भारतीय महिलाओं के सोलह श्रृंगार का महत्व

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समय बदलने के साथ कुछ श्रृंगार प्रसाधन प्रचलन से बाहर हो गए और कुछ की जगह आधुनिक श्रृंगार प्रसाधनों ने ली। इसके बावजूद सोलह श्रृंगार का महत्व आज भी बरकरार है। श्रृंगार के इन सभी प्रसाधनों का अपना एक विशेष महत्व है। केवल खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिहाज से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी ये बेहद महत्वपूर्ण हैं। जानिए क्या है आधुनिक युग के प्रचलित 16 श्रृंगार और उनके फायदे-

सौंदर्य और फैशन प्राकृतिक उमंग है

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प्रकृति ने हमें जो सौंदर्य दिया है उसकी अभिवृद्धि करना ही फैशन है। वह समाज के हर स्तर से गुजरती है। व्यक्ति की संस्कृति, उसकी परंपरा और उसके विचारों का प्रतिबिंब उसमें होता है। अकेले फैशन शब्द में ही सारी दुनिया का कला-कौशल समाया है।

बंगलों से झोपड़ी तक

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फैशन अपने भीतर की वह अनुभूति है जो मनुष्य को जीवन की शक्ति देती है, आत्मविश्वास देती है- फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा, युवा हो या बुजुर्ग, राजा हो या रंक। फैशन एक परिवर्तन है, जो किसी चीज का मोहताज नहीं है। जो भी अपने पास है उसके जरिए स्वयं को अभिव्यक्त करने का माध्यम है वह!

हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के ‘फैशन दीपावली विशेषांक’ हेतु आलेख आमंत्रित

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हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के द्वारा इस वर्ष का दीपावली विशेषांक 'भारतीय फैशन' पर आधारित होगा. भारतीय परम्परा में सौंदर्य, श्रृंगार, परिधान, गहने आदि का बहुत महत्व है. फैशन के विभिन्न रूप जितने भारत में हैं उतने शायद ही कहीं और हों. भारतीय फैशन के इन्हीं विभिन्न पहलुओं को उजागर…

बदलता हुआ शॉपिंग ट्रेंड

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ऑनलाइन शॉपिंग आज की दौड़ती जिंदगी की एक जरूरत बन गई है। इसके कई फायदे और कुछ नुकसान भी हैं, लेकिन यदि सावधानी बरती जाए, तो यह एक सुखद अनुभव भी हो सकता है। अत: सावधान रहें और खरीदारी का खूब आनंद लें। कल ही मेरी एक सहेली का फोन आया। कह रही थी, ‘क्या बात है बड़े दिन हुए हम गंजीपुरा नहीं गए खरीददारी करने, कब चलोगी?’ मैंने कहा, ‘हां भई दिवाली है अब तो जाना बनता ही है, चलो दो तीन दिन में हो आते हैं’ और हमने फोन रख दिया। लेकिन फोन रखने के बाद मैं सोच में पड़ गई। कुछ साल पूर्व हर त्यौहार क

लो आ गई स्टाइलिश ठंड

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      ठंड आते ही धूप सुनहरी लगने लगती है। कुनकुना पानी नहाते समय आरामदायक लगता है, और रात को सोते वक्त रजाई हमारी सबसे अच्छी सहेली बन जाती है। लेकिन इन सब के अलावा ठंड में सुंदर दिखने के लिए हमारे पास ढेरों तरीके भी उपलब्ध हो जा

फैशन की शुरुआत गांवों से…

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गांव की मिट्टी की खुशबू कौन भूल सकता है भला? गांवों की बात ही निराली होती है। चाहे वह मिट्टी की सौंधी खुशबू हो, या फिर गांव की बोली, या वहां का पहनावा। वैसे भारत जैसे कृषि प्रधान देश में गांवों की संख्या भी अधिक है। हर गांव का रंग एक दूसरे से अलग और निर

नजरअंदाज न करें नाखूनों को

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कई स्त्रियां यों तो बहुत सुंदर होती हैं, परंतु आड़े-तिरछे नाखून व पुरानी लगी नेलपॉलिश उनके हाथों की खूबसूरती को नष्ट कर देती है। नाखूनों को स्वस्थ बनाये रखने के लिए प्रोटीन अति आवश्यक है, क्योंकि नाखून केराटिन नामक प्रोटीन से बनते हैं।

बरसात और फैशन

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बरसात का मौसम किसे अच्छा नहीं लगता? पहली बारिश के बाद वातावरण में भिन जाने वाली मिट्टी की सोंधी गंध से हर एक का मन प्रफुल्लित हो जाता है। बारिश के मौसम के खुशनुमा माहौल, हरे-भरे वातावरण और शीतल हवाओं का इंतजार सभी को होता है।

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