विश्व सम्मेलनों से नहीं सुलझेगी पर्यावरण समस्या
भौतिक उन्नति और भोगवादी प्रवृत्ति के कारण इस समय समूचा भूमण्डल पर्यावरण के संकट में घिर गया है। दुनिया भर ...
भौतिक उन्नति और भोगवादी प्रवृत्ति के कारण इस समय समूचा भूमण्डल पर्यावरण के संकट में घिर गया है। दुनिया भर ...
भारत जैसे विविध स्वरूपों वाले समाज में आर्थिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक तथा पर्यावरणीय क्षेत्रों से सम्बन्धित अनेक चुनौतियां होती हैं। विकास ...
जलवायु फरिवर्तन व फर्यावरण असंतुलन का विश्व रंगमच फर आज हो रहा हो-हल्ला आधुनिक जीवन शैली का फरिणाम है। विश्व ...
शाखा बन्दर को अंग्रेजी में ‘हूलाक गिब्बन बाइनोपाइथेकस हूलाक’ कहा जाता है। असम और बांग्लादेश में बहुत अधिक संख्या में ...
भारत के ऋषि मुनियों ने प्राचीन काल से पर्यावरण के बारे में विचार किया था। भारत वासी नदी, तालाब, कुओं, ...
अनुमान है कि इस सदी के मध्य तक अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर अधिक वर्षा होगी। यह अतिरिक्त पानी बह ...
संक्रामक रोगों के फैलने, जल, जमीन व जंगल पर होने वाले दुष्परिणामों के कारण भविष्य में इस क्षेत्र में जीवन ...
पिछले कुछ सालों से हम पढ़ रहे हैं और सुन रहे हैं कि कर्नाटक राज्य के दण्डेली क्षेत्र के जंगलों ...
सभ्यताएं प्रकृति सुन्दरी की गोदी में खेलती रहेंगी वही भविष्य में पल्लवित और पुष्पित होंगी। भारतीय मानसिकता, आस्थाएं और जीवन ...
घर के बर्तन खरीदते वक्त ये ध्यान रखें कि आफ स्टील के बर्तन खरीदें व कम से कम पलास्टिक खरीदें। ...
मानव की बौध्दिक क्षमता की उड़ान को देखकर कभी-कभी हमें लगता है कि हम ‘विज्ञान’ की सहायता से प्रकृति के ...
बढते तापमान के परिणामस्वरूप बढ़ती शुष्कता, बढ़ते बाष्पीकरण से जमीन पर होनेवाले दुष्परिणामों को रोका जा सकता है। इसके लिए ...
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