राजनीतिक अंधकार का एक दशक
बढ़ती बेरोजगारी, दरकती हुई कानून-व्यवस्था, संस्थागत भ्रष्टाचार, बंद होते उद्योग, प्रतिभाओं का होता पलायन, दलीय निष्ठा में रंगी नौकरशाही, जातिवाद ...
बढ़ती बेरोजगारी, दरकती हुई कानून-व्यवस्था, संस्थागत भ्रष्टाचार, बंद होते उद्योग, प्रतिभाओं का होता पलायन, दलीय निष्ठा में रंगी नौकरशाही, जातिवाद ...
२०१० में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मैडल जीत कर इतिहास रचने वाली पूर्व एथलीट कृष्णा पूनिया कहती हैं ...
भारतीय अप्रवासियों के विरोध में अमेरिका में बढ़ते माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वहां जाना व इस बात ...
रामनाथ कोविंद के भारत के चौदहवें राष्ट्रपति बनने के साथ ही बरसों से कांग्रेस के एकाधिकार वाला राष्ट्रपति भवन भी ...
साल १९६६ के दूसरे पखवाड़े की बात है। दो साल पहले हुई नेहरू की मौत के बाद देश को बड़ी ...
डोकलाम में भारतीय व चीन सेनाएं भले ही आमने-सामने हो; लेकिन १९६२ को अब दोहराया नहीं जा सकता। वैश्विक परिदृश्य ...
‘‘विवेक संवाद के द्वारा मुंबई में आयोजित संगोष्ठी में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने बैंकिंग, फायनांस और सरकार ...
अगर किसानों का आक्रोश शांत नहीं हुआ तो इसका असर अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों पर भी पड़ने ...
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किसानों के सब से बड़े संगठन भारतीय किसान संघ से हुई बातचीत में किसानों ...
‘विपक्ष’ ने व्यक्ति विरोध से लेकर राष्ट्र विरोध तक का लंबा सफर तय कर लिया है। विरोध शब्द छोडकर शायद ...
मा. श्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले तीन वर्षों में गुजरात की प्रगति कैसी रही और विभिन्न ...
राजनीतिक दल भले ही आम सहमति की बातें करें परंतु यह चुनाव सदा से ही मुकाबले का रहा है। प्रथम ...
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