लहलहाने लगती हैं और प्यासे तालाब, बांध भी तृप्ति का अनुभव करते हैं।
भगवद् गीता को समय की सीमा में बांधा नहीं जा सकता। अर्थात इसकी प्रासंगिकता सार्वकालिक है। आवश्यकता इस बात की है कि समय के अनुरूप उसकी बार-बार व्याख्या की जाए। बाल गंगाधर तिलक ने इसकी व्याख्या अपने समय-परिस्थिति के अनुसार की तो ओशो ने अपन
उर्दू शायरी में दिलचस्पी रखने वालों की संख्या आजकल कम नहीं है। इतनी दिलचस्पी लोगों को है कि आज वे उर्दू स्क्रिप्ट भी सीखना चाहते हैं। उर्दू शायरी में इश्क मोहब्बत के साथ साथ सामाजिक या सियासत पर भी टिप्पणी मिलती है। लेकिन इश्क-मोहब्