कचरे के ढेरों से बढ़ता प्रदूषण
शहरी कचरे को ठिकाने लगाने के अवैज्ञानिक तरीकों के कारण शहरों के आसपास कूड़े के पहाड़ के पहाड़ खड़े हो गए हैं। इनसे निकलती लैंडफिल गैसों से जनजीवन ही नहीं, अन्य उपकरण भी संकट में पड़ गए हैं। कचरे से बिजली निर्माण के प्रयोग शैशवावस्था में ही हैं, बहरहाल केंचुओं के माध्यम से औद्योगिक कचरे से खाद निर्माण का प्रयोग सफल हुआ है। ऐसे प्राकृतिक उपाय करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।